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व्यवसाय की वित्तीय योजना कैसे तैयार करें: ऋण प्राप्त करने के लिए कुंजी

by
admin
Posted on
May 17, 2024
व्यवसाय की वित्तीय योजना

किसी भी बिजनेस को सफल बनाने के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग एक बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। इससे एंटरप्रेन्योर को एक दूरदर्शी समझ मिलती है जिससे कि वह जान पता है कि उसे प्रतिस्पर्धियों से निपटने के लिए क्या करना चाहिए। ऐसा नहीं है कि वित्तीय योजनाओं केवल छोटे उद्योगों के लिए जरूरी है बल्कि यह छोटे और बड़े सभी तरह के उद्योगों के लिए जरूरी है। इससे एक बिजनेसमैन को उसके उद्देश्य का ज्ञान होता है और अगर उसे ऋण लेने की आवश्यकता है तो वह उसके बारे में भी अच्छी तरीके से आकलन कर सकता है।

फाइनेंशियल प्लानिंग के द्वारा एक बिजनेसमैन यह जान पता है कि उसके बिजनेस का लक्ष्य क्या है, उसके बिजनेस की वर्तमान आवश्यकता है क्या है और उन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उसके पास क्या संसाधन हैं। अगर उसके पास संसाधनों का अभाव है तो वह जान पाता है कि उन संसाधनों को कैसे अर्जित किया जाए। इस तरीके से बिजनेसमैन इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि उसे किस तरीके का और कितना लोन चाहिए।

इसे बिजनेसमैन केवल लाभ का पूर्वानुमान लगाने के लिए ही नहीं बनाता है बल्कि इसके जरिए वह अपने संस्था‌ एक गतिविधियों का आकलन बहुत अच्छे से कर पाता है। अगर आप भी ऋण लेने का विचार बना रहे हैं तो आपको फाइनेंशियल प्लानिंग जरूर करनी चाहिए जिससे कि आप एक सही निष्कर्ष पर पहुंच पाएं।

इसके अंतर्गत आप पढ़ेंगे कि वित्तीय नियोजन का क्या अर्थ है और वित्तीय नियोजन क्यों जरूरी है और कैसे यह ऋण कुंजी साबित होती है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आपकी वित्तीय योजना के आधार पर ऋणदाता कंपनी आपको व्यापार ऋण देती है।

वित्तीय योजना क्या है?

वित्तीय योजना अर्थात फाइनेंशियल प्लानिंग एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें बिजनेसमैन अपने बिजनेस की वर्तमान आर्थिक स्थिति और उसके निकटवर्ती और दूरवर्ती वित्तीय योजनाओं को वर्णित करता है । इसमें लक्ष्य कैसे प्राप्त करना है इसके विषय में सही रणनीति बनाई जाती है।

वित्तीय योजना बनाते समय बिजनेसमैन खर्चों का और संसाधनों का पूर्वानुमान लगाता है। इसके अलावा वह अपने बिजनेस के रिस्क को भी नापता है। बिजनेस रिस्क को नापते समय वह प्रतिस्पर्धी बाजार और देश विदेश में चल रही गतिविधियों पर ध्यान देता है। बिजनेस को न केवल उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियां प्रभावित करती हैं बल्कि देश में होने वाली घटनाएं भी उसे प्रभावित करती हैं। इसके अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था और वैश्विक शांति अशांति का भी प्रभाव एक बिजनेस पर पड़ता है। 

इस तरीके से यह एक वित्तीय खाका प्रदान करती है जिससे कि आप अपने बिजनेस के उद्देश्यों और लक्ष्य को पूरा कर सकें। आप वह कदम उठा पाएंगे जिससे कि आने वाले समय में आपका बिजनेस और प्रगतिशील हो सके।

उदाहरण के लिए अगर कोई कंपनी अपने बिजनेस का विस्तार नए बाजारों में करना चाहती है तो सबसे पहले वह फाइनेंशियल प्लानिंग बनाएगी जिससे वह अपनी कंपनी की वर्तमान वित्तीय स्थित को वर्णित करेगी। फिर उसके बाद वह अपने बिजनेस को बढ़ावा देने के लक्ष्य को भी सुनिश्चित करेगी। अंत में वह इस निष्कर्ष पर पहुंचेगी कि अगर वह बिजनेस का विस्तार करती है तो उसे कितनी लागत का इंतजाम करना चाहिए और एक बार बिजनेस शुरू करने के बाद वह कितने लाभ की संभावना रख सकता है। इस तरीके से उस कंपनी को यह समझने में आसानी होगी कि वह अपने बिजनेस विस्तार के लिए लोन कैसे जुटा सकता है और लोन के अलावा निवेश का प्रबंध कैसे करें।

