जिला उद्योग केंद्र क्या हैं – जानिए विभिन्न लोन योजनाएं व आवेदन करने की प्रक्रिया
Aug 13, 2024
जिला उद्योग केंद्र का सबसे पहला उद्देश्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की सुविधा उत्पन्न करना हैं। जिला उद्योग केंद्रो के विभिन्न कार्यक्रम को छोटे व ग्रामीण इलाकों में लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए व विशेष क्षेत्र में उन्हें सभी मूलभूत आवश्यकताओं व सुविधाओं के साथ उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा शुरू किया गया था।
जिला उद्योग केंद्र का संचालन जिला स्तर पर किया जाता हैं ताकि उद्यमियों या पहली बार बिजनेस करने वाले लोगों को अपने छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए सभी आवश्यक सहायताएं प्रदान की जा सकें। आगे हम आपको जिला उद्योग केंद्र(District Industries Centre) के बारे में संपूर्ण जानकारी देते हैं ताकि ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोग जिला उद्योग केंद्र की सहायता से अपना खुद का व्यवसाय स्थापित कर सकें।
जिला उद्योग केंद्र क्या हैं ?
जिला उद्योग केंद्र की शुरुआत वर्ष 1978 में केंद्र सरकार के द्वारा की गई थी। जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से छोटे शहरों व ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को खुद का व्यवसाय करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। जो भी व्यक्ति अपना खुद का कोई छोटा व्यवसाय करना चाहते हैं ,तो वह जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।जिला उद्योग केंद्र का काम(District Industries Centre) औद्योगिक सहकारी समितियां के रजिस्ट्रेशन और विकास को बढ़ावा देना भी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे बहुत से लोग हैं जो खुद का व्यवसाय तो करना चाहते हैं। परंतु उनके क्षेत्र में मूलभूत सेवाओं के उपलब्ध न होने के कारण वह व्यवसाय नहीं कर पाते हैं। अब जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से खुद का छोटा व्यवसाय करना संभव हो चुका है।
District Industries Centre Loan Schemes जिला उद्योग केंद्र की महत्वपूर्ण योजनाएं क्या है?
भारत में हर स्तर के उद्योग को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए भारत में जिला उद्योग केंद्र के द्वारा विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाओं की शुरुआत की गई हैl यह योजनाएं एंटरप्रेन्योर के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैl पात्रता बिजनेस के साइज और अन्य आधार पर अलग-अलग योजनाएं शुरू की गई हैl चलिए जिला उद्योग केंद्र की कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं(District Industries Centre Schemes)के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते हैंl
Prime Minister’s Employment Generation Programme (PMEGP)
इस योजना की शुरुआत साल 2018 में हुई थीl प्रधानमंत्री रोजगार योजना और रुलर एंप्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम को मिलाकर इस योजना की शुरुआत की गई थीl शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र में जितने भी माइक्रो एंटरप्राइजेज(Micro Enterprise) है, उनमें रोजगार के अवसर देने के लिए ही इस योजना की शुरुआत की गई थीl इस योजना के अंतर्गत प्रोजेक्ट के आधार पर 15% से 35% तक सब्सिडी दी गई हैl
इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर(Manufacturing Sector) के लिए इस योजना के अंतर्गत 25 लाख रुपए तक का लोन दिया जा रहा है। सर्विस सेक्टर के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन दिया जा सकता है। Khadi and Village Industries Commission (KVIC), State Khadi and Village Industries Boards (KVIBs) और District Industries Centres (DICs) के द्वारा इस योजना को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है।
