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क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (CDS) क्या है? क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप का अर्थ, विशेषताएं और उपयोग

by
admin
Posted on
Aug 08, 2024
CDS

आज के समय में महंगाई काफी ज्यादा हो चुकी है और इस महंगाई के दौर में कभी ना कभी हमें लोन लेने की आवश्यकता हो ही जाती हैl अगर आप ने भी किसी से लोन लिया है, तो आपको क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (Credit Default Swap ) के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। लोन लेने के बाद क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है। इस पोस्ट के माध्यम से आज हम आपको क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप क्या है, विशेषताएं और क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप का उपयोग कैसे करें, इस बारे में पूरी जानकारी विस्तार से बता रहे हैं।

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क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप क्या होता है?

दरअसल क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप एक कॉन्ट्रैक्ट होता है। जो दो निवेशकों के बीच किया जाता है। इसमें यदि निवेशक को लोन का भुगतान करने में क्रेडिट रिस्क की संभावनाएं लग रही है, तो वह देनदार के साथ अपना क्रेडिट स्वैप कर सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की Credit Default Swap होने से एक फायदा यह होता है कि अगर हम कभी डिफॉल्ट होने की स्थिति में आ जाते हैं, तो हम क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसके कारण हम डिफाल्ट होने से बच जाएंगे।
बहुत बार ऐसा भी होता है कि हमें कहीं पर पेमेंट करनी होती है, लेकिन हमारे पास पर्याप्त पैसे ही नहीं होते हैं। जिस कारण हम डिफाल्टर की श्रेणी में आ जाते हैं। अगर समय पर हम क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप का इस्तेमाल कर ले, तो हम डिफाल्टर होने से बच जाएंगे। क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप के लाभ भी हैं और इसके कुछ नुकसान भी है। चलिए आगे विस्तार से इसके लाभ और नुकसान के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप के लाभ । Credit Default Swap Benefits 

क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप के लाभ इस प्रकार है। 

जोखिम कम करने में मदद मिलती है

 क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप एक क्रेडिट डेरिवेटिव होता है। यह खरीदार को संभावित डिफाल्ट के लिए सुरक्षा प्रदान करता है। क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप का इस्तेमाल अगर हम करते हैं, तो हम क्रेडिट जोखिम को Manage कर सकते हैं और स्थानांतरित भी कर सकते हैं।
क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप में विक्रेता के द्वारा खरीदार को डिफॉल्ट होने की स्थिति में मदद की जाती हैl इसके बदले खरीदार के द्वारा विक्रेता को Premium Amount का भुगतान भी किया जाता है।

आपातकालीन परिस्थितियों में भी फायदेमंद

बहुत बार ऐसा भी होता है कि लेनदार अपने पर बकाया राशि का भुगतान करने के लिए पात्र होता है और उसके द्वारा भुगतान भी किया जाता है। लेकिन अचानक से कुछ ऐसी परिस्थितियों आ जाती है, जिसके कारण लेनदार समय पर भुगतान नहीं कर पता है। तो ऐसे में जब लेनदार की मजबूरी होती है, तो उसे देनदार से क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप के माध्यम से मदद मिल जाती है।

डिफाल्टर होने से बच जाते है।

अगर कोई व्यक्ति एक बार डिफॉल्ट घोषित कर दिया जाता है, तो उसे काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। इसलिए  क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप लेनदार को डिफॉल्ट होने से बचने के लिए काफी मददगार है।

जोखिम का प्रबंध करने में आसानी

क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप(Credit Default Swap ) का इस्तेमाल करने से जोखिम का प्रबंध करने में काफी ज्यादा आसानी हो जाती है। कभी-कभी अचानक से कुछ ऐसी परिस्थिति आ जाती है,हम समय पर पेंडिग पेमेंट का भुगतान नहीं कर पाते हैं। जिसके कारण हम Defaultor घोषित किया जा सकते हैं। लेकिन जोखिम का प्रबंध अगर आप पहले से ही करके रखेंगे, तो आपको कोई समस्या नहीं होगी। आप आसानी से क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप का इस्तेमाल करके Payment का भुगतान कर सकते हैं।

क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप के नुकसान l Credit Default Swap Demerits 

क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप का इस्तेमाल करने से कुछ नुकसान भी हो सकता है।
एक दूसरे पर निर्भर