किसी भी बिजनेस का विस्तार करते समय बिजनेसमैन को लोन लेने की जरूरत पड़ती ही है क्योंकि इस समय वह लाभ के बारे में नहीं लागत के बारे में सोचता है। जितनी अच्छी और सही लागत से बिजनेस को खोला या उसका विस्तार किया जाएगा उतनी ही अच्छी प्रगति और मुनाफा उसे बिजनेस में होगा। वित्तीय योजना हमेशा से ऋण की एक कुंजी का काम करती आई है इसके जरिए एक बिजनेसमैन अपने बजट, अपनी आय और लाभ का पूर्वानुमान कर पाता है। वह यह सुनिश्चित कर लेता है कि उसे नये बाजार में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कितनी लागत पर बिजनेस खोलना होगा। 

ऋणदाता को आकर्षित करने के लिए बिजनेस की वित्तीय योजना कैसे बनाएं

जब आप लोन के लिए आवेदन देते हैं तो आपकी लोन कंपनी आपसे आपका बिजनेस प्लान मांगती है। आपका बिजनेस प्लान ऐसा होना चाहिए जिससे कि कंपनी को आपके बिजनेस को समझने में आसानी हो और वह उससे एक ही बार में आकर्षित हो जाए।

कार्यकारी सारांश

इसके अंतर्गत आपको अपना सारा बिज़नेस प्लान एक ही पेज पर संक्षेप में वर्णित करना होगा। इसका उद्देश्य यह होता है कि पढ़ने वाले को आपके बिजनेस के बारे में एक ही बार में पूरी तरीके से समझ में आ जाए और उसका ध्यान भी आपके बाकी के प्लेन को पढ़ने के लिए आकर्षित हो।

उद्योग विश्लेषण

उद्योग विश्लेषण भाग के अंतर्गत आपको अपने बिजनेस की इंडस्ट्री के बारे में समझाना होगा और आपके बिजनेस में क्या रिस्क और क्या संभावनाएं हैं इनको भी सही तरीके से प्रस्तुत करना होगा। लोनदाता कंपनी को यह सूचित करता है कि आपका उद्योग कैसे कार्य करता है और आपका बिजनेस किस श्रेणी में आता है। इसीलिए इस भाग की शुरुआत सबसे पहले आप अपने उद्योग के बारे में समझाते हुए करें। फिर उसके बाद आप अपने उद्योग के उत्पादों और सेवाओं के बारे में बताएं और यह भी बताएं कि इस उद्योग के प्रति ग्राहकों की क्या मांग होती है। उसके बाद आप अपने उद्योग से संबंधित उन आंतरिक और बाहरी कारकों के बारे में भी जरूर बताएं जिनका असर उद्योग के क्रियान्वयन पर निरंतर पड़ता है।

बाजार विश्लेषण

बाजार विश्लेषण का अर्थ है कि आपका बिजनेस बाजार के किस भाग का हिस्सा है जैसे अगर आप एक कपड़ा व्यापारी हैं तो आपके कपड़े की गुणवत्ता को पसंद करने वाला ग्राहक उच्च आय वर्गीय है, मध्यम आय वर्गीय है, या फिर कम मध्यम आय वर्गीय है।

इसके अलावा इस भाग में आपको अपने बिजनेस के आकार को भी बताना होगा और आपका बिजनेस किस श्रेणी में आता है यह भी समझना होगा। इसमें आप अपने प्रतिस्पर्धी कंपनियों के बारे में बताना भी ना भूलें और साथ में यह भी बताएं कि कैसे आपका बिजनेस ग्राहकों को आकर्षित करता है।

प्रतिस्पर्धी विश्लेषण

प्रतिस्पर्धी विश्लेषण के जरिए आप लोनदाता कंपनी को यह बता पाएंगे कि आपके बिजनेस के प्रतिस्पर्धी कौन हैं और आपके बाजार का क्या स्तर है।  इस भाग में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें:

  • आपके ग्राहक ज्यादातर कहां से खरीदारी करते हैं?
  • आपके प्रतिस्पर्धी आपसे किन मामलों में अलग हैं?
  • आपके प्रतिस्पर्धी अपने उत्पादों और वस्तुओं का मूल्यांकन करते समय किन बातों का ध्यान रखते हैं?
  • आपके ग्राहक आपके प्रतिस्पर्धियों को क्यों पसंद करते हैं?
  • आपके ग्राहक आपसे सेवा लेना क्यों पसंद करते हैं?

लक्ष्य बाजार विभाजन

लक्ष्य बाजार विभाजन में आपको यह बताना होगा कि आपके बिजनेस का लक्षित मार्केट क्या है और आप अपने ग्राहकों की मांग को किस तरीके से पूरा करते हैं। इस क्षेत्र का उद्देश्य यह है कि आपके लोनदाता कंपनी को आपके बिजनेस के बारे में अच्छे से जानकारी हो जाए और वह जान पाए कि कैसे आपका बिजनेस लाभ अर्जित करता है।

