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नाबार्ड योजना कौन सी है, यह योजनाएं किस प्रकार से ग्रामीण क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण है, यहां से जाने

by
admin
Posted on
Aug 31, 2024

नाबार्ड का मतलब राष्ट्रीय कृषि और विकास बैंक होता हैl साल 1982 में 2 करोड़ की पूंजी के साथ नाबार्ड को शुरू किया गया था। नाबार्ड के द्वारा अब देश के कुल ग्रामीण बुनियादी ढांचे का लगभग पांचवा हिस्सा वित्तपोषित किया जाता है। नाबार्ड का उद्देश्य नवाचार, प्रौद्योगिकी और संस्थागत पहलुओं के माध्यम से किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। नाबार्ड के द्वारा एसएचजी बैंक लीकेज परियोजना का विकास किया गया है। 

बताया जाता है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी माइक्रोफाइनेंस परियोजना है। नाबार्ड के द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड योजना की भी शुरुआत की गई है। जिसके द्वारा लाखों किसान लाभ ले रहे हैं। नाबार्ड के द्वारा बहुत सारी योजनाएं वर्तमान में शुरू की गई है। नाबार्ड के द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्य किए जाते हैं, जो काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है। चलिए एक-एक करके जान लेते हैं-

  • इसके द्वारा Food Processing Unit और फूड पार्क के लिए लोन दिया जाता हैl
  • कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, वेयरहाउस और कोल्ड स्टोरेज के लिए नाबार्ड के द्वारा विभिन्न प्रकार के लोन दिए जाते हैंl
  • Marketing Federations  के लिए क्रेडिट फैसिलिटी भी दी जाती है।
  • नाबार्ड के द्वारा रुलर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड भी दिए जाते हैं। नाबार्ड के द्वारा Producer Organisations (POs) को भी काफी प्रमोट किया जाता है।

नाबार्ड के द्वारा बैंक और अन्य फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन के साथ भी काम किया जाता है और नाबार्ड के द्वारा विभिन्न प्रकार के क्षेत्र में भी कार्य किया जा रहे हैं ।

  • Generating Employment
  • Promoting Entrepreneurship
  • making finance accessible to rural areas

नाबार्ड के द्वारा फार्मिंग NABARD’s Rural Innovation Fund के माध्यम से नवाचार से संबंधित एक कई प्रकार के प्रोग्राम भी आयोजित किए जाते हैंl माइक्रोफाइनेंस, एग्रीकल्चर और नॉन एग्रीकल्चर जैसे क्षेत्र से संबंधित भी विभिन्न प्रकार की एक्टिविटी नाबार्ड के द्वारा की जाती है और एरिया के डेवलपमेंट के लिए नाबार्ड काफी ज्यादा महत्वपूर्ण रोल अदा करता है।

चलिए इस पोस्ट के माध्यम से नाबार्ड से संबंधित सभी जानकारी जान लेते हैं कि नाबार्ड के द्वारा कौन सी योजनाएं चलाई जा रही है और किस प्रकार से नाबार्ड से ग्रामीण क्षेत्र का विकास हो रहा है। नाबार्ड के द्वारा जो योजनाएं लागू की गई है, उनके द्वारा किसानों को आधुनिक तरीके से खेती करने के बारे में जानकारी मिल रही है और अब वह पहले से बेहतर तरीके से खेती करके पैसा कमा रहे है। जो भी आर्थिक सहायता की जरूरत है, वह नाबार्ड के द्वारा दी जा रही है।

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NABARD के मुख्य कार्य

नाबार्ड सिर्फ एक बैंक नहीं है, जिसके द्वारा आर्थिक सहायता ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दी जाती है। यह एक ऐसा इंस्टीट्यूशन है, जिसके द्वारा टेक्नोलॉजी, क्रेडिट और अन्य तरह की सभी सुविधाएं Ruler Area में दी जाती है। जान लेते हैं कि नाबार्ड के कार्य क्या हैं।