क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप के अंतर्गत लेनदार और देनदार दोनों के बीच में एक कॉन्ट्रैक्ट होता है। जिसके अंतर्गत लेनदार के द्वारा समय पर भुगतान किया जाता है।  लेनदार के द्वारा अगर समय पर Payment न कि जाए, तो ऐसी स्थिति में लेनदार डिफाल्टर घोषित हो सकता है। कई बार विक्रेता भी लेनदार को जोखिम से नहीं बचाता है। जिसके कारण लेनदार को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।

क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप को समझना थोड़ा मुश्किल होता है

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप का इस्तेमाल करना फायदेमंद तो है ही। लेकिन कई बार लेनदार और देनदार दोनों के बीच Contract होने के बावजूद भी आपसी सहमति नहीं बन पाती है। कई बार विवाद भी हो जाते हैं। जिसके कारण क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप के अंतर्गत लेनदार को नुकसान हो सकता है।

सट्टा बाजार में मुश्किल बढ़ सकती है

Credit Default Swap का उपयोग दरअसल सट्टा बाजार में किया जाता है। लेकिन सट्टा बाजार में क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप का उपयोग करने से सट्टा बाजार की अस्थिरता बढ़ सकती है।

क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप का उपयोग किस प्रकार से करें?

क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप करवाने के लिए लेनदार और देनदार की अहम भूमिका होती है। Credit Default Swap एक तरह का कॉन्ट्रैक्ट होता है और इस कॉन्ट्रैक्ट में कुछ महत्वपूर्ण नियम व शर्तों को माना जाता है। लेनदार को अगर अपनी पेमेंट का भुगतान करने में कोई समस्या नजर आती है, तो वह देनदार के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट कर लेता है।

इस Contract के माध्यम से लेनदार के जितने भी रिस्क होते हैं, उन रिस्क को चुकाने के लिए और लेनदार को डिफॉल्ट होने से बचाने के लिए विक्रेता के द्वारा कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किया जाता है।

देनदार के द्वारा लेनदार को डिफाल्टर होने से बचाया जाता है। और इस स्थिति में लेनदार के द्वारा देनदार को कुछ Premium Amount का भुगतान किया जाता है और लेनदार के द्वारा तिमाही किस्त के आधार पर देनदार को प्रीमियम राशि का भुगतान किया जाता है। जब कभी भी लेनदार को ऐसा लगता है कि वह डिफॉल्ट हो सकता है, तो वह क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप करवा लेता है।

क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप की शुरुआत

आपकी जानकारी के लिए बता दे की क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप का इस्तेमाल सबसे पहले बैंकों को क्रेडिट एक्स्पोज़र Transfer करने का साधन प्रदान करने के लिए की गई थी। लेकिन फिर बाद में CDS का इस्तेमाल लेनदार और विक्रेता दोनों के बीच में जोखिम को करने के लिए भी किया जाने लगा है। धीरे-धीरे अब Credit Default Swap का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है।

निष्कर्ष

इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से बता दी है। क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप क्या है, इसके लाभ क्या है और किस प्रकार से Credit Default Swap कर सकते है, यह जानना आपके लिए काफी ज्यादा जरूरी है। उम्मीद करते हैं कि आपको क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप के बारे में पूरी जानकारी समझ में आ गई होगी। अगर आप इस संबंध में कोई भी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

FAQ

Q. 1 क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप किसे कहते हैं?
Ans: क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप एक कॉन्ट्रैक्ट होता है। जिसके अंतर्गत क्रेडिट जोखिम को कम करने और जोखिम को  Transfer करने से संबंधित कार्य किया जाता है।

Q. 2 क्या क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप कानूनी रूप से मान्य है?
Ans: हां, क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप कानूनी रूप से मान्य है

Q. 3 क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप का इस्तेमाल कब किया जाता है?
Ans: अगर कोई लेनदार तय समय पर Pending Amount का भुगतान नहीं कर पता है, तो उसे स्थिति में लेनदार के द्वारा क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप किया जाता है। जिसके अंतर्गत वह अपने जोखिम को कम कर सकता है और पेंडिंग पेमेंट का भुगतान भी हो जाता है।

Q. 4 क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप में कीमत कैसे निर्धारित होती है?
Ans: क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप के अंतर्गत जब जोखिम को कम किया जाता है या फिर पेंडिंग अमाउंट का भुगतान किया जाता है, तो वर्तमान वैल्यू को देखकर ही करंट Situation के आधार पर ही Price निकाला जाता है।

Q. 5 क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप कितने सालों तक रहता है?
Ans: क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप 6 वर्षों तक रहता हैl

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