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CIN नंबर – CIN (कॉर्पोरेट पहचान संख्या) क्या है, इसे कैसे प्राप्त करें, परिभाषा, उपयोगिता

by
admin
Posted on
Aug 29, 2024

भारत में रजिस्टर्ड ऑफ कंपनीज के द्वारा विशिष्ट पहचान के लिए रजिस्टर्ड कंपनियां को एक नंबर दिया जाता है,जिसे CIN Number कहा जाता हैl यह 21 अंक का अल्फान्यूमैरिक नंबर होता हैl भारत सरकार की कंपनियां, राज्य सरकार की कंपनियां, One Person, निजी लिमिटेड कंपनियां, गैर लाभकारी संगठन और विभिन्न प्रकार की संस्थाओं के लिए यह नंबर जारी किया जाता हैl

आप की जानकारी के लिए बता दे कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत काम करने वाला रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के द्वारा‌ CIN Number के आवंटन के प्रबंध का काम किया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की पंजीकृत इकाइयों(Registed Units)का इस्तेमाल विस्तृत कंपनी की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। प्रत्येक रजिस्टर्ड ऑफ कंपनीज( Register Of Company) के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत जितने भी कंपनियां आती है, उन सभी कंपनियां को CIN Number दोनों की जिम्मेदारी रजिस्टर्ड ऑफ कंपनीज की ही होती हैं।
CIN Number में कंपनी के बारे में निम्नलिखित जानकारी लिखी हुई होती है।

  • सूचीकरण स्थिति
  • उद्योग कोड
  • पंजीकरण संख्या
  • राज्य कोड
  • निगमन का वर्ष
  • स्वामित्व

CIN Number कंपनी की व्याख्या कैसे करता है?

CIN Number में कंपनी के बारे में काफी महत्वपूर्ण जानकारी लिखी होती है।  जान लेते हैं कि किस प्रकार से CIN Number कंपनी की व्याख्या करता है।
1. लिस्टिंग की स्थिति– CIN Number का पहला अक्षर लिस्टिंग स्थिति को अच्छे से दर्शाता है। अगर किसी कंपनी के शेयर बाजार में सूचीबद्ध है, तो उसे L से दर्शाया जाता है. इसके अलावा अगर किसी कंपनी के शेयर सूचीबद्ध नहीं है, तो यह U को दर्शाता हैl
2. उद्योग कोड-लिस्टिंग कोड के बाद पांच नंबर की संख्या उद्योगों कोड को दर्शाती है l उद्योग कोड को भागो, अनुभागो, वर्ग उप वर्ग और समूह आदि के बारे में जानकारी देती हैl यह कंपनी के उद्योगों का विस्तृत रूप से वर्णन करता है।

उद्योग कोड के कुछ एग्जांपल इस प्रकार हैं–

Industries  Code 
Hospital  851100
Mineral water Manufacturers  15543


3. राज्य कोड-कंपनी जिस भी राज्य में होगी, उस राज्य के हिसाब से कंपनी का राज्य कोड भी होता है। जैसे कि अगर कोई कंपनी हरियाणा राज्य में है, तो उसका राज्य कोड अलग होगा। अगर कोई कंपनी पंजाब में है, तो उसका राज्य कोड अलग होगा। राज्य को दो नंबर का कोड होता है । यह CIN Number के सातवें एवं आठवें स्थान पर आता है।
4. निगमन वर्ष– यह CIN Number  के 9 वें से 12 वें स्थान पर होता है। यह चार अंको का नंबर होता है।
5. कंपनी के ओनरशिप की स्थिति -यह तीन नंबर का कोड होता है और CIN Number के तीन अक्षरों का कोड होता है, जो 13 वें, 14 वें और 15 वें स्थान को दर्शाता है।

