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जानिए लाइन ऑफ क्रेडिट और क्रेडिट कार्ड में अंतर

by
admin
Posted on
Apr 02, 2023
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क्रेडिट कार्ड (Credit Card) और लाइन ऑफ क्रेडिट (Line of Credit), ये दोनों एक तरह के लोन सिस्टम हैं. हालांकि, कई लोग ऐसे हैं जिन्हें इन दोनों के बीच का तकनीकी अंतर नहीं पता है. अगर आप कारोबार के लिए इन दोनों का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो इन दोनों के बीच का फर्क पता होना बहुत जरूरी है. ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल निजी खर्च के लिए करते हैं, लेकिन अगर आप बिजनेस के लिए लोन के तौर पर इसका इस्तेमाल करना चाहें, तो भी यह बहुत कारगर साबित हो सकता है. लाइन ऑफ क्रेडिट, आम लोगों के लिए थोड़ा जटिल लग सकता है, लेकिन यह है नहीं. आइए हम आपको बताते हैं कि क्रेडिट कार्ड (Credit Card Kya Hota Hai) और लाइन ऑफ क्रेडिट (Line of Credit) में अंतर क्या है.  

क्रेडिट कार्ड क्या है

क्रेडिट कार्ड बैंकों या  द्वारा दी जाने वाली एक क्रेडिट सुविधा है. यह आपको पैसे उधार लेने की अनुमति देता है. क्रेडिट कार्ड पर यूजर के लिए प्री-अप्रूव्ड क्रेडिट लिमिट होती है. इससे सामान और सेवाओं के लिए भुगतान कर सकते हैं. क्रेडिट कार्ड बिल प्राप्त होने के बाद,आप ग्रेस पीरियड के दौरान बिना किसी ब्याज के खर्च की गई राशि का भुगतान कर सकते हैं. ग्रेस पीरियड के बाद, बैलेंस पर ब्याज लगता है. क्रेडिट कार्ड को जब आप स्वाइप करते हैं, तो पैसे आपके आपकी क्रेडिट लिमिट से लिए जाते हैं. आप लगभग सभी उत्पादों और सेवाओं के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन भुगतान करने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

क्रेडिट कार्ड के फायदे क्या हैं

क्रेडिट कार्ड का फायदा यह है कि आप इससे एक अच्छा क्रेडिट स्कोर (cibil score kaise badhaye) बना सकते हैं. आप को एक निश्चित समय में भुगतान करने पर ब्याज नहीं देना पड़ता है. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ट्रांजैक्शन आसानी से कर सकते हैं. अधिकतर क्रेडिट कार्ड के साथ आकर्षक रिवॉर्ड, कैशबैक, छूट जैसे ऑफर मिलते हैं. अगर आपको अर्जेंट लोन चाहिए तो ऐसे इमरजेंसी हालात में आप क्रेडिट कार्ड से कैश भी निकाल सकते हैं. कोई बड़ी खरीदारी क्रेडिट कार्ड की मदद से कर सकते हैं. इससे कई बार उस बड़ी रकम को किश्तों में भी भुगतान कर सकते हैं. उस पर कोई ब्याज भी नहीं लगता. क्रेडिट कार्ड से होने वाले ट्रांजैक्शन सुरक्षित होते हैं क्योंकि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए OTP वैरिफिकेशन और ऑफलाइन के लिए पिन की जरूरत होती है. आजकल चिप बेस्ड क्रेडिट कार्ड आते हैं. इसमें दो हजार रुपये तक की खरीदारी आप POS मशीन से केवल टच कराकर कर सकते हैं. 

क्या क्रेडिट कार्ड पर पर्सनल लोन मिलता है

क्रेडिट कार्ड पर लोन भी मिलता है. आइए हम आपको बताते हैं कि क्रेडिट कार्ड से लोन कैसे मिलता है. आप जरूरत पड़ने पर क्रेडिट कार्ड से पर्सनल लोन भी ले सकते हैं. इस पर ब्याज भी कम लगता है, लेकिन इसके भुगतान में देरी आपको महंगी पड़ सकती है. सामान्य तौर पर, बैंक पर्सनल लोन 13-22 फीसदी के ब्याज पर देते हैं. वहीं, क्रेडिट कार्ड पर लेने वाले पर्सनल लोन पर 10 से 18 फीसदी का ब्याज आमतौर पर लगता है. 

लाइन ऑफ क्रेडिट क्या है? 