ग्रामीण कारीगरों को वित्तीय सहायता देना

नाबार्ड के द्वारा ग्रामीण कारीगरों को उनका काम करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। बहुत कारीगर ऐसे है,जो पैसों की तंगी के कारण अच्छे से व्यवसाय नहीं कर पाते हैं। लेकिन नाबार्ड के द्वारा जब आर्थिक सहायता ग्रामीण कारीगरों को दी जा रही है, तो सब अच्छे से अपना व्यवसाय कर सकते हैं ।

प्रदर्शनियों का आयोजन

नाबार्ड के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित कौशल को बढ़ाने के लिए प्रदर्शनों का आयोजन भी किया जाता है। इन प्रदर्शनियों में हस्तकला और नवाचार से संबंधित प्रदर्शनियां लगाई जाती है। जिसमें ग्रामीण कौशल के बारे में लोगों को जानकारी मिलती है।

ग्रामीण मार्ट का आयोजन

नाबार्ड के द्वारा ग्रामीण मार्ट का आयोजन भी किया जाता है। यहां पर ग्रामीण कौशल से संबंधित और नई टेक्नोलॉजी से संबंधित कई तरह के प्रोडक्ट होते हैं और इन प्रोडक्ट को किसान व ग्रामीण क्षेत्र के युवा को प्रचार प्रसार करने का मौका मिलता है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं और उनके द्वारा तैयार किए गए उत्पाद जब मार्केट में बिकते हैं, तो उन्हें आर्थिक रूप से सहायता भी मिलती है।

बैंकों का आकलन करना

नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड और रुलर डेवलपमेंट के द्वारा Scheduled Commercial Banks (SCBs), Regional Rural Banks (RRBs), and District Central Cooperative Banks ((DCCBs) को सर्विस दी जाती है,इसके अलावा ऐसा ढांचा तैयार किया जाता है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र को वित्त समस्या से नहीं जूझना पड़ता है।

कृषि क्षेत्र का विकास करना

नाबार्ड के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में कृषि को बढ़ावा दिया जाता है। जिसके कारण किसान आधुनिक तरीकों से कृषि कर रहे हैं और कृषि की नई पद्धतियों के कारण किसान की आर्थिक स्थिति में भी काफी विकास हुआ है। किसानों को आधुनिक तरीके से खेती करने के लिए तो प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा उन्हें वित्तीय सहायता भी नाबार्ड की ओर से दी जाती है।

आदिवासियों की आजीविका को बढ़ावा देना

Tribal Development Fund के माध्यम से आदिवासियों की आजीविका को बढ़ाने का मौका भी नाबार्ड को मिला है। बहुत आदिवासी ऐसे हैं, जिन्हें नाबार्ड की ओर से जब फाइनेंशली मदद की जा रही है, तो वह भी अब दूसरे लोगों की तरह जिंदगी में आगे बढ़ रहे हैं।

माइक्रोफाइनेंस लोन प्रणाली में सुधार करना

ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अक्सर जब शॉर्ट टर्म लोन की आवश्यकता होती थी, तो काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन नाबार्ड के कारण उन्हें अब शॉर्ट टर्म लोन आसानी से मिल जाता है। 

Self-Help Group Bank Linkage Programme (SHG-BLP) के माध्यम से गरीब लोगों को आर्थिक सहायता दी जाती है। Joint Liability Groups (JLGs) के माध्यम से भी नाबार्ड के द्वारा कार्य किए जाते हैं। सेविंग मनी, लोन रीपेमेंट और अन्य सुविधाएं नाबार्ड के द्वारा दी जाती है।

जलवायु परिवर्तन के लिए सहायता करना

एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री के लिए भी नाबार्ड काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है । National Implementing Entity (NIE) for climate change projects के माध्यम से नाबार्ड के द्वारा विभिन्न प्रकार की एक्टिविटी की जाती है।

  • Conserving and managing coastal resources
  • Improving the adaptive capacity of small farmers
  • Leading Watershed Development Programmes
  • Promoting sustainable agriculture through smart strategies 