स्वामित्व स्थिति के लिए प्रयुक्त संक्षिप्तकार इस प्रकार है।

  • प्राइवेट लिमिटेड कंपनी – पीटीसी
  • पब्लिक लिमिटेड कंपनी – पीएलसी
  • भारत सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियाँ – GOI
  • राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियाँ – एस.जी.सी.
  • वित्तीय लीज़ कंपनी (पब्लिक लिमिटेड के रूप में) – एफ.एल.सी.
  • जनरल एसोसिएशन पब्लिक – GAP
  • विदेशी कंपनी की सहायक कंपनी – एफटीसी
  • जनरल एसोसिएशन प्राइवेट – GAT
  • गैर-लाभकारी लाइसेंस कंपनी – एनपीएल
  • पब्लिक लिमिटेड कंपनी (असीमित देयता) – ULL
  • प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (असीमित देयता) – ULT

6. पंजीकरण की संख्या-किसी भी कंपनी का पंजीकरण नंबर 6 नंबर का होता है। CIN Number में कंपनी पंजीकरण की संख्या 16 से 21वें स्थान पर होती है, जो कंपनी के रजिस्ट्रेशन को दर्शाती है।
हम आपको एक एग्जांपल के जरिए समझाते हैं। मान लीजिए किसी कंपनी का CIN Number L21091KA2019OPC141331 है। इस नंबर की अंतिम 6 नंबर को पंजीकरण नंबर कहते हैं,जैसे की इस CIN Number में कंपनी रजिस्ट्रेशन नंबर 141331 है।

CIN Number कैसे प्राप्त करते हैं?

नीचे बताई जा रही प्रक्रिया के माध्यम से आप अपनी कंपनी के लिए CIN Number प्राप्त कर सकते हैं।

1. आवेदन करना

CIN Number अप्लाई करने के लिए आपको सबसे पहले कॉरपोरेट मामले के मंत्रालय के ऑफिशल पोर्टल को ओपन करना होगा और ऑफिशल पोर्टल के माध्यम से आप ऑनलाइन तरीके से आवेदन कर सकेंगे।

2. दस्तावेजों एवं आवेदन का सत्यापन

जैसे ही आप नंबर पाने के लिए आवेदन करेंगे, तो आवेदन के पश्चात आपके सभी दस्तावेज और आवेदन की सही से जांच भी होगी। दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया के पश्चात ही नंबर जारी करने की अगली प्रक्रिया शुरू होगी।

3. प्रमाण पत्र 

जब आपके द्वारा आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और आपकी दस्तावेजों एवं आवेदन की अच्छे से जांच हो जाएगी, तो उसके पश्चात आपके लिए CIN Number जारी किया जाएगा ।यह नंबर कुल 21 डिजिटल का होता है। जिसके सबसे अंत के छह अक्षर कंपनी के रजिस्ट्रेशन को दर्शाते हैं।

4. निगमन के पश्चात अनुपालन

CIN Number जब आपको प्राप्त हो जाएगा, तो कंपनी के निगमन के पश्चात विभिन्न अनुपालन दायित्व का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके अंतर्गत आपका बैंक खाता नंबर, पैन कार्ड नंबर ,सेवा कर और अन्य विभिन्न प्रकार की वित्तीय गतिविधियां शामिल होती हैं । 

रजिस्ट्रेशन नंबर मिलने के पश्चात सभी कानूनी कार्यवाही और अन्य नियमों का पालन करना जरूरी होता हैl
Section 7(3) of the Companies Act, 2013 के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किया जाता है। वह हर कंपनी का अलग-अलग होता है। हर कंपनी को अलग-अलग जारी किया जाता है, जिससे कंपनी की अलग पहचान बनती है।

कंपनी का CIN Number किस प्रकार से चेक करें?