जब आप पर्सनल लोन लेते हैं तो आपको ब्‍याज समेत ईएमआई चुकाकर पूरी रकम चुकानी होगी. वहीं लाइन ऑफ क्रेडिट में आपको केवल उतनी ही रकम पर ब्‍याज देना होगा जितना आपने खर्च किया है. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि लाइन ऑफ क्रेडिट एक निश्चित रकम होती है जो उधार के तौर पर खर्च करने के लिए मिलती है. उसमें से जितना आप खर्च करते हैं, केवल उतने पैसों पर ही ब्याज लगता है. बाकी बची रकम लाइन ऑफ क्रेडिट में ही पड़ी रहती है. उस पर न कोई ब्‍याज लगता है और न कोई पेनल्‍टी. मान लीजिए कि आपको दो लाख रुपए की लाइन ऑफ क्रेडिट मिली है, लेकिन आपने केवल 50 हजार ही खर्च किए हैं. ऐसी स्थिति में आपको केवल 50 हजार रुपए पर ही ब्‍याज देना होगा. लाइन ऑफ क्रेडिट में बचे डेढ़ लाख वैसे ही ही पड़े रहेंगे. उनपर कोई ब्‍याज या जुर्माना नहीं लगेगा. अगर फिर आपने 30 हजार रुपये खर्च कर दिए, तो आपको 80 हजार रुपए ब्‍याज समेत वापस लौटाने होंगे. बकाया 1 लाख 20 हजार पर कोई ब्‍याज नहीं लगेगा और वह लाइन ऑफ क्रेडिट में बैलेंस रहेगा.

कैसे मिलती है लाइन ऑफ क्रेडिट

जिस तरह आपकी इनकम और क्रेडिट स्‍कोर के आधार पर आपको कोई लोन मिलता है, उसी प्रकार लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत मिलने वाली राशि भी आपकी वित्तीय हैसियत और क्रेडिट स्‍कोर के आधार पर तय होती है. यह तीन हजार रुपए से लेकर 10 लाख रुपये तक भी हो सकती है. क्रेडिट लाइन की शुरुआती लिमिट, उसपर ब्याज की दर और अन्य नियम बैंक या जारी करने वाला वित्तीय संस्‍थान ही तय करता है. लाइन ऑफ क्रेडिट पर ब्याज की दर आमतौर पर क्रेडिट कार्ड के ब्याज दर से कम होती है. लाइन ऑफ क्रेडिट का लाभ किसी को भी मिल सकता है और राशि अपने क्रेडिट कार्ड में भी प्राप्त कर सकता है. कुछ बैंक और वित्तीय कंपनियां क्रेडिट कार्ड के जरिए भी लाइन ऑफ क्रेडिट की सुविधा देती हैं.

लाइन ऑफ क्रेडिट लेने से पहले कर लें यह काम

लाइन ऑफ क्रेडिट का लाभ लेने से पहले आप अपनी जरूरत और उस समयावधि का मूल्यांकन करें जितने के लिए आपको पैसे की जरूरत है. पर्सनल लोन आपको कम ब्याज पर मिल सकता है, लेकिन लाइन ऑफ क्रेडिट पर लगने वाली ब्याज दरें उससे अधिक होती हैं. ऐसे में सेविंग,करंट या सैलरी अकाउंट पर मिलने वाला ओवरड्राफ्ट की सुविधा अच्छा विकल्प हो सकता है. अगर उस पर लाइन ऑफ क्रेडिट से कम ब्याज लगता है तो.

क्रेडिट कार्ड और लाइन ऑफ क्रेडिट में फर्क

क्रेडिट कार्ड और लाइन ऑफ क्रेडिट एक जैसे नजर आते हैं, लेकिन इनमें थोड़ा फर्क होता है. लाइन ऑफ क्रेडिट में आपको कोई कार्ड नहीं मिलता है, सिर्फ एक लोन एग्रीमेंट लाइन मिलती है, जबकि क्रेडिट कॉर्ड में आपको एक कार्ड मिलता है. आप लाइन ऑफ क्रेडिट में से अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकाल सकते हैं. आप जितनी रकम लाइन से निकालना चाहेंगे, उतनी रकम आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी. यह खर्च की गई रकम को ब्‍याज के साथ आपको लौटाना पड़ता है. वहीं क्रेडिट कार्ड में आपके कार्ड पर खर्च करने की एक लिमिट तय होती है. उतने पैसे तक ही कार्ड से भुगतान कर खर्च कर सकते हैं. इसके साथ ही क्रेडिट कार्ड पर नगद निकासी की सीमा भी तय होती है. उस सीमा के अंदर ही आप लेन-देन कर सकते हैं. बैंक कैश ट्रांजेक्शन पर अलग फीस लेते हैं. क्रेडिट कार्ड में तय लिमिट में से आप जितना खर्च करते हैं, ग्रेस पीरियड के बाद आप अगर पैसा नहीं चुका पाते हैं तो आपको उस पर ब्याज देना पड़ता है. ग्रेस पीरियड में चुका देने पर कोई ब्याज नहीं लगता है. जब तक आप पैसा वापस नहीं लौटाते हैं, जबतक उतना पैसा आपके क्रेडिट लिमिट से घटा रहता है.

इन अंतरों को समझने के बाद आप अपनी जरूरतों के हिसाब से दोनों के बीच चयन कर सकते हैं. दोनों की अलग-अलग खूबियां हैं और यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि इन दोनों क्रेडिट सुविधाओं में कौन सी सुविधा आपके लिए उचित साबित होती है.

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