नाबार्ड की भूमिका इस प्रकार है-

नाबार्ड के द्वारा अपने उद्देश्य की पूर्ति करने के लिए वित्तीय और गैर वित्तीय दोनों तरह के कार्य किए जाते हैं। चलिए नाबार्ड के उद्देश्य के बारे में जान लेते हैं।

  • कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में समग्र विकास के लिए नाबार्ड के द्वारा अल्पकालिक और दीर्घकालिक लोन दिया जाता है।
  • नाबार्ड के द्वारा उद्यमी और किसानों को प्रत्यक्ष रूप से लोन भी दिया जाता है। यदि आप ग्रामीण क्षेत्र में व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो नाबार्ड की ओर से आपको ग्रामीण क्षेत्र के लिए बिजनेस लोन भी दिया जाएगा।
  • ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों का निर्माण करना, स्वच्छ जल, सिंचाई और अन्य सभी कार्यों के लिए भी नाबार्ड के द्वारा आर्थिक सहायता की जाती है।
  • अनुसंधान क्षमता निर्माण और तकनीकी विकास के माध्यम से नाबार्ड के द्वारा टिकाऊ खेती करने के लिए भी जोर दिया जाता है।
  • गैर कृषि क्षेत्र में लोन और लोन से संबंधित अन्य आर्थिक सहायता भी दी जाती है।
  • ग्रामीण क्षेत्र में वित्तीय सहायता तक पहुंच प्रदान की जाती है, सहायता समूह, माइक्रोफाइनेंस‌ संस्थाओं और अन्य समूह को आर्थिक सहायता दी जाती है।
  • मृदा संरक्षण, वाटरशेड विकास और टिकाऊ कृषि को भी बढ़ावा दिया जाता है।

कृषि विकास कार्यक्रम का भी संचालन किया जाता है, ताकि अधिक से अधिक लोग कृषि को अच्छे से समझ सके और बढ़िया तरीके से खेती कर सके।

दायरा

नाबार्ड के द्वारा इस प्रकार से कुटीर उद्योग, कृषि और लघु उद्योग के विकास से संबंधित योजनाएं बनाई गई है। जिनका उद्देश्य ग्रामीण विकास का समर्थन करना होता है। नाबार्ड के द्वारा निम्नलिखित माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जाता है।

बुनियादी ढांचा तैयार करना

नाबार्ड के द्वारा ग्रामीण योजनाओं को लागू करने के लिए और ग्रामीण विकास करने के लिए सभी बुनियादी ढांचा को तैयार किया जाता है।

वित्तीय संस्थानों की सहायता

नाबार्ड के द्वारा जिला स्तर पर लोन योजनाओं की निगरानी की जाती है और बैंक को दिशा निर्देश भी दिए जाते हैं।

बैंकों को विनियमित करना

नाबार्ड के द्वारा ग्रामीण बैंक और सरकारी बैंकों की निगरानी की जाती है, ताकि बैंकों को योजनाओं का संचालन करने में कोई दिक्कत ना है। इसके अलावा आरबीआई और अन्य सहकारी संस्थाओं प्राधिकरणों के साथ मिलकर विनियमित भी किया जाता है।

कल्याणकारी योजनाओं का विकास

नाबार्ड योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को ग्रामीण योजनाओं का फायदा देने के लिए भी कई प्रकार के कार्य किए जाते हैं, ताकि गांव के हर कोने तक योजनाओं का लाभ लोगों को मिल सके।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना

नाबार्ड के द्वारा हस्तशिल्प कारीगरों को प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि वह ज्यादा से ज्यादा अपने उत्पाद को मार्केट में बेच सके। 

शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म पुनर्वित्तपोषण

नाबार्ड के द्वारा अल्पकालीन और दीर्घकालिक पुनर्वित्त योजनाएं प्रदान की जाती है। चलिए विस्तार से जान लेते हैं।