  • किसी भी कंपनी का कॉर्पोरेट पहचान संख्या पता लगाने के लिए आपको एमसीए के आधिकारिक पोर्टल को ओपन करना होगा।
  • सबसे पहले आपको एमसीए के आधिकारिक पोर्टल को ओपन करना होगा।
  • आधिकारिक पोर्टल के होम पेज पर आपको एमसीए सर्विसेज का विकल्प दिखाई देगा, आपको इसी विकल्प पर क्लिक करना होगा।
  • Company Services के ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद आपको एक लिस्ट नजर आएगी।
  • जिसमें आपको CIN वाले विकल्प को ढूंढना होगा और इसी पर क्लिक करना है।
  • इसके बाद आपको सर्च बॉक्स में कंपनी का नाम डालना होगा और कैप्चा कोड डालकर कंपनी के बारे में सर्च करना होगा।
  • किसी भी नियम का अनुपालन नहीं किया है, तो आपको ₹100000 तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।

CIN Number में बदलाव के क्या कारण हो सकते हैं?

कंपनी को जो एक CIN Number दिया जाता है, उसमें Fraud चांस बहुत कम होते हैंl लेकिन कुछ स्पेशल केस में CIN Number में बदलाव करना पड़ता हैl

लिस्टिंग स्टेटस में बदलाव

अगर आपकी कंपनी पहले शेयर मार्केट में लिस्टेड है,लेकिन किसी कारण कंपनी शेयर मार्केट में अनलिस्टेड हो जाती हैl तो ऐसे में आपको CIN Number में बदलाव करवाने होंगे।

रजिस्टर्ड ऑफिस में बदलाव

CIN Number में दो नंबर आपके स्टेट को भी दर्शाते हैं। अगर आपकी कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस है, एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर किया गया है। ऐसी सिचुएशन में CIN Number में बदलाव करना पड़ता है।

इंडस्ट्री में बदलाव होना

अगर किसी कंपनी की प्रायमरी एक्टिविटीज में बदलाव आ जाता है। तो इसके लिए भी CIN Number फिर से लेना होगा। पुरानी इंडस्ट्री में बदलाव करके नए तरीके से इंडस्ट्री की शुरुआत की है,तो उसी हिसाब से फिर आपको CIN Number मिलेगा।

सेक्टर में बदलाव होना

हर कंपनी का क्षेत्र अलग-अलग होता है। अगर किसी कंपनी के सेक्टर में बदलाव आता है ,तो ऐसी स्थिति में भी कंपनी को CIN Number में बदलाव करने की जरूरत पड़ती है।

कॉर्पोरेट आईडेंटिफिकेशन नंबर के फायदे क्या है?

CIN Number प्रत्येक कंपनी के लिए काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि इस नंबर के माध्यम से आप आसानी से कंपनी की प्रत्येक एक्टिविटी को ट्रैक कर सकते हैं । कंपनी की ज़रूरतें,नियम , कंपनी की डेडलाइन और ट्रांजैक्शन से संबंधित सभी जानकारी आप CIN Number के माध्यम से जान सकते हैं।

Legal Compliance

कंपनी एक्ट 2013 के अंतर्गत प्रत्येक कंपनी के लिए CIN Number नंबर निर्धारित किया गया है। अगर किसी कंपनी के पास CIN Number नंबर है तो उसे यह जानकारी मिलती है कि कंपनी के द्वारा कंपनी एक्ट 2013 और कंपनी से संबंधित सभी एक्ट को अच्छे से फॉलो किया गया है। किसी कंपनी के पास अगर यह नंबर नहीं है, तो यह कंपनी के फाइनेंशियल स्थिति पर इफेक्ट तो डालेगा ही, इसके अलावा कंपनी पर पेनल्टी भी लगाई जा सकती है।

Business Identification

CIN Number के माध्यम से हम किसी भी कंपनी के कंपीटीटर के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । इसके अलावा कस्टमर और स्टेकहोल्डर के द्वारा भी मूल्यांकन करना आसान हो जाता है। इस नंबर के माध्यम से कंपनी की ब्रांड रेपुटेशन में भी इजाफा होता है। इसके कारण बेहतर बिजनेस अपॉर्चुनिटी मिलती है और इसके अलावा कस्टमर के साथ Good रिलेशनशिप भी बनती है।