इस भाग के अंतर्गत सबसे पहले आप यह बताएं कि ग्राहकों को आपसे क्या अपेक्षाएं हैं । वह आपकी किन उत्पादों और सेवाओं को सबसे ज्यादा बेहतर मानते हैं। उसके बाद आप यह बताएं कि ग्राहक किस तरीके से आपकी वस्तुएं और सेवाओं का आकलन करते हैं। यह आप अपनी कंपनी की बाजार रणनीति के आधार पर भी समझा सकते हैं। इस क्षेत्र में आगे यह बताना ना भूलें कि आपकी बाजार रणनीति आपके प्रतिस्पर्धियों से किस तरीके से अलग है। इसको पढ़ने के बाद आपके ऋणदाता को पता चलेगा कि आपका बिजनेस किस तरीके से प्रतियोगी बाजार में मुकाबला करने वाला है।

वस्तुएं और सेवाएं

इस भाग के अंतर्गत आपको यह बताना आवश्यक है कि आपका बिजनेस किस तरीके से अपने ग्राहकों को वस्तुएं और सेवाएं प्रदान कर रहा है इसमें आप अपनी वस्तुएं और सेवाओं को उनके मूल्य के साथ में वर्णित करें ‌।साथ ही आप लोनदाता कंपनी को यह भी बताएं कि इन वस्तुओं और सेवाओं के निर्माण के लिए आपको किस प्रकार की मशीनरी और कच्चे माल की जरूरत होती है।

बाजार रणनीति

अब तक आपकी लोनदाता कंपनी अच्छे से समझ गई है कि आप किन वस्तुओं और सेवाओं को प्रदत्त करते हैं। इसके बाद आपको यह समझाना जरूरी है कि आपने अपने बाजार के लिए क्या सोच रखा है। इसके अंतर्गत आप यह समझाएंगे कि आप वह कौन से प्रयास करते हैं जिससे कि आपका ग्राहक आपसे सामान खरीदने के लिए आकर्षित होता है।

इस क्षेत्र के अंतर्गत आप अपनी कंपनी के आय और लाभ के लक्ष्य और आप किस तरीके से उनको प्राप्त करेंगे यह सब समझाना ना भूलें। इसके अंतर्गत आपको यह भी बताना होगा कि आपके बिजनेस में किस तरीके की चुनौतियां आती हैं और आप किस तरीके से उन चुनौतियों को दूर कर पाते हैं। प्लानिंग आपकी लोनदाता कंपनी को यह समझने में आसानी देगी कि आपको कितनी अवधि का और कितना लोन प्रदान किया जाए।

परिचालन योजना

परिचालन योजना आपकी कंपनी की दिन प्रतिदिन की गतिविधियों के बारे में वर्णन होता है । यह क्षेत्र इसीलिए आवश्यक है क्योंकि इससे आपकी लोनदाता कंपनी को यह समझने में आसानी होगी कि आपका बिजनेस किस तरीके से कार्य करता है।

प्रबंधन टीम

इस क्षेत्र को बिजनेस प्लान में जरूर शामिल करें क्योंकि यह आपके लोनदाता को यह बताता है कि आपके कंपनी का मैनेजमेंट कैसा है और आपकी कंपनी के मैनेजमेंट टीम में कौन-कौन से लोग शामिल हैं। इसके जरिए वह आपकी कंपनी के मालिकों और उसके मैनेजमेंट टीम की शैक्षिक और व्यवसाय योग्यता के बारे में आकलन लगा पाएगी।

वित्तीय योजना

वित्तीय योजना आपके लोनदाता को दो चीजें बताती है। पहली चीज कि आप हर साल कितना खर्च कर सकते हैं और आप हर साल कितना लाभ अर्जित कर सकते हैं।  यह आपकी लोनदाता का कॉन्फिडेंस आप पर बनाता है। इसके अंतर्गत आप इन चीजों को जरूर शामिल करें:

  • कैश फ्लो विवरण
  • आय विवरण
  • पूंजी वह बजट
  • बैलेंस शीट

कुछ लोनदाता कंपनी आपके बिजनेस का कम से कम 3 साल का फाइनेंशियल डाटा मांगती है और कुछ कंपनियां आपका बिजनेस का कम से कम 5 साल का फाइनेंशियल डाटा मांगती है। आप एक नया बिजनेस खोलने जा रहे हैं तो ज्यादा से ज्यादा फाइनेंशियल डाटा उपलब्ध कराएं।

निष्कर्ष

व्यवसाय की वित्तीय योजना बनाते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आपकी ऋण दाता कंपनी को वह सारी जानकारी उपलब्ध हो जाएं इसके आधार पर वह आपको लोन दे। इसीलिए आप अपनी वित्तीय योजना में अपने बिजनेस से जुड़े अवसर, प्रतियोगी माहौल, वस्तुओं और उत्पादों की मांग, ग्राहकों का लाभ, ग्राहकों की रुचि इत्यादि कारकों को समझाना ना भूलें। इससे न केवल लोनदाता कंपनी आपको बिजनेस लोन जारी कर देगी बल्कि वह आपको अच्छी किस्तों पर, कम ब्याज दर पर और लंबी अवधि के लिए भी लोन प्रदान करेगी।

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