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बिल ऑफ एक्सचेंज और प्रॉमिसरी नोट में क्या अंतर है, इनका इस्तेमाल बिजनेस में क्यों किया जाता है?

by
admin
Posted on
Aug 31, 2024
प्रॉमिसरी नोट और बिल ऑफ एक्सचेंज

किसी भी व्यवसाय में प्रॉमिसरी नोट और बिल ऑफ एक्सचेंज काफी महत्वपूर्ण होता है। यह दोनों ही एक निश्चित समय पर भुगतान करने के संबंध में होते हैं। लेकिन इन दोनों के बीच में काफी अंतर है। अगर आप एक बिजनेसमैन है,तो आपके लिए इन दोनों के अंतर को समझना काफी ज्यादा जरूरी हो जाएगा। अगर आप प्रॉमिसरी नोट और बिल आफ एक्सचेंज के अंतर को समझेंगे, तो आपको बिजनेस के दौरान इनका इस्तेमाल करते समय कोई समस्या नहीं होगी । 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रॉमिसरी नोट में सिर्फ दो पक्ष होते हैं। एक Maker और दूसरा Receiver या Payee जिसके द्वारा पेमेंट का भुगतान किया जाता है, उसे मेकर कहा जाता है और जिसे पेमेंट रिसीव होती है, उसे अदाता (Payee)कहा जाता हैI इसके अलावा बिल आफ एक्सचेंज की बात करें, तो इसमें कुल तीन पक्ष होते हैंl पहला पक्ष Drawer होता है। 

यह वह पक्ष होता है, जिसके द्वारा भुगतान करने का Order किया जाता है। Drawee वह व्यक्ति होता है,जिसके द्वारा पेमेंट का भुगतान किया जाने वाला होता हैl तीसरा पक्ष Payee होता है, जो पेमेंट रिसीव करता है। इस लेख के माध्यम से हम आपको इन दोनों में अंतर समझा रहे हैं। पूरी जानकारी के लिए आप अंत तक पोस्ट को अवश्य पड़े।

Promissory Note क्या है? 

 प्रॉमिसरी नोट एक वित्तीय साधन होता है, जिसके द्वारा हम भविष्य में भुगतान करने का वादा करते हैं। जब हम किसी को लिखित में पैसे का भुगतान करने का वादा करते हैं, तो उसे Promissory Note कहा जाता है। प्रॉमिसरी नोट में दो पक्ष होते हैं। पहला पक्ष मेकर का होता है। मेकर के द्वारा भुगतान करने के लिए लिखित में वादा किया जाता है। 

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जो प्रॉमिसरी नोट नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट होता है । यानी कि इसे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के लिए ट्रांसफर किया जा सकता है। यह आदाता को फ्यूचर में निर्माता से धन लेने के लिए सुविधा देता है। प्रॉमिसरी नोट के अंतर्गत निर्माता से भुगतान का लिखित वादा करवा के क्रेडिट पर वस्तु या सेवाएं खरीदने की अनुमति देकर भी भुगतान की सुविधा प्रदान करता है। प्रॉमिसरी नोट बहुमुखी होता है, जिसके अंतर्गत भविष्य में तय समय पर भुगतान करने का वादा किया जाता है। जिससे Payee की वित्तीय ज़रूरतें भी पूरी होती हैं।

प्रॉमिसरी नोट का इस्तेमाल कहां किया जाता है ?

प्रॉमिसरी नोट का इस्तेमाल विभिन्न तरीकों के लिए किया जा सकता है।

ऋण का प्रमाण

प्रॉमिसरी नोट का इस्तेमाल ऋणकर्ता और आदाता के बीच में कानूनी सबूत के रूप में भी काम करता है। क्योंकि प्रॉमिसरी नोट में मेकर के द्वारा यह साफ-साफ लिखा जाता है कि वह निश्चित तिथि व निश्चित दिन इतने रुपए का भुगतान करेगा। प्रॉमिसरी नोट का इस्तेमाल(Uses Of Promisory Note) करने से भविष्य में मेकर कानूनी रूप से पेमेंट का भुगतान करने के लिए बाध्य होता है।