Access to Credit

अगर आपको अपनी कंपनी के लिए लोन की आवश्यकता है और आपके पास CIN Number है, तो आपको लोन लेने में काफी ज्यादा आसानी होगी। अगर आपकी कंपनी की परफॉर्मेंस बढ़िया है, कंपनी का रिकॉर्ड अच्छा है, तो आपको फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के माध्यम से आसानी से बिजनेस लोन मिल सकता है।

Compliance with Tax Regulations

CIN Number के माध्यम से कंपनियों के द्वारा कंपनी पर लगे टैक्स से संबंधित जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है। इनकम टैक्स वह अन्य टैक्स के बारे में समय-समय पर अपडेट मिलती रहेगी, तो पेनल्टी से भी आप बच जाएंगे।

Corporate Governance

किसी भी कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए पारदर्शिता की आवश्यकता होती है। कंपनी की ट्रांसपेरेंसी और अकाउंट एबिलिटी को प्रमोट करने के लिए ही भारत सरकार के द्वारा ‌CIN Number की शुरुआत की है । इस नंबर की सहायता से लेटर हेड, इनवॉइस एनुअल रिपोर्ट और रिकॉर्ड से संबंधित जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है। इसके कारण कंपनी की परफॉर्मेंस को चेक करना भी काफी आसान हो चुका है।

Identification and Tracking

CIN Number प्रत्येक कंपनी के राज्य व सेक्टर के हिसाब से अलग-अलग होता है ,CIN Number की मदद से आप किसी भी कंपनी की सिचुएशन को ट्रैक कर सकते हैं स्थिति को पहचान सकते हैं और रिपोर्ट तैयार कर रहे सकते हैं । विभिन्न प्रकार के  बिल इन्वॉयस, बिल, लोन और अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते हो। इतना ही नहीं आप बिजनेस लोन लेने से पहले या लेने के बाद अपने सिस्टम को ट्रैक भी कर सकते हो।

CIN Number की आवश्यकता

CIN Number की आवश्यकता अधिकतर कंपनी को ही होती है। दरअसल यह कंपनी का एक यूनिक आईडी नंबर होता है। किसी भी दो कंपनियों का नंबर एक समान नहीं हो सकता है। जीएसटी भरने के लिए वा अन्य बहुत सारे कार्य ऐसे हैं, जिन्हें करने के लिए CIN Number की आवश्यकता होती है।
हम आपको नीचे जानकारी दे रहे हैं कि CIN Number का इस्तेमाल कहां-कहां पर किया जाता है

1. On invoices, e-bills, और receipts.
2. On notices, memos, और letterheads.
3. In business letters और billheads.
4. In annual reports और audits
5.एमसीए की ऑफिशल वेबसाइट पर जब आप अपना फॉर्म सबमिट करते हैं। तब भी इस नंबर की आवश्यकता पड़ती है।
6.जब आप किसी अन्य आर्गेनाइजेशन के साथ कोलैबोरेट करते हैं, तो इस नंबर की आवश्यकता होती हैl
‌7.किसी ऑफिशियल पब्लिकेशन जैसे की बुक या फाइनेंशियल रिजल्ट की पब्लिकेशन से पहले भी इस नंबर की आवश्यकता होगी.

CIN Number में बदलाव के लिए दस्तावेज

CIN Number के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं, तो रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपके पास कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी होने चाहिएI यह सभी दस्तावेज आपको रजिस्ट्रेशन करवाते समय सबमिट करने होंगेl 

अगर आपके पास नीचे बताए रहे हैं, दस्तावेज नहीं है। तो आपको CIN Number के लिए आवेदन करते समय काफी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। चलिए डॉक्यूमेंट की लिस्ट जान लेते हैं।