SEED Scheme
अगर आप सेल्फ एंप्लॉयड है, तो आपके लिए यह योजना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस योजना के अंतर्गत 25 लाख रुपए तक का लोन आसानी से दिया जा रहा है। बैंक के द्वारा लोन अमाउंट का 75% तक कवर किया जाता है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए अधिकतम 3.75 लाख रुपए तक कवर किया जाता है। सेल्फ एंप्लॉयमेंट ऑपच्यरुनिटी(Self Employment Opportunity ) और व्यवसाय को Boost करने के लिए 20% तक योजना के द्वारा सहयोग भी दिया जाता है।
District Awards Scheme
District Advisory Committee के द्वारा हर साल परफॉर्मेंस के आधार पर कुछ ऐसी एंटरप्रेन्योर को चुना जाता है, जिन्होंने पूरे साल काफी अच्छा काम किया होता है l विश्वकर्मा जयंती के अंतर्गत कुछ चुनिंदा बेस्ट एंटरप्रेन्योर को कुछ पुरस्कार दिए जाते हैंl जिससे दूसरे एंटरप्रेन्योर को भी बढ़िया काम करने के लिए प्रोत्साहन मिलता हैl
Entrepreneurship Development Training Program
किसी भी व्यवसाय के लिए अगर हमें ग्रोथ चाहिए, तो हमें अपने बिजनेस में कुछ बदलाव करने पड़ते हैं। इस योजना के अंतर्गत project identification, feasibility study, market survey, financial management और quality control से संबंधित एंटरप्रेन्योर को ट्रेनिंग दी जाती है। इस ट्रेनिंग के माध्यम से एंटरप्रेन्योर को आगे बढ़ाने के अवसर प्राप्त होता हैं।
बहुत बार ऐसा होता है कि ट्रेनिंग न मिलने के कारण व्यवसाय के संचालन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। व्यवसाय के संचालन में आ रही दिक्कतों को कम करने के लिए ही एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की गई है। 15 दिन से 6 महीने के समय तक इस योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग दी जाती है। अलग-अलग व्यवसाय के आधार पर ट्रेनिंग प्रोग्राम निर्धारित किए गए हैं।
DIC Loan Scheme
इन लोन योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र के उन एरिया को कवर किया गया है, जहां पर एक लाख से कम जनसंख्या है और ₹200000 से कम कैपिटल इन्वेस्टमेंट है। सेल्फ एंप्लॉयड और स्मॉल बिजनेस के लिए यह योजनाएं काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। एमएसएमई लोन योजनाओं के माध्यम से इन व्यवस्थाओं को काफी ज्यादा फायदा मिल रहा है।
जिला उद्योग केंद्र के तहत लोन प्राप्त करने के लिए क्या योग्यता हैं ?
यदि कोई भी व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्र व छोटे शहर में अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने के लिए जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से लोन लेना चाहता हैं, तो उनके लिए योग्यता को जानना भी जरूरी है, जैसे की – जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से केवल सफाई कर्मचारी परिवार, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति ही लोन प्राप्त करके खुद का व्यवसाय कर सकते हैं।
यदि ग्रामीण क्षेत्र या फिर छोटे शहरों में रहने वाला कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से विकलांग है और वह पेशे से इंजीनियर, डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, फिजियोथैरेपिस्ट व वास्तुकार आदि हैं, तो वह भी District Industries Centre के माध्यम से लोन प्राप्त कर सकता है।
जिला उद्योग केंद्र के अंतर्गत श्रेणी के हिसाब से लोन की जानकारी ?