वित्त का स्रोत होता है

प्रॉमिसरी नोट को वित्त के स्रोत के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रॉमिसरी नोट की सहायता से जो Payee होता है, वह तीसरे व्यक्ति से पैसा भी ले सकता है। क्योंकि इसमें मेकर के द्वारा यह वादा किया जाता है कि वह इतनी तारीख या इतने दिन के पश्चात पैसे का भुगतान करेगा। तो Payee के द्वारा प्रॉमिसरी नोट का इस्तेमाल अपनी वित्तीय जरूरत को पूरे करने के लिए भी किया जा सकता है।

भुगतान करने का तरीका

प्रॉमिसरी नोट भुगतान का एक तरीका भी होता है। इसके अंतर्गत आदाता या जो तीसरा पक्ष होता है, वह प्रॉमिसरी  नोट को अपने पास भी रख सकता है या फिर अन्य व्यक्ति के साथ भी इससे संबंधित बातचीत कर सकता है।

Bill Of Exchange क्या है?

बिल ऑफ एक्सचेंज ट्रेड एंड कॉमर्स में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बिल आफ एक्सचेंज का मतलब यह होता है कि Drawer के द्वारा बिल जारी किया जाता है। जिसमें payee or bearer को फ्यूचर डेट में बिल का भुगतान करने के लिए आर्डर दिया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें प्रॉमिसरी नोट में जो मेकर होता है, वह खुद प्रॉमिस करता है। लेकिन बिल आफ एक्सचेंज में Drawer के द्वारा ड्राई को ऑर्डर दिया जाता है कि वह इस निश्चित दिन पेमेंट का भुगतान करें। 

Payee के द्वारा समय से पहले भी पेमेंट की जा सकती है। अगर Payee के द्वारा समय से पहले पेमेंट की जाती है, तो उसे बैंक या फिर अन्य संस्थान के माध्यम से डिस्काउंट ऑफर भी मिल सकता है। जब एक पक्ष को दूसरे पक्ष के लिए लिखित रूप में भुगतान करने का आदेश दिया जाता है, तो इसे ही बिल आफ एक्सचेंज कहा जाता है।

बिल ऑफ एक्सचेंज का इस्तेमाल 

निम्नलिखित रूप से बिल आफ एक्सचेंज का इस्तेमाल किया जा सकता है

व्यापार

बहुत बार इसका इस्तेमाल बिल आफ एक्सचेंज का इस्तेमाल ट्रेड में भी कर लिया जाता है। जब हम किसी व्यक्ति से कोई सामान खरीदते हैं, तो हमें पैसों का भुगतान करना होता है। ऐसी स्थिति में जो खरीदा हुआ सामान होता है, उसका बिल बनाया जाता है और ड्रायर के द्वारा एक निश्चित तिथि के अंतर्गत कोई आदेश दिया जाता है कि वह पेमेंट का भुगतान करें। Payee के द्वारा समय से पहले या फिर समय पर पेमेंट का भुगतान करने के पश्चात ऑनलाइन डिस्काउंट और अन्य ऑफर भी प्राप्त हो सकता है।

पैसे ट्रांसफर करने के लिए

पैसे ट्रांसफर करने के बिल आफ एक्सचेंज का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अंतर्गत जिस तिथि व जिस दिन पेमेंट का भुगतान करना होता है, उस दिन पेमेंट का भुगतान हो जाता है ।payee or किसी भी थर्ड पार्टी के द्वारा पेमेंट रिसीव होने तक बिल आफ एक्सचेंज को होल्ड करके रखा जा सकता है।

क्रेडिट की प्रक्रिया

बिल आफ एक्सचेंज का इस्तेमाल क्रेडिट की एक विधि के रूप में भी किया जा सकता है। बिल ऑफ एक्सचेंज के द्वारा तीसरे व्यक्ति को भी क्रेडिट किया जा सकता है। वित्त संसाधनों का उपयोग करने के पश्चात क्रेडिट बढ़ाने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। किसी तीसरे पक्ष से विनियम का बिल स्वीकार करने के पश्चात भविष्य की तारीख पर भुगतान करने का वादा किया जा सकता है।

प्रॉमिस्सरी नोट और बिल ऑफ एक्सचेंज में क्या अंतर होता है? 

इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको प्रॉमिसरी नोट और बिल आफ एक्सचेंज के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से दी है। हमने यह जाना की प्रॉमिसरी नोट एवं बिल ऑफ एक्सचेंज दोनों ही नेगोशिएबल होते हैं। प्रॉमिसरी नोट के अंतर्गत फर्स्ट पार्टी के द्वारा पैसे देने का वादा किया जाता है।  

जो बिल आफ एक्सचेंज होता है, इसमें Drawer के द्वारा Drawee को आदेश देता है कि निश्चित तिथि या फिर निश्चित दिन पेमेंट का भुगतान करना है। हमें बिल आफ एक्सचेंज और प्रॉमिसरी नोट दोनों के बारे में जानना काफी जरूरी है। उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई होगी। 

अगर आपको फिर भी प्रॉमिसरी नोट या और बिल आफ एक्सचेंज से संबंधित कुछ भी पूछना है, तो आप हमें कमेंट सेक्शन में कमेंट करके पूछ सकते हैं। अक्सर जब हम लोन लेते हैं या फिर लोन देते हैं, तो हमें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार तो हमें जिस व्यक्ति को लोन देते हैं, उससे पैसे ही रिसीव नहीं होते हैं। हमें घाटा हो जाता है। 

ऐसे में अगर आपने किसी को लोन दिया है, तो आप बिल ऑफ एक्सचेंज के माध्यम से पेमेंट रिकवर कर सकते हैं और इससे पेमेंट मिलना भी काफी ज्यादा आसान होगा । अगर आपको किसी को पैसे देने हैं और आपको लग रहा है कि शायद बाद में प्रॉब्लम ना हो, तो आप एक  प्रॉमिसरी नोट साइन कर सकते हैं।

Difference Between Promissory Note And Bill Of Exchange 

Basis  Bills Of Exchange  Promissory Note 
Meaning  बिल आफ एक्सचेंज में ड्रायर के द्वारा ड्राई को तीसरी पार्टी का भुगतान करने के लिए आदेश दिया जाता है। मेकर के द्वारा निश्चित तिथि पर दूसरे पक्ष को भुगतान करने के लिए वादा किया जाता है।
कुल पक्ष इसमें तीन पक्ष होते हैं। Drawer, Drawee और Payee दो पक्ष होते हैं। Maker और Receiver 
कौन बनाता है लेनदार  देनदार 
Contains Unconditional Order To Pay Unconditional Promise To Pay
स्वीकृति Acceptance Drawee की स्वीकृति की आवश्यकता होती है। स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होती।
दायित्व Drawer की दूसरी जिम्मेदारी होती है। पहली जिम्मेदारी Maker की होती है।
कितनी कॉपी की आवश्यकता है। सिर्फ एक कॉपी की आवश्यकता है। Foreign Bill के लिए तीन कॉपीl सिर्फ एक कॉपी
Stamp Need Or Not आवश्यकता नहीं है। आवश्यकता है।
Dishonour Notice जिन पार्टी का दायित्व है, उन सभी को नोटिस भेजा जाता है। सिर्फ मेकर को नोटिस भेजा जाएगा।
Grace Period  3 Days No Grace Periods
Maturity  डिमांड पर भुगतान किया जा सकता है। फिक्स्ड पीरियड के बाद भी भुगतान किया जा सकता है। डिमांड पर भी भुगतान किया जा सकता है या फिक्स्ड पीरियड खत्म होने के बाद भी भुगतान किया जा सकता है।
ब्याज ब्याज नहीं लगता ब्याज लगता है।
Maturity Period  3 वर्षों तक 3 वर्षों तक
Endorsement Unlimited समय तक हो सकता है। नहीं हो सकता।
Attested आवश्यकता नहीं है। Witness के द्वारा Attested किया जाएगा।
Usage नेशनल और इंटरनेशनल दोनों के लिए इस्तेमाल होता है। सिर्फ नेशनल ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होता है।
Retirement  इसके लिए Maturity की आवश्यकता नहीं है। Maturity की आवश्यकता है।
Liability  Drawer liable होता है। Maker liable होता है।
Drawer As Payee Yes  No

