जीएसटी रजिस्ट्रेशन के साथ बिजनेस लोन कैसे प्राप्त करें
Mar 10, 2025

भारत में GST रजिस्ट्रेशन का महत्व न केवल व्यवसायियों के कर अनुपालन को सुनिश्चित करता है बल्कि उनकी व्यावसायिक विश्वसनीयता को भी बढ़ाता है। इसके साथ ही, वह उनकी साख को बढ़ाकर उन्हें बेहतर वित्तीय अवसर भी प्रदान करता है।
अब आप GST रिटर्न के साथ बिजनेस लोन भी प्राप्त कर सकते हैं। GST योजना के तहत, पंजीकृत GST नंबर वाले स्वरोजगार व्यवसायी और गैर व्यावसायिक पेशेवर (रिटेलर और सर्विस प्रदाता) अपने व्यवसाय के लिए पूंजी जुटा सकते हैं। अधिकतर बैंकें और एनबीएफसी व्यवसायियों के GST रिटर्न की क्षमता के आधार पर उन्हें लोन प्रदान करती है। वह GST पंजीकृत व्यवसायियों को अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित मानते हुए उन्हें उचित ब्याज दरों पर देना पसंद करते हैं।
निम्नलिखित लेख को ध्यान से पढ़ें और जानें कि कैसे GST और बिजनेस लोन एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
GST रजिस्ट्रेशन और बिजनेस लोन का महत्व
GST रजिस्ट्रेशन बिजनेस लोन पात्रता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होता है क्योंकि यह आवेदक के कर अनुपालन, बिजनेस टर्नओवर, और वित्तीय अनुशासन के प्रमाण के रूप में काम करता है। इससे बैंकों और एनबीएफसी को उनके वित्तीय स्वास्थ्य का आकलन करने में मदद मिलती है। वह उन्हें अन्य गैर GST पंजीकृत व्यवसायियों की तुलना में अधिक पारदर्शी और सुरक्षित मानते हैं। इस तरीके से, आवेदक व्यवसायी बड़ी लोन राशि के लिए पात्र हो जाता है।
अतः व्यवसायियों को नियमित GST अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए क्योंकि यह उनके भविष्य में लिए जाने वाले लोन स्वीकृति की संभावना बढ़ाने में मदद करता है। इसके साथ ही, GST रिटर्न एक वैध वित्तीय विवरण के रूप में भी काम करता है। इस दस्तावेज के संलग्न करने के बाद उन्हें आय के अतिरिक्त प्रमाण पत्र को लगाने की जरूरत नहीं होती है।
अतः आप भी GST रजिस्ट्रेशन का लाभ समझें और उसका अनुपालन करें। इससे आप, आप खुद को एक विश्वसनीय उद्धारकर्ता के रूप में स्थापित करेंगे और बेहतर वित्तीय अवसरों को खोजेंगे।
GST रजिस्ट्रेशन आधारित बिजनेस लोन के फायदे
आसान प्रक्रिया और कम शर्तों की वजह से GST आधारित बिजनेस लोन छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए एक बेहतर लोन विकल्प बन गया है। अधिकतर उधारदाता GST व्यवसायियों के GST रिटर्न रिकॉर्ड से उनके व्यवसाय के वित्तीय स्वास्थ्य का आकलन आसानी से कर लेते हैं। इसने लोन प्रक्रिया को और आसान और सभी की पहुंच में बना दिया है। आइए, निम्नलिखित बिंदुओं के द्वारा GST आधारित लोन के फायदे जानें:
- आसान पात्रता (Simplified Eligibility): चूंकि GST आधारित बिजनेस लोन असुरक्षित होते हैं, इसीलिए आवेदक लोन के लिए आसानी से पात्र बन जाता है। उन्हें किसी भी मूल्यवान वस्तु या संपत्ति को गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती है। GST रजिस्ट्रेशन ने लोन लेने की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब उधार दाताओं के लिए व्यवसायियों के विस्तृत वित्तीय विवरण के बारे में जानकारी लेना आवश्यक नहीं है। वे GST रिटर्न रिकॉर्ड के आधार पर उनके व्यवसाय के पिछले वर्षों के बिजनेस टर्नओवर और नकद प्रवाह के बारे में आसानी से जान सकते हैं। इस तरीके से, GST ने बिजनेस लोन को छोटे उद्योगों और स्टार्टअप के लिए सुलभ बना दिया है। वे आसानी से अपने व्यवसाय के लिए पूंजी जुटा सकते हैं और प्रतियोगी बाजार में नए अवसर तलाश सकते हैं।