लोन की राशि को श्रेणी के हिसाब से अलग-अलग बांटा गया है जैसे की –
अनुसूचित जाति के पेशेवर
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जाति के वह पेशेवर जिनकी वार्षिक आय ₹40000 है और शहरी क्षेत्र के वह पेशेवर जिनकी वार्षिक आय 55000 है, तो वह जिला उद्योग केंद्र से लोन प्राप्त करने के योग्य हैं। यदि आपके व्यवसाय की लागत 30 लाख रुपए हैं, तो आपको व्यवसाय की लागत का 90% तक लोन मिल सकता हैं। लोन के माध्यम से आपको जो राशि प्राप्त होगी, उस पर आपको 6% से लेकर 10% तक प्रतिवर्ष ब्याज देना होगा। जो लाभार्थी गरीबी रेखा से नीचे आते हैं, तो उन्हें ₹10000 तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके लिए आपको अपना BPL दिखाना होगा।
सबसे अच्छी बात तो यह है की जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से जब आप लोन लेंगे, तो आपको लोन को चुकाने के लिए 10 वर्ष तक का समय दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि आपको बड़े से बड़ा अमाउंट काफी कम मासिक किस्तों पर मिल सकता हैं।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी को 10 लाख रुपए के व्यवसाय की लागत पर 90% तक का लोन मिल सकता हैं। आप लोन की जो भी राशि लेंगे उस पर आपको 6% प्रतिवर्ष ब्याज दर के हिसाब से पैसा देना होगा। यह ब्याज दर बहुत ही ज्यादा कम हैं।
अगर आप किसी प्राइवेट या सरकारी बैंक से भी लोन लेते हैं, तो भी आपको 12% तक ब्याज देना होता हैं। अगर आपकी व्यवसाय की लागत 10 लाख रुपए हैं, तो आपको 9 लाख रुपए का लोन मिल सकता हैं। आपको MSMS Loan को चुकाने के लिए 10 वर्षों तक का समय दिया जाएगा।
राष्ट्रीय पिछड़ी जाति
जो लोग पिछड़ी जाति से Loan,तो उन्हें जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से ₹500000 तक का लोन मिल सकता है। यह ₹500000 तक का लोन आपको सिर्फ 5% प्रतिवर्ष ब्याज दर के हिसाब से मिल जाएगा। आपको ₹500000 के लोन को चुकाने के लिए 10 वर्षों तक का समय दिया जाएगा। आप इन 10 वर्षों में बहुत ही आसान किस्तों के माध्यम से लोन की राशि चुका पाएंगे।
राष्ट्रीय शारीरिक विकलांग
जो लोग विकलांग व्यक्तियों की श्रेणी में आते हैं, तो उन्हें जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से 25 लाख रुपए तक का लोन मिल सकता हैं। सबसे अच्छी बात तो यह है कि 25 लाख रुपए तक का लोन आपको सिर्फ और सिर्फ 4% प्रतिवर्ष ब्याज दर के हिसाब से मिलेगा। आपको इस लोन को चुकाने के लिए 10 वर्षों तक का समय दिया जाएगा। ब्याज दर बहुत ही कम होने की वजह से आपकी 10 वर्षों की किस्तें भी बहुत ही काम होंगी।
Functions Of DIC l जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से किए जाने वाले कार्य ?
District Industries Centre के माध्यम से विभिन्न प्रकार के कार्य किए जाते हैं जैसे की –
- मशीनरी, लोन सुविधाओं व उपकरणों की व्यवस्था करना।
- औद्योगिक समूह का विस्तार और विकास करना भी जिला उद्योग केंद्र का ही काम है।
- उपयुक्त योजनाओं की पहचान करना और लोगों को उनसे संबंधित योजनाओं के बारे में बताना भी जिला उद्योग केंद्र का ही काम है।
- जो लोग अपना नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो उनकी आर्थिक रूप से मदद करना जिला उद्योग केंद्र का काम है।
- फीजिबिलिटी रिपोर्ट को तैयार करना व छोटे से छोटे व्यवसायों को आर्थिक सहायता प्रदान करना जिला उद्योग केंद्र का काम है।
- व्यवसायों को कच्चा माल उपलब्ध करवाना भी जिला उद्योग केंद्र का कार्य है।
- आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिला उद्योग केंद्र के द्वारा किए जाने वाले कामकाज और उनकी उपलब्धियां की निगरानी उद्योग विभाग के मुख्य सचिव, इंडस्ट्री और कॉमर्स के निदेशक के द्वारा की जाती है।
जिला उद्योग केंद्रो की विभिन्न गतिविधियां ?
