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फिक्स्ड ओर वेरिएबल इंटरेस्ट रेट: व्यवसाय ऋण के लिए कौन सा बेहतर है?

by
admin
Posted on
Jul 15, 2024
फिक्स्ड ओर वेरिएबल इंटरेस्ट रेट

आज के समय में महंगाई काफी ज्यादा बढ़ती जा रही है। महंगाई बढ़ने के साथ-साथ खर्च भी बहुत ज्यादा हो गए हैं ।अगर आप नया व्यवसाय खोलना चाहते हैं या फिर अपने पुराने व्यवसाय में कुछ बदलाव करना चाहते हैं, तो आपको पैसों की आवश्यकता तो होगी ही। अगर आपके पास पैसों की कमी है, तो आप बिजनेस लोन भी ले सकते हैं। 

जब भी हम कहीं से लोन लेते हैं, तो फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट और वेरिएबल इंटरेस्ट रेट का ऑप्शन होता है। इन दोनों इंटरेस्ट रेट में से हमें एक चुननी होती है। आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से यह जानकारी देंगे कि आपको फिक्स्ड और वेरिएबल दोनों में से किस इंटरेस्ट रेट को चुनना चाहिए। चलिए बिना किसी देरी के इस आर्टिकल के माध्यम से इस महत्वपूर्ण जानकारी को जान लेते हैं।

फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट क्या है?

जब भी हम अपने बिजनेस लोन लेते हैं, तो हमें फिक्स्ड रेट और वेरिएबल रेट दोनों में से किसी एक को चुनना होता है। जो भी हम इंटरेस्ट टाइप चुनते हैं, वही इंटरेस्ट हमारे पूरे बिजनेस लोन पर लग जाता है और हमें उसी हिसाब से फिर इंस्टॉलमेंट पर लगी इंटरेस्ट का भुगतान करना पड़ता है। बिजनेस लोन में फिक्स्ड रेट इंटरेस्ट उसे कहा जाता है, जो पूरे लोन के लिए एक ही इंटरेस्ट रेट इस्तेमाल की जाती है । मान लीजिए आपने 10% इंटरेस्ट रेट के हिसाब से बिजनेस लोन लिया है। हर वर्ष 10% के हिसाब से ही इंटरेस्ट निकाला जाएगा। हर वर्ष आपको एक समान इंटरेस्ट देना होगा।

वेरिएबल इंटरेस्ट रेट क्या होती है?

अगर हम वेरिएबल इंटरेस्ट रेट को चुनते हैं, तो इस कंडीशन में हमें हर साल वेरिएबल इंटरेस्ट रेट पर इंटरेस्ट देना पड़ सकता है। यानी की इस तरह की इंटरेस्ट में कोई भी फिक्स्ड रेट नहीं होती है। अगर मार्केट में लोन का रेट बढ़ जाएगा, तो आपसे बड़ी हुई इंटरेस्ट रेट से लोन वसूला जाएगा। अगर मार्केट में इंटरेस्ट रेट का प्राइस घट जाएगा, तो आपसे घटे हुए प्राइस में इंटरेस्ट वसूला जाएगा। चलिए हम आपको एक एग्जांपल के जरिए समझाते हैं। 

मान लीजिए अपने 10 लाख रुपए का लोन आपने बिजनेस के लिए लिया है और आप 5 साल के अंदर इस लोन को चुकाएंगे। आपने फिक्स्ड रेट की जगह यहां पर वेरिएबल इंटरेस्ट रेट को चुना है, तो इस कंडीशन में सबसे पहले जो करंट रेट इस समय बैंक की चल रही है, उसके हिसाब से आपसे इंटरेस्ट लिया जाएगा।

लेकिन भविष्य में एक महीने बाद, 2 महीने बाद या किसी भी समय अगर इंटरेस्ट रेट में बदलाव होता है, तो आपके 10 लाख रुपए के अमाउंट पर वही इंटरेस्ट रेट लग जाएगी। मान लीजिए पहले 10% के हिसाब से आपने बिजनेस लोन लिया। लेकिन 1 साल बाद इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी हो गई और वह 12% हो गया, तो ऐसी कंडीशन में आपको बिजनेस लोन पर 12% के हिसाब से इंटरेस्ट देना होगा।

मान लीजिए कि अगले साल बिजनेस लोन पर ब्याज  8% हो गया।  ऐसी कंडीशन में आपको 10% नहीं बल्कि 8% के हिसाब से लोन वापस करना होगा ।हर साल या फिर कुछ महीनो में भी इंटरेस्ट रेट में बदलाव हो सकता है। 

फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट और वेरिएबल इंटरेस्ट रेट में अंतर 

फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट वेरिएबल इंटरेस्ट रेट 
इंटरेस्ट अमाउंट में बदलाव  अगर आप लोन फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर लेते हैं,तो इंटरेस्ट अमाउंट में बदलाव नहीं होता है। अगर आप वेरिएबल इंटरेस्ट रेट पर लोन लेते हैं, तो इंटरेस्ट अमाउंट में बदलाव हो सकता है।
नुकसान और मुनाफा फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर अगर आप लोन लेंगे, तो आपको एक ही इंटरेस्ट रेट के हिसाब से इंटरेस्ट देना होगा। जिससे आपको ना ही मुनाफा होगा और ना ही नुकसान होगा। वेरिएबल इंटरेस्ट रेट से अगर आप लोन लेंगे और मार्केट में इंटरेस्ट रेट में अगर बदलाव हो जाता है, तो आपको मुनाफा या नुकसान हो सकता है।
सस्ता/ महंगा फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर अगर आप लोन लेंगे, तो यह सस्ता पड़ेगा। अगर मार्केट में इंटरेस्ट रेट में बदलाव होता है और इंटरेस्ट रेट बढ़ जाती है, तो आपको लोन महंगा पढ सकता है।

फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट और वेरिएबल इंटरेस्ट रेट दोनों में से कौन अच्छा है?

हमने आपको अभी इस बारे में जानकारी दी है कि बिजनेस लोन में फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट और वेरिएबल इंटरेस्ट रेट क्या होती है। बहुत बार ऐसा होता है कि जब हम बिजनेस लोन लेने के लिए बैंक में जाते हैं,तो हम वहां पर बहुत ज्यादा कंफ्यूज हो जाते हैं कि हमें फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर लोन लेना चाहिए या फिर हमें वेरिएबल इंटरेस्ट रेट पर लोन लेना चाहिए। चलिए जानते हैं कि दोनों में से किस प्रकार का बिजनेस लोन पर ब्याज सही रहेगा। 

मार्केट का एनालिसिस करें

फिक्स्ड और वेरिएबल रेट में से किस को चुने यह मार्केट की कंडीशन पर आधारित होता है। चलिए एग्जांपल के जरिए समझिए। मान लीजिए आपने ₹10000 का बिजनेस लोन फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर लिया है। उस पर 10% के हिसाब से ₹1000 का इंटरेस्ट लग गया। अगले साल भी आपको 10% के हिसाब से ही इंटरेस्ट देना होगा।  2 साल का ₹2000 इंटरेस्ट बन जाएगा। 

इसकी जगह पर अगर हम ₹10000 के लोन पर वेरिएबल रेट से इंटरेस्ट निकाले, तो उसका रिजल्ट अलग होगा। वेरिएबल इंटरेस्ट रेट के हिसाब से पहले साल आपने 10% के हिसाब से इंटरेस्ट दिया, तो 10000 का 10% ₹1000 हो गया। लेकिन दूसरे वर्ष इंटरेस्ट रेट 10% से बढ़कर 12% हो गया, तो दूसरे साल का इंटरेस्ट ₹1200 हो जाएगा। यानी वेरिएबल रेट के साथ अगर हम 2 वर्षों का इंटरेस्ट निकाले, तो ₹2200 हो रहा है l यानी इस कंडीशन में फिक्स्ड रेट वाला इंटरेस्ट कम है।

लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि हमने जो लोन लिया है, उसकी इंटरेस्ट रेट बदल जाती है। यानी मार्केट के हिसाब से इंटरेस्ट रेट डाउन हो जाती है। तो ऐसे में हमें वेरिएबल इंटरेस्ट रेट पर लोन लेना से फायदा हो जाता है। फिक्स्ड रेट और वेरिएबल रेट दोनों में से किसको चुने, यह आपके मार्केट की कंडीशन पर आधारित होता है।

बैंक का एनालिसिस करें

अगर आपने ऐसे बैंक से लोन लिया है, जिसकी इंटरेस्ट रेट हर साल घटती रहती है। तो आपको वेरिएबल इंटरेस्ट रेट से लोन लेने में फायदा हो जाएगा । लेकिन ऐसे बैंक से अगर आप लोन लेंगे,, जिसकी बिजनेस लोन इंटरेस्ट रेट हमेशा बढ़ती रहती है, तो ऐसे कैसे में वेरिएबल इंटरेस्ट रेट से लोन लेने में आपको नुकसान हो सकता है।

लोन का टाइम पीरियड

अगर आप बिजनेस लोन लेना चाहते हैं, तो आप को यह देखना होगा कितने समय के लिए आप लोन ले रहे हैं। अगर शॉर्ट टर्म के लिए आप लोन लेना चाहते हैं, तो आपके लिए फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट बढ़िया रहेगी। यदि आप लॉन्ग टर्म के लिए लोन लेने की सोच रहे हैं,तो आप वेरिएबल रेट को चुन सकते हैं। 

निष्कर्ष

आज हमने आपको इस पोस्ट के माध्यम से यह जानकारी दी है कि फिक्स्ड बिजनेस लोन पर ब्याज और वेरिएबल बिजनेस लोन इंटरेस्ट रेट में से दोनों में से कौन सा आपके लिए बेहतर हो सकता है। हमने आपको यह भी जानकारी दी है कि आपको किस प्रकार से कंफ्यूजन से बाहर निकलना है और दोनों में से किस तरह के इंटरेस्ट रेट को आपको चुना है । उम्मीद करते हैं आपको सभी जानकारी समझ में आ गई होगी । कुछ भी अगर आपको पूछना है, तो कमेंट सेक्शन में कमेंट करके हमें पूछ सकते हैं।

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