- उच्च लोन राशि (Higher Loan Amount): जो व्यवसायी नियमित GST रिटर्न का अनुपालन करते हैं, वे लोनदाताओं से अधिकतम लोन राशि प्राप्त करने के लिए योग्य बन जाते हैं। GST रिटर्न उनके व्यापार संबंधी बिक्री और राजस्व का पारदर्शी रिकॉर्ड प्रदान करता है। इस तरीके से, वह अपने बिजनेस के लिए आवश्यक पूंजी का प्रबंध आसानी से कर सकते हैं। लोन से प्राप्त हुई राशि से वे बिजनेस गतिविधियों को विस्तार देने, अपने स्टॉक को बढ़ाने, और नई संभावनाओं में अवसर तलाश करने जैसे कार्य सुगमता से संपन्न करते हैं।
- तेज अनुमोदन प्रक्रिया (Faster Approval Proccess): GST आधारित बिजनेस लोन पारंपरिक बिजनेस लोन की तुलना में तेज गति से अनुमोदित हो जाता है क्योंकि यह असुरक्षित लोन है। इसके साथ ही, इसमें दस्तावेजीकरण भी न्यूनतम होता है। उधारदाता मात्र 30 मिनट के अंदर लोन का अनुमोदन कर सकते हैं और व्यवसाय मात्र 48 घंटे में लोन राशि अपने बैंक खाते में प्राप्त कर सकते हैं। इस तरीके से, यह पूंजी जुटाने का सबसे तेज विकल्प है।
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GST रजिस्ट्रेशन के साथ बिजनेस लोन के लिए कैसे आवेदन करें
निश्चित तौर पर, वे व्यवसायी जो कि अपने व्यवसाय के लिए आसानी से पूंजी जुटाना चाहते हैं, उनके लिए GST के साथ लोन आवेदन एक सरल और पारदर्शी उधार लेने की प्रक्रिया सुनिश्चित करता है। उधारदाता GST रिटर्न को उनके बिजनेस मैं होने वाले उतार-चढ़ावों के बारे में आसानी से जान पाते हैं। इस तरीके से उनके बिजनेस का अच्छा वित्तीय स्वास्थ्य उन्हें शीघ्रता से लोन लेने के लिए पात्र बना देता है। निम्नलिखित चरणों के माध्यम से यह जानें कि आप GST आधारित लोन प्रक्रिया के लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं:
a)सही ऋणदाता का चयन (Choose the Right Lender)
भारत में सार्वजनिक और निजी बैंक, एनबीएफसी, और डिजिटल ऋण देने वाले प्लेटफार्म व्यवसायियों के GST रिटर्न डाटा के आधार पर आसान शर्तों और कम ब्याज दरों पर लोन मुहैया करवाते हैं। अगर आप भी लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर सही उधारदाता का चुनाव करें:
- लोन राशि (Loan Amount): आप जिस लोन देने वाली संस्था को चुनते हैं, उसके बारे में यह जानें कि वह आपके GST रिटर्न के आधार पर आपको अधिकतम कितनी राशि मुहैया करवा सकती है।
- ब्याज दर (Interest Rate): याद रखें, कि सभी वित्तीय संस्थाएं अलग-अलग ब्याज दरों पर ग्राहकों को लोन मुहैया करवाते हैं। ऐसी स्थिति में, आपके द्वारा किया गया थोड़े से समय का निवेश आपको सस्ती ब्याज दर पर लोन दिलवा सकता है। अतः विभिन्न वित्तीय संस्थानों में संपर्क करें और उनकी ब्याज दरों के बारे में जानें।
- लोन सीमा (Loan Tenure): अपने बिजनेस के नकद प्रवाह को ध्यान में रखते हुए ही लोन लौटाने की समय अवधि सुनिश्चित करें।