जिला उद्योग केंद्रो में विभिन्न गतिविधियां शामिल हैं जैसे की –
- जिला उद्योग केंद्र के द्वारा इलेक्ट्रिकल तथा इलेक्ट्रॉनिक औद्योगिक यूनिट में शेड का अलॉटमेंट किया जाता है।
- जिला उद्योग केंद्र के द्वारा Single Window के माध्यम से लाइसेंस की मंजूरी दी जाती है।
- जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से विभिन्न प्रकार के Motivational Program भी आयोजित करवाए जाते हैं। ऐसा इसलिए ताकि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीब लोग अपना खुद का कोई छोटा व्यवसाय स्थापित कर सकेंl
- जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से ही छोटे उद्योगों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती हैं।
- जिला उद्योग केंद्र ही प्रधानमंत्री रोजगार योजना को लागू करता हैं।
- जिला उद्योग केंद्र ही लघु उद्योग विकास निगम के माध्यम से मार्केटिंग व कच्चे माल के लिए सहायता प्रदान करता हैं।
- जिला उद्योग केंद्र ही औद्योगिक सहकारी समितियां का आयोजन करता हैं।
- जिला उद्योग केंद्र ही हस्तशिल्प, कुटीर उद्योगों व छोटे उद्योगों के रजिस्ट्रेशन में मदद करता है।
- पुराने व निष्क्रिय छोटे उद्योगों को पुनर्वास प्रदान करना भी जिला उद्योग केंद्र का ही काम है।
- उद्यमी विकास के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करवाना भी जिला उद्योग केंद्र का ही काम है।
जिला उद्योग केंद्र के अतिरिक्त कार्य क्या हैं ?
जो काम हमने आपको बताएं इनके अतिरिक्त भी जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से बहुत से कम होते हैं जैसे की –
लोन की व्यवस्था करवाना
जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से उद्यमियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न बैंकों, NBFC, MFI आदि जैसे संस्थानों से लोन दिलवाया जाता है। ऐसे बहुत से लोग हैं,जो अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए या फिर नया वेबसाइट शुरू करने के लिए लोन लेना चाहते हैं परंतु उन्हें लोन नहीं मिल पाता है। फिर इसी प्रकार के लोगों की सहायता जिला उद्योग केंद्र के द्वारा की जाती है ताकि वह अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करके आत्मनिर्भर बन सके।
प्रशिक्षण
जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से छोटे व्यवसायों के उद्यमियों को Traning भी प्रदान की जाती हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं, जो अपना खुद का कोई छोटा व्यवसाय तो शुरू करना चाहते हैं। परंतु उन्हें व्यवसाय के बारे में कुछ भी नहीं पता होता है जिस वजह से उन्हें नुकसान भी हो सकता हैं।
इसी समस्या को देखते हुए जिला उद्योग केंद्र के द्वारा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई है। ऐसा इसलिए ताकि प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के माध्यम से उद्यमियों को काम की पूरी जानकारी मिल सके और वह नए उत्पादों को विकसित करके बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
औजार व उपकरण
यदि किसी व्यक्ति को अपने व्यवसाय से संबंधित किसी भी प्रकार का औजार या कोई उपकरण चाहिए होता हैं, तो उसकी जिम्मेवारी भी जिला उद्योग केंद्र की ही है। जिला उद्योग केंद्र ही उन स्थानों को नामित करता है जहां से आप मशीनरी व उपकरण आदि को ले सकते हैं।
इसके अतिरिक्त अगर कोई व्यक्ति किसी भी तरह की मशीन को किराए पर लेना चाहता है, तो उसकी व्यवस्था भी जिला उद्योग केंद्र के द्वारा की जाती हैं। ऐसा इसलिए ताकि व्यवसाय करने वाले व्यक्ति को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
सर्वे करना
जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से पारंपरिक उद्योगों मौजूदा उद्योगों कच्चे माल व मानव संसाधनों का सर्वे भी किया जाता हैं। यह सर्वे इसलिए किया जाता है ताकि विशेष उद्योगों से संबंधित विभिन्न प्रकार के उत्पादों के भविष्य का अनुमान लगाया जा सकें।
ग्रामीण कारीगरों को बढ़ावा देना
जिला उद्योग केंद्र के द्वारा छोटे उद्योगों के साथ मिलकर काम करके ग्रामीण कारीगरों को बढ़ावा देने में भी काफी मदद की हैं। जिला उद्योग केंद्र के द्वारा खादी और ग्रामोद्योग के विकास के लिए भी काम किया गया हैं। साथ ही ग्रामीण कारीगरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भी करवाया गया है ताकि हर एक व्यक्ति अपना खुद का काम करने में निपुण हो सकें।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की जब जिला उद्योग केंद्र नहीं था, तो उस समय व्यापार मालिकों और उद्यमियों को उचित आर्थिक सहायता और सुविधाएं प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत रूप से संबंधित एजेंसियों की सहायता लेनी पड़ती थी। परंतु जब से जिला उद्योग केंद्र आए हैं, तो तब से उद्यमियों को कहीं पर भी जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। क्योंकि जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से उन्हें विभिन्न प्रकार की सुविधा दी जाती है, साथ ही उपयुक्त सेवाएं भी दी जाती हैं।
Application Process for DIc Schemes l जिला उद्योग केंद्र की योजना के लिए कैसे आवेदन करें?