शॉर्ट टर्म पुनर्वित्तपोषण

नाबार्ड के द्वारा अल्पकालीन पुनर्वित्तपोषण के माध्यम से फसल उत्पादन के लिए ऋण प्रोवाइड किया जाता है और इसके अलावा देश में खाद्य उत्पादन को स्थिर रखना और निर्यात के लिए नगदी फसल पैदा करना, इसके पीछे का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है। आरआरबी और राज्य सहकारी बैंक के द्वारा Short Term Loan प्रोवाइड किया जाता हैl अधिकतर शॉर्ट टर्म लोन को चुकाने के लिए 1 वर्ष का ही समय दिया जाता हैl

हथकरघा,बुनकरों,विपणन और कार्यशील पूंजी की जरूरत को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं की पेशकश भी की जाती है। आरआरबी और अनुसूचित वाणिज्य बैंक के द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यों का प्रबंध भी किया जाता है।

राज्य सहकारी बैंकों के माध्यम से नाबार्ड के द्वारा 33% या फिर फसल का नुकसान होने पर 60% तक किसानों की मदद की जा सकती है। आरबीआई के माध्यम से लोन की राशि का 70% तक वित्त पोषित कर दिया जाता है।

लॉन्ग टर्म पुनर्वित्तपोषण

नाबार्ड के द्वारा कृषि से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को लोन भी दिया जाता है और यह लॉन्ग टर्म लोन 18 महीने से 5 वर्ष तक हो सकता है। आरआरबी, एससीबी, एनबीएफसी और अन्य वित्तीय संस्थान के द्वारा Long Term Loan दिया जाता है l आइये जान लेते हैं कि नाबार्ड के द्वारा दिए जा रहे, दीर्घकालीन लोन के उद्देश्य क्या होते हैंl

  • मत्स्य पालन,वानिकी,कृषि और अन्य संबंधित क्षेत्र को सामूहिक रूप से बढ़ावा देने के लिए कृषि एवं संबंधित गतिविधियों का संचालन किया जाता हैl
  • जलवायु परिवर्तन और शमन योजनाओं का कार्यान्वयन।
  • सरकार की प्रमुख गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लोन को उपलब्ध करवाया जाता है।
  • संयुक्त देयता समूहों और स्वयं सहायता समूहों की लोन से संबंधित आवश्यकताओं की पूर्ति करना।
  • गैर-कृषि गतिविधियों के माध्यम से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाना।
  • सरकार की Loan Liquid Capital Subsidy योजनाओं को पुनर्वित्तपोषित करना और उन्हें दिशा प्रदान करना।

नाबार्ड द्वारा योजनाओं का परिचालन

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि नाबार्ड के द्वारा अपनी योजनाओं को बैंक, एनबीएफसी और अन्य ऋण देने वाली संस्थाओं के माध्यम से बढावा दिया जाता है। नीचे तालिका के माध्यम से पूरी जानकारी जान लेते हैं।

Credit Lending Institutions Short-term refinance assistance
Cooperative Agriculture and Rural Development  Long-term refinance assistance
Direct lending bank rate State Cooperative Banks and Regional Rural

नोट: ब्याज दर परिवर्तन के अधीन होती है। ब्याज के साथ-साथ जीएसटी भी लागू किया जाता है।

नाबार्ड के द्वारा योजनाओं को सही रूप से संचालित करने के लिए विभिन्न प्रकार के विभाग की स्थापना भी की गई हैl जिसके अंतर्गत सभी योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। यह देखा जाएगा कि सभी योजनाएं सुचारू रूप से लागू हो रही है या फिर नहीं। और जो भी परेशानी आ रही है, उन्हें भी सॉल्व किया जाएगा।

Operationalised department
Long-Term Irrigation Fund (LTIF)
Rural Infrastructure Development Fund (RIDF)
Micro Irrigation Fund (MIF)

नाबार्ड की महत्वपूर्ण योजनाएं

डेयरी उद्यमिता विकास योजना

अगर आप छोटी डेरी फार्म शुरू करना चाहते हैं,तो आप डेयरी उद्यमिता विकास योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के उद्देश्य निम्नलिखित रूप से इस प्रकार है-