- अनुमोदन प्रक्रिया (Approval Process): कुछ उधारदाता 30 मिनट से 1 घंटे के अंतराल में लोन का अनुमोदन कर देते हैं। जबकि कुछ वित्तीय संस्थान लोन अनुमोदन प्रक्रिया को पूर्ण करने में कुछ दिनों का समय लगा देते हैं। इसीलिए इस बिंदु के आधार पर अपने लोनदाता का चुनाव करना ना भूलें।
b) दस्तावेज तैयार करना (Prepare the Required Documents)
GST आधारित बिजनेस लोन के लिए आवेदन करते समय आपके पास निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक होने चाहिए:
- GST रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र
- GST रिटर्न (कम से कम पिछले 6 से 12 महीने का)
- पिछले 6 से 12 महीने का बैंक स्टेटमेंट जो कि बिजनेस में नकद प्रवाह को सुनिश्चित करे
- बिजनेस प्रमाण पत्र जिसमें शामिल है बिजनेस नामांकन प्रमाण पत्र, व्यापार लाइसेंस, और एमएसएमई के लिए उद्यम नामांकन
- केवाईसी दस्तावेज जैसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, और पता प्रमाण पत्र।
ध्यान रखें कि दस्तावेजों के अभाव में वित्तीय संस्थान आपके लोन लेने की पात्रता को खारिज कर सकते हैं। इससे आपको लोन लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। अतः लोन आवेदन करने से पहले सभी दस्तावेजों को भली भांति अपने पास संयोजित करें और उसके बाद अगले चरण की प्रक्रिया को सुनिश्चित करें।
c)ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया (Online Application Process)
आज के समय में अधिकतर बैंक, एनबीएफसी और अन्य लोन प्रदाता डिजिटल आवेदन को स्वीकार करते हैं। जब आप सही लोनदाता का चयन कर लें, तो निम्नलिखित चरणों के माध्यम से बिजनेस लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन करें:
- सबसे पहले अपने लोनदाता की वेबसाइट या ऐप पर जाएं।
- वेबसाइट पर आपको बिजनेस लोन लेने के लिए एप्लीकेशन फॉर्म भरने का विकल्प मिलेगा। उस विकल्प का चुनाव करें।
- आवेदन पत्र को भली भांति पढें और समझें।
- अपने आवेदन पत्र को भली भांति GST जानकारी के साथ भरें।
- मांगे हुए दस्तावेजों जैसे GST रिटर्न, केवाईसी आदि को वेबसाइट पर अपलोड करें।
- समीक्षा और अनुमोदन के लिए अपने आवेदन पत्र को सबमिट करें।
d)ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया (Offline Application Process)
आप चाहें तो पारंपरिक ऑफलाइन लोन आवेदन प्रक्रिया को भी आसानी से पूर्ण कर सकते हैं। निम्नलिखित बिंदुओं पर गौर करें और लोन आवेदन को सफलतापूर्वक सुनिश्चित करें:
- आवश्यक दस्तावेजों के साथ लोनदाता की निकट की शाखा में जाएं।
- आवेदन पत्र को सोच समझकर भरें।
- आवश्यक दस्तावेजों जैसे GST रिटर्न, केवाईसी, इत्यादि को संलग्न करें
- अनुमोदन की प्रतीक्षा करें।
पात्रता शर्तें और आवश्यक दस्तावेज
GST बिजनेस लोन पात्रता को जाने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं को पढ़ें:
- आवेदक भारत का नागरिक हो।
- आवेदन करते समय आवेदक की आयु कम से कम 21 साल होनी चाहिए।
- लोन अवधि की समाप्ति पर उसकी आयु अधिकतम 65 साल होनी चाहिए।
- न्यूनतम 1 से 2 वर्ष बिजनेस का अनुभव।
- लगातार GST रिटर्न फाइलिंग।