जिला उद्योग केंद्र की योजना के लिए अगर आप आवेदन करना चाहते हैं, तो सभी योजनाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती है। चलिए हम आपके आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दे देते हैं।
- जिला उद्योग केंद्र की योजनाओं के लिए आवेदन करने हेतु आपको सबसे पहले नजदीकी डीआईसी ऑफिस में जाना होगा या फिर आप संबंधित योजना के आधिकारिक पोर्टल का विजिट कर सकते हैं।
- योजना के लिए जो भी आवेदन फॉर्म होगा, उसे आपको ध्यानपूर्वक भरना होगा। सभी जानकारी जैसे कि नाम, पता, दस्तावेज सब कुछ सही तरीके से भरना होगा और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को आवेदन फार्म के साथ अटैच करना होगा।
- अगर आप जिला उद्योग केंद्र से आवेदन कर रहे है,तो आपको आवेदन फार्म के साथ सभी दस्तावेज ऑफिस में जमा करने होंगे। अगर आप आवेदन ऑनलाइन कर रहे है,तो ऑनलाइन सभी दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करने होंगे।
- जिला उद्योग केंद्र व नोडल एजेंसी के द्वारा आपका आवेदन फार्म और दस्तावेज बैंक या फिर अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन को भेजे जाएंगे।
- बैंक एवं फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के द्वारा आपके आवेदन फार्म, पात्रता और दस्तावेजों को चेक किया जाएगा। अगर आप एलिजिबल है, तो वेरिफिकेशन के पश्चात आपको बिजनेस लोन दे दिया जाएगा।
- बिजनेस लोन पर कितनी सब्सिडी दी जा रही है, यह अलग-अलग योजना के हिसाब से अलग-अलग निश्चित हैं। अधिक जानकारी के लिए आप आधिकारिक पोर्टल का विजिट कर सकते हैं।
Industries Centre से कैसे कांटेक्ट करें?
जिला उद्योग केंद्र से अगर आप कांटेक्ट करना चाहते हैं, तो आपको नजदीकी जिला उद्योग केंद्र पर जाना होगा या फिर आप आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से भी कांटेक्ट कर सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे की जिला उद्योग केंद्र जो भी आपके नजदीक में है या फिर आपके शहर या फिर जिला में है, तो उसकी जानकारी आपको मिनिस्ट्री आफ माइक्रो स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज के आधिकारिक पोर्टल पर मिल जाएगी। आप अपने स्टेट या फिर जिला के हिसाब से District Industries Centre के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
District Industries Centres List
राज्य | DIC कार्यालयों की संख्या | DIC कार्यालयों वाले जिले |
Jammu & Kashmir | Doda, Budgam, Jammu, Anantnag, Kathua, Rajouri, Ganderbal, Baramulla, Ramban, Doda, Srinagar, Pulwama, Kulgam, Shopian, Kupwara, Poonch, Kishtwar, and Bandipora | 20 |
Ladhak | Leh and Kargil | 2 |
Punjab | Batala, Faridkot, Hoshiarpur, Jalandhar, Amritsar, Bathinda, Mandi Gobindgarh, Patiala, Ludhiana, Mansa, Mohali, Ferozepur, Malerkotla, Nawansharh, Kapurthala, Moga, Mukatsar, and Chandigarh | 18 |
Haryana | Ambala, Jind, Gurgaon, Karnal, Kaithal, Bhiwani, Bahadurgarh, Faridabad, Mewat, Fatehabad, Panchkula, Palwal, Sirsa, Hisar, Panipat, Yamunanagar, Kurukshetra, Narnaul, Rohtak, Rewari, and Sonepat | 21 |