FAQ 

Q. 1. बिल ऑफ एक्सचेंज और प्रॉमिसरी नोट में  क्या एक समान होता है?
Ans: इन दोनों में एक खासियत यह है कि यह दोनों पक्षों में कानूनी संबंध स्थापित करते हैं। जिसके कारण जो देनदार होता है, वह पैसे देने के लिए बाध्य हो जाता है।
Q. 2. प्रोमोसरी नोट और बिल ऑफ एक्सचेंज में क्या अंतर होता है?
Ans: प्रॉमिसरी नोट और बिल ऑफ एक्सचेंज में सबसे बड़ा अंतर यही होता है कि जो प्रॉमिसरी नोट है, उसमें Maker के द्वारा दूसरे पक्ष को वादा किया जाता है कि वह एक निश्चित तिथि को इतनी रकम का भुगतान कर देगा। लेकिन जो बिल आफ एक्सचेंज होता है, इसमें Drawer के द्वारा Drawee को यह आदेश दिया जाता है कि वह एक निश्चित तारीख में बिल का भुगतान कर दे। अमाउंट तिथि और अन्य सभी जानकारी बिल पर लिखी हुई होती है
Q. 3. प्रॉमिसरी नोट और बिजनेस लोन एग्रीमेंट में क्या अंतर होता है?
Ans: प्रॉमिसरी नोट में Maker निश्चित अमाउंट को निश्चित तिथि पर देने का वादा करता है। बिजनेस लोन में भी ऐसा ही कुछ होता है। लेकिन जो प्रॉमिसरी नोट होता है, यह अधिकतर छोटी रकम के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है।

Q. 4. Note – Holder क्या होता है?
Ans: जिस व्यक्ति को Maker के द्वारा एक निश्चित तिथि में पैसे देने का वादा किया जाता है, उसे नोट होल्डर कहा जाता है और इसी के पास प्रॉमिसरी नोट भी सुरक्षित रहता है

Q. 5. नेगोशिएबल एक्ट 1881 के अंतर्गत प्रॉमिसरी नोट और बिल आफ एक्सचेंज को आप कैसे अलग करोगे?
Ans: प्रॉमिसरी नोट में एक निश्चित तिथि के अंतर्गत किसी अन्य व्यक्ति को पेमेंट के लिए प्रॉमिस किया जाता है और यह लिखित में होता हैl अनकंडीशनल होता हैl लेकिन जो बिल आफ एक्सचेंज होता है, उसमें आदेश होता है कि आपको इस दिन इतनी रकम का भुगतान करना हैl प्रोमोसरी नोट में Maker का सिग्नेचर होता है और उस व्यक्ति का नाम भी होता है, जिसे भुगतान करना होता हैl

Q. 6. ऑनलाइन बिजनेस लोन के लिए प्रॉमिसरी नोट का इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं?
Ans: हां,ऑनलाइन बिजनेस लोन के लिए प्रॉमिसरी नोट का इस्तेमाल किया जा सकता हैl
Q. 7. प्रॉमिसरी नोट की लिमिट क्या होती है?
Ans: जिस दिन प्रॉमिसरी नोट पर सिग्नेचर किए जाते हैं, उस दिन से 3 वर्ष तक यह वैलिड होता है। अगर अमाउंट की बात करें तो प्रॉमिसरी नोट के द्वारा जो अमाउंट का भुगतान किया जाता है, उसकी कोई भी लिमिट नहीं होती है।
Q. 8. क्या प्रोमोजरी नोट लीगल होता है?
Ans: हां ,प्रोमोसरी नोट लीगल होता है। जिसमें एक निश्चित अमाउंट को एक निश्चित दिन भुगतान करने का लिखित वादा किया जाता है
Q. 9. Drawer कौन होता है?
Ans: Drawer वह होता है, जिसके द्वारा किसी थर्ड पार्टी को पेमेंट करने के लिए बिल ऑफ एक्सचेंज लिखा जाता हैl

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