GST बिजनेस लोन आसानी से प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित आवश्यक दस्तावेज संलग्न करना ना भूलें:
- केवाईसी दस्तावेज जैसे पैन कार्ड आधार कार्ड पासपोर्ट
- पिछले 6 से 12 महीने का बैंक विवरण
- GST पंजीकरण प्रमाण पत्र
- व्यवसाय पंजीकरण प्रमाण पत्र
- साझेदारी के व्यवसाय के मामले में डीड प्रतिलिपि और कंपनी पैन कार्ड कॉपी
- क्रेडिट मूल्यांकन दस्तावेज
- अन्य ऋण अनुरोध के प्रसंस्करण के दस्तावेज
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GST रिटर्न फाइलिंग का लोन पर प्रभाव
GST अनुपालन किसी भी व्यवसाय की वित्तीय विश्वसनीयता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ध्यान रखें कि GST रिटर्न और लोन प्रक्रिया एक दूसरे से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। लोनदाता आवेदकों के GST रिटर्न डाटा के माध्यम से उनके बिजनेस की साख, टर्नओवर, और वित्तीय स्वास्थ्य का आसानी से आकलन कर पाते हैं। अगर आप नियमित रूप से GST रिटर्न का अनुपालन करते हैं, तो यह आपके वित्तीय अनुशासन को दर्शाता है जिससे कि आप बेहतर लोन राशि आसान शर्तों पर प्राप्त कर सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर, अगर आप GST फाइलिंग नहीं करते हैं या फिर उसमें देरी करते हैं, तो यह भविष्य में आपके क्रेडिट साख को कमजोर करेगा। यह दर्शाता है कि आप कर अनुपालन के लिए संवेदनशील नहीं है और कई बार आपको जुर्माना और विलंब शुल्क जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इस स्थिति में, लोनदाता आपकी अनियमित GST फाइलिंग को एक बहुत असुरक्षित और जोखिम भरी लोन प्रक्रिया के रूप में देख सकते हैं। वह आपकी लोन पात्रता आस्वीकार कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर वह आपको लोन प्रदान करते हैं तो वह आपको ऊंची ब्याज दरों पर ही लोन प्रदान कर पाएंगे।
अतः GST नियमों का अनुपालन करना न केवल कानूनी समस्याओं को दूर रखने के लिए जरूरी है, बल्कि यह आपके व्यवसाय की विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए भी जरूरी है। ऐसा करके आप भविष्य में कभी भी अपने व्यवसाय के लिए आसानी से फंडिंग कर सकते हैं।
GST रजिस्ट्रेशन आधारित लोन के लिए सर्वश्रेष्ठ बैंक और एनबीएफसी
भारत में कई GST आधारित एनबीएफसी, बैंक, और डिजिटल ऋण दाता प्लेटफार्म छोटे उद्योगों को जल्दी और आसानी से बिजनेस लोन मुहैया करवाते हैं। वे GST रिटर्न, बैंक विवरण, और नकद प्रवाह के आधार पर व्यवसायियों की पात्रता सुनिश्चित करते हैं। इनके जरिए आप आसान लोन चुकाने की शर्तों पर लोन प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही, GST लोन देने वाले बैंक आपको बिना किसी मूल्यवान संपत्ति को गिरवी रखकर असुरक्षित लोन प्रदान करते हैं। इस तरीके से लोन दाताओं ने उभरते हुए छोटे व्यवसायों और एमएसएमई के लिए लोन प्रक्रिया आसान कर दी है।
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निष्कर्ष
GST नामांकरण बिजनेस विश्वसनीयता बढ़ाने और ऋण पात्रता में सुधार करके GST लोन प्रक्रिया को आसन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। GST और बिजनेस लोन का महत्व समझें और हमेशा GST रिटर्न का अनुपालन करें।