Jharkhand | Dhanbad, Deogarh, Hazaribagh, Jamtara, Latehar, Chaibasa, Saraikhela Kharsawan, Lohardaga, Simdega, Godda, Giridih, Koderma, Khunti, Garhwa, Ramgarh, Pakur, Bokaro, Ranchi, Gumla, Sahebganj, Palamu, and Jamshedpur | 20 |
Madhya Pradesh | Gwalior, Umaria, Neemuch, Bhopal, Khandwa, Shajapur, Panna, Ujjain, Katni, Raisen, Indore, Kawardha, Jabalpur,and Paraswar | 14 |
Odisha | Rayagadh, Bhubaneshwar, Keonjhar, Puri, Bolangir, Sambalpur, Nayagarh, Ganjam, Jagatsinghpur, Mayurbhanj, Baragarh, Cuttack, Sundargarh, Bhadrak, Kendrapara, Gajapati, Deogarh, Kalahandi, Jharasguda, Angul, Malkangiri, Rourkela, Nawarangpur, Subarnapur, Dhenkanal, Naupada, Koraput, Phulbani, Balasore, Boudh | 31 |
Maharashtra | Dhule, Bhandara, Chandrapur, Nandurbar, Nagpur, Osmanabad, Yavatmal, Nashik, Kolhapur, Hingoli, Sindhudurg, Washim, Nanded, Beed, Gondiya, Satara, Jalgaon, Latur, Buldhana, Parbhani, Amravati, Thane, Akola, Wardha, Ahmadnagar, Solapur, Aurangabad, Jalana, Gadchiroli, Ratnagiri, Pune, Raigadh | 33 |
Tamil Nadu | Trichirapalli, Thiruvalur, Salem, Thiruvannamalai, Kanyakumari, Thanjavur, Nagapattinam, Virudhanagar, Thiruvarur, Tirunelveli, Karur, Chennai, Ariyalur, Dindigul, Namakkal, Krishngiri | 32 |
Note- अधिक जानकारी के लिए आप आधिकारिक पोर्टल का विजिट कर सकते हैं।
निष्कर्ष
हमें उम्मीद है कि अब आपको जिला उद्योग केंद्र से संबंधित संपूर्ण जानकारी मिल गई है। यदि आप भी ग्रामीण क्षेत्रीय फिर छोटे शहरी इलाकों में रहते हैं और खुद का व्यवसाय स्थापित करना चाहते हैं, तो आप भी जिला उद्योग केंद्र की सहायता ले सकते हैं। District Industries Centre के माध्यम से आपको बहुत ही कम ब्याज दर पर अपने व्यवसाय के लिए लोन मिल सकता है। यदि आप किसी बैंक या फिर नॉन बैंकिंग फॉर्म से लोन लेते हैं, तो आपको बहुत ही ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है।
FAQ
Q. 1-DIC Program कब लॉन्च किया गया था?
Ans: यह प्रोग्राम साल 1978 में लॉन्च किया गया था।
Q. 2-जिला उद्योग केंद्र प्रोग्राम के अंतर्गत क्या कार्य किए जाते हैं?
Ans: व्यवसाय के लिए वित्त की व्यवस्था करना और व्यवसाय की ग्रोथ करने के लिए विभिन्न प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करनाI
Q. 3-Recurring Establishments के लिए भारत सरकार के द्वारा कितनी आर्थिक सहायता की जाती है?
Ans: Recurring Establishments के लिए भारत सरकार के द्वारा कुल खर्च का 70% और 3.75 लाख तक आर्थिक सहायता की जाती है
Q. 4-जिला उद्योग केंद्र के द्वारा दिए जाने वाले लोन पर कितने प्रतिशत इंटरेस्ट वसूला जाता है?
Ans: 4 % से 10% तक ब्याज लिया जाता है।
Q. 5-जिला उद्योग केंद्र के द्वारा लोन की पेमेंट करने के लिए कितना समय दिया जाता है?
Ans: जिला उद्योग केंद्र के द्वारा लोन की रीपेमेंट करने के लिए अधिकतम 10 वर्षों तक का समय दिया जाता हैl