  • कंपनी के सभी डायरेक्टर्स के डिजिटल सिग्नेचर होना अनिवार्य है।
  • सभी डायरेक्टर का डायरेक्टर आईडेंटिफिकेशन नंबर होना चाहिए।
  • सभी डायरेक्टर का आईडेंटिटी प्रूफ होना जरूरी है।
  • डायरेक्टर और कंपनी का एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है।
  • यूटिलिटी बिल होना चाहिए या बिल 2 महीने से पुराना ना हो।
  • सभी डायरेक्टर की रंगीन फोटो होनी चाहिए
  • बाकी दस्तावेजों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए रिलेशनशिप मैनेजर से आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

कॉर्पोरेट आईडेंटिफिकेशन नंबर लेने के लिए पात्रता

कॉर्पोरेट आईडेंटिफिकेशन नंबर लेने के लिए कुछ पात्रता निर्धारित की गई है,जो कंपनी इस पात्रता के अनुसार होगी उसे कॉर्पोरेट आईडेंटिफिकेशन नंबर दे दिया जाएगा।
Companies Act, 2013 के अंतर्गत कंपनी रजिस्ट्रड हो: जिस कंपनी के द्वारा कॉर्पोरेट आईडेंटिफिकेशन नंबर के लिए आवेदन किया जा रहा है । वह कंपनी एक्ट 2013 और अन्य संबंधित भारतीय एक्ट के अंतर्गत रजिस्टर्ड होनी चाहिए। प्राइवेट कंपनी ,प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पब्लिक लिमिटेड कंपनी, सिंगल पर्सन कंपनी और अन्य सभी कंपनियों को CIN Number के लिए पात्र माना गया है।
Business Operations: CIN Number सिर्फ उसी कंपनी को दिया जाएगा, जो भारत में अपना व्यापार चला रही होगी। मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉर्पोरेशन अफेयर के अंतर्गत कंपनी रजिस्टर्ड होनी चाहिए और कंपनी के द्वारा अगर भारत में एक्टिविटी की जा रही है, तभी CIN Number दिया जाएगा।
Company Status: जो कंपनी मौजूदा समय एक्टिव पोजीशन में है, सिर्फ उन्हें कंपनियों को CIN Number दिया जाएगा। जो कंपनियां एक्टिव नहीं है या स्क्रैप्ड हो चुकी है, उन्हें CIN Number नहीं दिया जाएगा।
Compliance with Legal Requirements: Ministry of Corporate Affairs and the Registrar of Companies (RoC) की कुछ लीगल रिक्वायरमेंट होती है। जिन्हें कंपनी को पूरा करना होता है। जैसे कि बैलेंस सीट मेंटेन करना, एनुअल रिकॉर्ड, फाइनेंशियल स्टेटमेंट और अन्य सभी मेंटेन करना जरूरी है। अगर कंपनी यह सब नहीं कर रही है, तो उसे सीआईएन नंबर नहीं दिया जाएगा।
Valid Identification Documents: आवेदक के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, कलर फोटो, एड्रेस प्रूफ और अन्य सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज होने अनिवार्य हैं।
Payment of Fees: जब आप CIN नंबर के लिए आवेदन करते हैं, तो आवेदन की प्रक्रिया या कंपनी के आधार पर आपको अलग-अलग शुक्ल का भुगतान करना पड़ सकता है। जो भी हमने आपको पात्रता बताई है, इस पात्रता के आधार पर कंपनी को CIN Number दिया जाता है।

जुर्माना

हमने आपको पोस्ट के माध्यम से कुछ ऐसी जानकारी दी है, जिसके आधार पर हर कंपनी को CIN Number दिया जाता है। अगर कोई कंपनी कानूनी नियमों को पूरा नहीं कर रही है या कंपनी के पास कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज नहीं है, तो उन पर ₹1000 प्रतिदिन के हिसाब से फाइन भी लगाया जा सकता है और यह फाइन अधिकतम एक लाख रुपए तक हो सकता है।

Flexiloans से अपने बिजनेस का फ्यूचर सिक्योर करें

अगर आप अपने बिजनेस के लिए बेहतर लोन विकल्प ढूंढ रहे हैं, तो FlexiLoans आपके लिए बेस्ट विकल्प हो सकता हैl क्योंकि FlexiLoans के द्वारा आपको का्म लोन इंटरेस्ट रेट पर लोन लोन दिया जाता है। इसके अलावा लोन लेने की प्रक्रिया भी यहां पर काफी ज्यादा आसान है। 