  • बछड़े और प्रजनन पशु पालने के लिए प्रोत्साहित करना
  • जैविक दूध उत्पादन के लिए फार्म खोलने
  • श्रमिकों को बेहतर जीवन देने के लिए रोजगार से संबंधित गतिविधियो करना
  • असंगठित क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार करना।
  • व्यावसायिक स्तर पर दूध के प्रबंधन के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करवाना 

ऋण लिंक्ड पूंजी सब्सिडी योजना

भारत सरकार के द्वारा क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना को साल 2000 में शुरू किया गया था। नाबार्ड के द्वारा ऋण योजना ऑन की व्यवस्था की जाती है। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के बैंक के माध्यम से लोन योजनाएं शुरू की जाती है और उन्हें आम जनता तक पहुंचाया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

एनआईडीए

नाबार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट असिस्टेंस प्रोग्राम के माध्यम से स्वामित्व वाली कंपनी और संस्थान को लोन दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत स्थिर और जो मजबूत कंपनियां है, उन्हें ही चुना जाता है।

एमईडीपी

सूक्ष्म उद्यम विकास कार्यक्रम (एमईडीपी) के द्वारा कौशल विकास का समर्थन किया जाता है। इसके द्वारा सहायता समूह को बैंकों से वित्त प्रदान करने में सहायता की जाती है। इस योजना का उद्देश्य कौशल विकास करना है और इसके अलावा उत्पादन गतिविधियों को भी अनुकूलित करना है। 

कृषि एवं गृह गैर कृषि क्षेत्र में कौशल विकास एक महत्वपूर्ण चरण है, जिसके अंतर्गत प्रशिक्षण संस्थाओं को वित्त सहायता प्रदान करना काफी ज्यादा जरूरी है। हमें जानकारी मिली है कि अब तक 5.47 लाख एसएचजी सदस्यों को सरकार की ओर से वित्तीय सहायता प्रदान की जा चुकी है और आगे भी वित्तीय सहायता दी जाएगी।

एलईडीपी

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के द्वारा आजीविका और उद्यम विकास कार्यक्रम प्रदान किया जाता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सहायता समूह और सदस्य को आजीविका का सृजन करना है। इस योजना के अंतर्गत 25 से 30 सदस्यों की एक टीम के द्वारा शिक्षक प्रोवाइड किया जाता है। यहां पर गए कृषि गतिविधियां तो कार्रवाई ही जाती है, इसके अलावा गैर कृषि गतिविधियां भी करवाई जाती है।

ग्राम स्तर से संबंधित कार्यक्रम

ग्राम स्तर के कार्यक्रम बैंक वित्तीय संस्थान और गैर वित्तीय संस्थान के बीच में जो भी कंफ्यूजन है, उसे दूर किया जाता है। इस प्रोग्राम के अंतर्गत पहले लाभार्थियों को संबंधित योजनाएं, ऋण, चुनौती एवं अन्य पूरी जानकारी विस्तार से दी जाती है।

योजनाओं में योगदान

सरकार के द्वारा जितनी भी जन कल्याण योजनाएं शुरू की गई है, नाबार्ड के द्वारा इन सभी योजनाओं में भाग लिया जाता है। उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत गांव के ऐसे लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर है और गरीब है, उन्हें कच्चा मकान को पक्का मकान बनवाने के लिए सरकार पैसा देती है। इसके अलावा सभी घरों में पानी, बिजली, एलपीजी और अन्य सभी सुविधाएं भी सरकार के द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है।

नाबार्ड स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रामीण में सरकार के द्वारा काफी ज्यादा योगदान किया गया है। उन्हें स्वच्छता, पेयजल और गुणवत्ता केंद्र के माध्यम से लोन भी दिया जाता है। सरकार का उद्देश्य ग्रामीण वासियों को खुले में शौच करने से रोकना है, ताकि वह ज्यादा से ज्यादा टॉयलेट का इस्तेमाल करें और स्वच्छ रहे।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना

आपकी जानकारी के लिए बता दे की साल 1998-99 में किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की गई थी। भारत सरकार के द्वारा साल 2013 में इस योजना के अंतर्गत संशोधन भी किया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के उद्देश्य भी निर्धारित किए गए हैं। चलिए एक-एक करके पूरी जानकारी जान लेते हैं।

  • किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KSCS) के अंतर्गत किसानों को खेती करने के लिए Short Term Loan दिया जाता है।
  • जब किसान फसल की कटाई कर लेते है, तो फसल की कटाई के बाद खर्चो का प्रबंध करना भी जरूरी हैl
  •  इस योजना के अंतर्गत खर्चों का प्रबंध भी किया जा सकता है और कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं की प्राप्ति भी की जा सकती हैl
  • योजना के अंतर्गत किसान को खेती करने के लिए लोन वा अन्य जरूरी चीजों की आवश्यकता होती है, उसे किसान क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से पूरा किया जाएगा। 

नाबार्ड की योजनाओं के लिए पात्रता

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि नाबार्ड के द्वारा सीधे आपको लोन बिल्कुल भी नहीं दिया जाएगा। किसी अन्य वित्तीय संस्थान के द्वारा माध्यम से आपको लोन दिया जाएगा। प्रत्येक योजना के लिए अलग-अलग पात्रता निर्धारित की जा चुकी है और नाबार्ड के द्वारा ऋण योजना जो दी जा रही है, उसके माध्यम से आप सब्सिडी का लाभ अवश्य उठा सकते हैं।

Diary Subsidy Yojana के लिए पात्रता

  • यदि आप सहायता समूह के सदस्य, किसान, संगठित या असंगठित क्षेत्र के सदस्य और उद्यमी है, तो आप डेयरी सब्सिडी योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • आप दूध उत्पादक कंपनी और सहकारी समिति का सदस्य जरूर होने चाहिए। दूध उत्पादक कंपनी या फिर सहायक कंपनी को नाबार्ड में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा।
  • दूध की उत्पादन क्षमता कम से कम 200 लीटर तो रोज की होनी चाहिए। इसके अलावा कम से कम 10 गाय जरूर होनी चाहिए।
  • आपको किसी अनुमोदित प्रशिक्षण संस्थान से ट्रेनिंग प्राप्त जरूर होनी चाहिए। तभी आपको योजना का लाभ मिलेगा। इसके अलावा डेयरी में उचित दूध वाले उपकरण भी आपके लगते होंगे।

Dairy Farming Yojana के लिए पात्रता

  • इस योजना का लाभ लेने के लिए आपके परिवार की आय ₹100000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • आपके पास कम से कम 2 हेक्टेयर की जमीन तो जरूर होनी चाहिए।
  • सीमांत किसान जो कि भारत का नागरिक है, उसे ही इस योजना का लाभ मिलेगा।
  • किसान उत्पादक संगठन राज्य सरकार सहकारी समिति और धन भी माहिया करवाया जाता है।
  • प्रत्येक योजना के हिसाब से आपकी पात्रता अलग हो सकती है,इसीलिए पूरी जानकारी जैसे की ब्याज दर, पात्रता, लाभ और अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नाबार्ड की ऑफिशल वेबसाइट का विजिट जरूर करें।

महत्वपूर्ण दस्तावेज।

नाबार्ड के द्वारा आपको विभिन्न प्रकार की योजनाएं का लाभ दिया जा रहा है। अलग-अलग योजना के हिसाब से अलग-अलग दस्तावेज आपको जमा करने होंगे। उदाहरण के लिए डेयरी फार्म योजना के लिए आपको विभिन्न प्रकार की दस्तावेजों की जरूरत होगी।

  • अगर आपने किराए पर भूमि ली है या फिर आपकी खुद की जमीन है, तो आपके पास जमीन से संबंधित दस्तावेज होने जरूरी है।
  • आपके परिवार की वार्षिक का ₹100000 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • आपके पास पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य सभी दस्तावेज होने जरूरी है।
  • आप जिस भी योजना का लाभ लेना चाहते हैं, आपको उसी हिसाब से अपने सभी दस्तावेज तैयार करने होंगे।
  • दस्तावेजों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण बैंक के आधिकारिक पोर्टल का विजिट कर सकते हैं। 
  • ऑफिशल पोर्टल पर पीएफ के माध्यम से आपको हर एक योजना की डिटेल से जानकारी मिल जाएगी।

