महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स के लिए विशेष ऋण योजनाएं
Jul 02, 2024
आज के प्रतियोगात्मक दौर में महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ावा देना बेहद आवश्यक है। इसका तात्पर्य है यह है कि महिला उद्यमियों को पहले से ज्यादा सशक्त और वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाए जिससे कि वह उद्यम के क्षेत्र में नई उपलब्धियां प्राप्त कर सकें। भारत की केंद्र सरकार और राज्य सरकारें भी इस मामले में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वह समय-समय पर ऐसी ऋण योजनाओं का निर्माण करती हैं जिससे महिलाएं आसान शर्तों पर और रियायती ब्याज दरों पर आसानी से business लोन प्राप्त कर सकें जिससे कि उन्हें न केवल अपने व्यवसाय के उत्थान में मदद मिले बल्कि ऋण पुनर्भुगतान की चिंता भी ना रहे। यदि आप महिलाओं के नेतृत्व वाले startups के लिए विशेष ऋण योजनाओं के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ें। इस लेख में हमने स्टार्टअप्स को दी जाने वाली प्रमुख ऋण योजनाओं को संलग्न किया है जिनका उपयोग महिलाएं अपने लघु उद्योगों के वित्त पोषण में कर सकती हैं।
मुद्रा योजना
मुद्रा योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य छोटे और सूक्ष्म उद्योगों को आर्थिक लाभ पहुंचाना और उन्हें आत्म निर्भर बनाना है। इस स्कीम का सबसे अधिक लाभ महिला उद्यमियों को दिया जाता है। यह उन्हें एक सशक्त महिला उद्यमी बनने में मदद करती है। सबसे खास बात यह है की मुद्रा योजना महिलाओं के लिए आसान शर्तों पर उपलब्ध है जिसमें कि उन्हें किसी भी कॉलेटरल को गिरवी नहीं रखना पड़ता है और वह 10 लाख रुपए तक का लोन प्राप्त कर सकती हैं। इस तरीके से यह योजना महिलाओं के लिए लघु उद्योग को फंडिंग करने का आसान विकल्प प्रदान करती है जिससे कि वह अपने उद्योगों का विस्तार और उन्हें शुरू कर सकती है।
स्टैंड अप इंडिया स्कीम
स्टैंड अप इंडिया स्कीम एक ऐसी सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के उद्योगों के वित्त पोषण के लिए ऋण उपलब्ध कराना है। इसके अंतर्गत बैंक कम से कम एक अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति उधारकर्ता को और कम से कम एक महिला को ग्रीन फील्ड बिजनेस स्थापित करने के लिए कम से कम एक करोड रुपए का लोन मुहैया करवाता है। वहीं गैर व्यक्तिगत उद्योगों के मामले में, एक अनुसूचित जाति या जनजाति या महिला उद्यमी के पास कम से कम 51% की शेयरधारिता और नियंत्रण हिस्सेदारी होनी चाहिए। इस स्कीम के अंतर्गत महिला उद्यमी 10 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक अपने लघु उद्योगों को शुरू करने या उन्हें विस्तार करने के लिए startups बिजनेस लोन प्राप्त कर सकते हैं।
महिला coir योजना
महिला coir योजना जिससे पहले coir योजना के नाम से जाना जाता है महिलाओं को सशक्त बनाती है। यह उन्हें कम मूल्य पर कताई उपकरणों के साथ-साथ कौशल विकास प्रशिक्षण भी प्रदान करती है। इसके साथ ही, यह महिलाओं के लिए बिजनेस लोन का विकल्प है। इसके अंतर्गत ग्रामीण महिला कारीगरों को उनके उपकरणों पर 75% की सब्सिडी दी जाती है।इसके अलावा यह स्कीम उन्हें उनके प्रोजेक्ट की कुल लागत पर 25% की मार्जिन मनी सब्सिडी भी प्रदान करती है। इसका लाभ ग्रामीण क्षेत्र की कारीगर महिलाओं को उपलब्ध कराया जाता है जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है और जिन्होंने कताई के क्षेत्र में किसी अच्छी कताई बोर्ड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से प्रशिक्षण प्राप्त किया हुआ है।
सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक और एमएसएमई मंत्रालय ने मिलकर एक नई संयुक्त पहल की है जिसका नाम है क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट। यह छोटे और सूक्ष्म उद्योगों को कॉलेटरल फंड प्रदान करता है। इसके अंतर्गत पहले से कार्यरत और नए उदयोगों बिजनेस लोन प्राप्त कर सकते हैं। क्रेडिट गारंटी के तहत बैंक एक उधारकर्ता को जब लोन देता है तब उसकी गारंटी क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड के द्वारा ली जाती है। चूंकि इसकी गारंटी क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड ले लेता है इसीलिए बैंक उधारकतर्ता को कॉलेटरल रखने के लिए मजबूर नहीं करता है। इसके तहत नए और मौजूदा छोटे-लघु दोनों तरह के व्यवसायों को अधिकतम 2 करोड़ रुपए तक का startup बिजनेस लोन मुहैया करवाया जाता है। इसकी शुरुआत भारत में महिलाओं के लिए लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए की गई है।
Trade Related Entrepreneurship Assistance and Development (TREAD)
ट्रेड रिलेटेड एंटरप्रेन्योरशिप असिस्टेंट एंड डेवलपमेंट का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को कई रूप से सशक्त बनाना है।ऐसी महिलाएं जो कि आसानी से लोन नहीं प्राप्त कर सकती हैं उनको इस स्कीम के तहत आसान तरीके से लोन प्राप्त करवाया जाता है। NGOs न केवल उन्हें आसान तरीके से startups लोन प्रदान करते हैं बल्कि उन्हें काउंसलिंग, ट्रेनिंग, और प्रशिक्षण भी प्रदान करते हैं जिससे कि वह उभरते हुए बाजार में अपनी और अपने बिजनेस की जगह बना सकें। इस स्कीम के तहत NGOs उनके कुल प्रोजेक्ट लागत का 30% यानी की अधिकतम 30 लाख रुपए अनुदान भारत सरकार द्वारा प्राप्त करते हैं जिससे वह महिलाओं को उद्यमी बनने में सहायता प्रदान करते हैं। बाकी बचे हुए 70% कुल प्रोजेक्ट लागत को किसी लोन देने वाली वित्तीय संस्था के द्वारा पोषित किया जाता है। यह महिलाओं के लिए लघु उद्योग लोन देने वाली एक अच्छी योजना है।
उद्योगिनी योजना
कर्नाटक सरकार के द्वारा शुरू की गई उद्योगिनी योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय रूप से उद्यमी, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है। यह समाज के सभी वर्गों की उन महिलाओं को ब्याज मुक्त startup business loan प्रदान करती हैं जो कि अपने स्वरोजगार और छोटे व्यवसायों के लिए की वित्तीय पोषण जुटाना चाहती हैं। इस योजना के अंतर्गत आवेदक महिला की आयु कम से कम 18 वर्ष और अधिक से अधिक 55 वर्ष होनी चाहिए। इसके साथ ही उसकी पारिवारिक आय 1.5 लाख से कम होनी चाहिए। आवेदक इस योजना के तहत ₹300000 तक का ऋण प्राप्त कर सकता है बशर्ते उसने सभी पात्रता मापदंडों को पूरा कर लिया हो।
महिला उद्यम निधि योजना
महिला उद्यम निधि योजना भारतीय लघु औद्योगिक विकास बैंक (SIDBI) के तहत महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए कम ब्याज दरों पर लोन मुहैया करवाया जाता है। इस योजना का उपयोग MSME द्वारा सेवा उत्पादन और विनिर्माण से संबंधित गतिविधियों के लिए किया जाता है। यह महिलाओं के लिए बिजनेस लोन का विकल्प है। इस योजना के तहत महिला उद्यमी अपने स्वरोजगार या लघु उद्योग के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन ले सकती हैं। अगर आप विनिर्माण और उत्पादन उद्देश्यों में ऋण चाहती हैं तो उसके लिए आपकी हिस्सेदारी उसमें कम से कम 51% होनी चाहिए। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस योजना के तहत लोन की राशि को 10 वर्ष के अंदर भुगतान किया जा सकता है। इस योजना के तहत महिलाओं को परियोजना लागत का 25% का ऋण दिया जाता है जो कि अधिकतम ढाई लाख रुपए तक का हो सकता है। स्वीकृत ऋण के आधार पर संबंधित बैंक द्वारा आवेदक से प्रतिवर्ष एक प्रतिशत शुल्क भी लिया जाता है। हालांकि, सेवा शुल्क की माफी भी ऋण देने वाली बैंक पर निर्भर करती है। इसके अलावा इसे SIDBI द्वारा निर्धारित बैंकों द्वारा प्राप्त किया जाता है जिनकी ब्याज दरें विभिन्न हो सकती हैं। इसीलिए आप लोन के लिए आवेदन करते समय इस बात को ना भूलें।
निष्कर्ष
आशा है कि इस लेख के द्वारा आप विविध ऋण योजनाओं के बारे में जान पाए होंगे जो कि महिलाओं को उन्नति के पथ पर अग्रसर करने में सहयोग दे रही हैं। यह वह आर्थिक ऋण योजनाएं हैं जो कि महिलाओं को नए या पुराने उद्योगों को खोलने और उन्हें विस्तार करने में मदद प्रदान करती हैं ।आप चाहें तो FlexiLoan के जरिए भी स्टार्टअप बिजनेस लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। FlexiLoan भारत की एक अग्रणी गैर सरकारी वित्तीय संस्था है जो कि आवेदकों को आसान शर्तों पर और रियायती ब्याज दरों पर लोन मुहैया करवाती है। इसके अलावा, आप लोन का पुनर्भुगतान ईएमआई के द्वारा बहुत आसानी से कर सकते हैं। इस तरीके से यह है महिलाओं के लिए बिजनेस लोन का विकल्प है।
संबंधित प्रश्न
Ans: अगर आप स्टार्टअप बिजनेस लोन की तलाश कर रहे हैं तो आपको प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत आवेदन करना चाहिए। यह आपको समुचित मात्रा में आसानी से उचित ब्याज दरों पर लोन मुहैया करवाएगा।
Ans: महिला विकास योजना स्कीम कर्नाटक राज्य वित्त निगम द्वारा जारी की गई एक अच्छी पहल है जिसके अंतर्गत महिलाएं ₹5,00000 से लेकर 2 करोड़ तक का लोन प्राप्त कर सकती हैं। यह लोन लघु और मध्यम उद्योगों और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देता है।
Ans: भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान योजना को जारी किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को 9 महीने तक निशुल्क मातृत्व चिकित्सा उपलब्ध करवाना है।
Ans: इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना राजस्थान सरकार द्वारा जारी की गई ऐसी योजना है जिसका प्रमुख उद्देश्य महिला उद्यमियों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी में बनाना है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य कुशल महिलाओं को उनका खुद का स्वरोजगार खोलने के लिए प्रेरित करना और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना है।
Ans: नारी आर्थिक सशक्तिकरण योजना का लाभ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के वर्ग की महिलाओं को दिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली आवेदक महिला की परिवार की अधिकतम वार्षिक आय ₹98,000 और शहरी क्षेत्र से आने वाली आवेदक महिला के परिवारकी अधिकतम वार्षिक आय ₹1,20,000 रुपए होनी चाहिए। इस लोन के लिए आवेदन करने वाली महिला की आयु 25 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा, अगर आवेदक महिला विधवा, लाकशुदा, single mother या फिर single woman है तो उसकी आयु कम से कम 35 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।