आपको कुछ समय में ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करने के बाद लोन की राशि मिल जाती है। यहां पर आपको लोन से संबंधित कई ऑफर के बारे में जानकारी मिल जाएगी। आप अपने बजट के या फिर अपने बिजनेस की जरूरत के हिसाब से कोई भी बिजनेस प्लान चुन सकते हैं। लघु मध्यम और अन्य सभी तरह के बिजनेस के लिए आप यहां से लोन ले सकते हैं।

FAQ 

Q. 1. GST में CIN Number और कंपनी के CIN Number में क्या अंतर होता है?
Ans: जीएसटी में यह नंबर चालान पहचान संख्या के लिए बनाया जाता है। इसे सरकारी खातों के बारे में जानकारी मिल जाती है। इसके अलावा कंपनी के CIN Number के माध्यम से कंपनी के बारे में जानकारी मिलती है।
Q. 2. कंपनी के लिए CIN Number की आवश्यकता किसे है?
Ans: प्राइवेट कंपनी, पब्लिक कंपनी, पब्लिक लिमिटेड कंपनी, सिंगल पर्सन कंपनी, निधि कंपनी, निर्माता कंपनी और अन्य लगभग आठ तरह की कंपनियों को CIN Number लेने की आवश्यकता है।
Q. 3. CIN Number कैसे ले सकते हैं?
Ans: CIN Number लेने के लिए आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा और इसके लिए सभी डायरेक्टर के आईडी प्रूफ, डिजिटल सिग्नेचर, एड्रेस प्रूफ, फोटो के अलावा काफी सारे दस्तावेज की आवश्यकता होगी।
Q. 4. क्या CIN Number पंजीकरण संख्या के समान ही होता है?
Ans: नहीं, कंपनी के CIN Number के लास्ट 6 डिजिटल पंजीकरण संख्या को दर्शाते हैं।
Q. 5. CIN Number का सत्यापन आप कैसे कर सकते हैं?
Ans: एमसीए के ऑफिशल पोर्टल को ओपन करना होगा और उसमें आपको मास्टर डाटा के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। मास्टर डाटा के ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद कंपनी या एलएलपी मास्टर डेटा देखें, के ऑप्शन पर क्लिक करें और उसके बाद अपना CIN Number डाल दे। इस प्रकार से आप नंबर चेक कर सकते हैं।
Q. 6. स्वामित्व वाली कंपनी के लिए क्या CIN Number आवश्यक है?
Ans: हां, स्वामित्व वाली कंपनी के लिए CIN Number आवश्यक है।
Q. 7. भारत में CIN Number प्राप्त करने की प्रक्रिया क्या है?
Ans: CIN Number प्राप्त करने के लिए आपको एमसीए के आधिकारिक पोर्टल को ओपन करना होगा और वहां पर आपको स्टेप बाय स्टेप CIN Number के लिए आवेदन प्रक्रिया को फॉलो करना होगाl दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करें। इस प्रकार से आपके आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
Q. 8. भारत में CIN Number प्राप्त करने के लिए कितने दिन का समय लग जाता है?
Ans: भारत में CIN Number प्राप्त करने के लिए लगभग 7 से 10 दिन का समय लग जाता हैl
Q. 9. विदेशी कंपनी को भारत में CIN Number मिल जाएगा?
Ans: हां, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत विदेशी कंपनी को CIN Number मिल सकता हैI
Q. 10 .CIN Number प्राप्त करने के पश्चात कंपनी को किन नियमों का पालन करना होता है?
Ans: कंपनी को पैन कार्ड,बैंक अकाउंट, जीएसटी और वैधानिक और नियामक आवश्यकताओं से संबंधित कई तरह के नियमों का पालन करना पड़ता हैl

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