आवेदन की प्रक्रिया 

जानकारी के लिए बता दे कि नाबार्ड के द्वारा डायरेक्ट लोन नहीं दिया जाता है। नाबार्ड के द्वारा बैंक, क्रेडिट यूनियन, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान और अन्य विभिन्न प्रकार के वित्तीय संस्थानों के द्वारा लोन दिया जाता है।

किसान सहकारी समितियां, सहायता सहायता समूह और किसान उत्पादक संगठन के द्वारा नाबार्ड की लोन योजना के अंतर्गत सब्सिडी का लाभ मिलता है। वित्तीय संस्थाओं को मौद्रिक सहायता दी जाती है और उसके बदले में सब्सिडी प्रदान की जाती है।

अगर आप सब्सिडी का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित चरण अपनाने होंगे।

चरण 1: सबसे पहले आपको राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के आधिकारिक पोर्टल को ओपन करना होगा। यहां पर आपको आवेदन फार्म दिखाई देगा। इसी आवेदन फार्म को आपको डाउनलोड करना होगा।

चरण 2: आवेदन फार्म को डाउनलोड करने के बाद आप इसका प्रिंट निकलवा ले। प्रिंट निकलवाने के बाद आपको सभी जानकारी इस फॉर्म में सही तरीके से भरनी है।

चरण 3: सभी जानकारी सही भरने के पश्चात आपको सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी साथ में अटैच करना होगा और इस आवेदन फार्म को नजदीकी नाबार्ड के कार्यालय में जाकर जमा करना होगा।

चरण 4: अगर आप नाबार्ड की सभी कार्यालय के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आधिकारिक पोर्टल पर विजिट कर सकते हैं। वहां आपको राज्य वा जिला के हिसाब से सभी कार्यालय के बारे में जानकारी मिल जाएगी। आप अपना आवेदन फार्म संबंधित कार्यालय में पोस्ट के माध्यम से जमा करवा सकते हैं ।

  • लोन, सब्सिडी या अन्य कोई भी अगर आपको लाभ प्राप्त करना है, तो पहले आपको पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। 
  • रजिस्ट्रेशन करने के लिए नीचे बताया जा रही, प्रक्रिया को आप फॉलो कर सकते हैं।
  • सबसे पहले आपको नाबार्ड के आधिकारिक पोर्टल को अपने मोबाइल लैपटॉप में ओपन करना होगा।
  • नाबार्ड के आधिकारिक पोर्टल को ओपन करने के बाद आपको पंजीकरण लिंक के माध्यम से पंजीकरण करना होगा।
  • आपको अपना नाम, फोन नंबर, ईमेल आईडी और अन्य पूछी गई जानकारी भरना होगा और उस फॉर्म को जमा करना होगा।
  • आपको इस प्रकार से लॉगिन आईडी प्राप्त हो जाएगी। लॉगिन आईडी की मदद से आपको फिर से साइट पर लॉगिन करना होगा।

नाबार्ड की लोन योजनाओं का लाभ लेने के लिए हर कोई व्यक्ति आवेदन नहीं कर सकता है। अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको ऑनलाइन अपनी पात्रता चेक करनी चाहिए । अगर आप पात्र है, तभी आपको सब्सिडी या फिर लोन का फायदा मिलेगा।

FlexiLoans के माध्यम से भी आप अपने बिजनेस के लिए लोन ले सकते हैं। सूक्ष्म, लघु और मध्य हर स्तर के लिए बिजनेस लोन यहां पर आपको उपलब्ध हो जाएगा। अगर आप बिजनेस लोन के बारे में कोई भी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट का विजिट जरूर करें। जहां पर आपको हर एक जानकारी डिटेल से मिल जाएगी।

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