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जानिए बिजनेस फंड प्राप्त करने के लिए बैंक के अलावा और कौन से विकल्प हैं

by
admin
Posted on
Apr 15, 2023
बिजनेस फंड के लिए बैंक के अलावा विकल्प

छोटे बिजनेस (Small Business) को लोन लेने के लिए कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बैंक, बिजनेस लोन देने से पहले कई तरह के फ़ैक्टर को देखते हैं। इनमें बिजनेस करने का अनुभव, बिजनेस किस तरह का है, बिजनेस कैसा चल रहा है और क्रेडिट स्कोर जैसी चीजें देखी जाती हैं।

अगर बिजनेस लोन लेना है, तो अब छोटे कारोबार के पास कई तरह के विकल्प मौजूद हैं। इनमें एनएफबीसी (नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज) और माइक्रो फाइनेंस शामिल हैं। इस तरह की कंपनियों से लोन लेने में झंझट भी बहुत कम होता है। लोन आसानी से मिल जाता है और छोटे बिजनेस का काम भी पूरा हो जाता है। कई बार हमें नया बिजनेस शुरू करने के लिए भी लोन की जरूरत होती है।

बिजनेस लोन कैसे लें

नया बिजनेस शुरू करने के लिए लोन कैसे ले? कई लोग अपना बैंक बैलेंस देखकर मान बैठते हैं कि उन्हें कहीं से कोई लोन नहीं मिलेगा। बैंक लिमिट फॉर बिज़नेस अहम चीज है, लेकिन बैंक के अलावा भी लोन लेने के कई तरीके मौजूद हैं। अगर आप बैंकों के बजाय दूसरे कर्जदाताओं से लोन लेते हैं तो इसे वैकल्पिक फाइनेंसिंग कहा जाता है। अधिकांश वैकल्पिक फाइनेंसिंग ऑप्शन ऑनलाइन उपलब्ध हैं। कर्जदार को उनके ऑफिस का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। यदि खराब क्रेडिट स्कोर वाले बिजनेस का बैंक द्वारा एप्लीकेशन खारिज कर दिया जाता है, तो वे वैकल्पिक फाइनेंसिंग का ऑप्शन चुनते हैं। वैकल्पिक फाइनेंसिंग हासिल करना आसान है। इसकी प्रक्रिया भी बैंकों के मुकाबले तेज होती है। इसमें कागजात भी कम लगते हैं।

कम्युनिटी डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन

देश में कम्युनिटी डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन हजारों की संख्या में हैं। इसे छोटे और माइक्रो बिजनेस को सामान्य शर्तों पर लोन देते हैं। इनमें स्टार्टअप भी शामिल हैं। छोटे बिजनेस को बैंकों से पूंजी हासिल करने में कई तरह की दिक्कतों से दो-चार होना पड़ता है। ऐसे में इस तरह के इंस्टीट्यूशन उनकी जरूरतों को पूरा करते हैं। बैंक अक्सर लोन देने से पहले क्रेडिट स्कोर देखते हैं। इस वजह से छोटे बिजनेस लोन की दौड़ से बाहर हो जाते हैं। कम्युनिटी डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन भी क्रेडिट स्कोर देखते हैं लेकिन अलग नजरिए से। वह यह देखते हैं कि कर्ज लेने वाला वित्तीय रूप से कितना जिम्मेदार है।

वेंचर कैपिटलिस्ट (Venture capitalists)

वेंचर कैपिटलिस्ट समूह से बाहर के होते हैं। ये पूंजी की व्यवस्था करने के एवज में कंपनी के ओनरशिप में हिस्सेदार बन जाते हैं। यह सब कंपनी के वैल्यूएशन और दिए जाने वाले लोन पर निर्भर करता है। छोटे बिजनेस और स्टार्टअप के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। लेकिन यह तभी संभव है जब ग्रोथ की बेहतर संभावना दिखती है।

बिजनेस लाइन ऑफ क्रेडिट

यह क्रेडिट कार्ड की तरह काम करता है। इसे ऑन-डिमांड फंड हासिल करने का शानदार रास्ता माना जाता है। यह घर या ऑफिस की मरम्मत जैसे कामों के लिए कवर प्रदान करता है। क्रेडिट लाइन एक तरह का क्रेडिट है जिसे बैंकों या क्रेडिट यूनियन की तरफ से जारी किया जाता है। अगर आप इस तरह के लोन के लिए योग्य हैं तो आपको एक खास अवधि के लिए तय राशि मिल सकती है। आपको सिर्फ ब्याज का भुगतान करना होता है। छोटे बिजनेस या MSME कारोबारियों इसका इस्तेमाल इक्यूपमेंट की खरीदारी के लिए करते हैं। जब आप ली गई रकम का भुगतान कर देते हैं तो आपके लिए यह क्रेडिट लाइन फिर से उपलब्ध हो जाती है। आप अगली बार दूसरे कामों के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप शर्तों को पूरा करते हैं तो इस तरह उधार लेना आसान हो जाता है।

टर्म लोन

यह लोन समयसीमा में बंधा होता है। मसलन छह महीने या एक साल। इसे भी बैंकों या या क्रेडिट यूनियनों से हासिल किया जाता है। देखने में यह पारंपरिक बैंकों से लिए गए लोन की तरह दिखता है। लेकिन हाल में बैंकों से अलग कई इंस्टीट्यूशन इस तरह के लोन के लिए आकर्षक शर्तें पेश कर रहे हैं। इस तरह यह नियमित बैंकों के टर्म लोन से अलग है।

एंजेल इन्वेस्टर (Angel investors)

कई लोगों को लगता है कि वेंचर कैपिटलिस्ट और एंजेल इन्वेस्टर एक ही हैं। लेकिन दोनों में एक बुनियादी फर्क है। वेंचर कैपिटलिस्ट एक कंपनी होती है जो आपके बिजनेस में निवेश करती है। दूसरी तरफ, एंजेल इन्वेस्टर कोई व्यक्ति होता है जो आपके छोटे बिजनेस या स्टार्ट अप में शुरुआती दौर में निवेश करता है। किसी एंजेल निवेशक को खोजना आपके बिजनेस के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। एंजेल निवेशक न सिर्फ आपको पूंजी देता है बल्कि आपके बिजनेस को बढ़ाने के लिए जरूरी सलाह भी देता है।

इनवॉइस फाइनेंसिंग (Invoice financing)

इनवॉइस फाइनेंसिंग को फैक्टरिंग भी कहा जाता है। यह कुछ अलग तरीके से काम करता है। मान लीजिए आपका एक छोटा बिजनेस है। आप ने कुछ लोगों को उधार दिया है। इस तरह की फाइनेंसिंग में इसे ही फैक्टर किया जाता है। आगे आने वाले दिनों में आपको मिलने वाली रकम के आधार पर लोन की रकम तय होती है। इस तरह आपके बिजनेस के पास जरूरी नकदी होती है। ताकि आपका बिजनेस चलता रहे और उसे वर्किंग कैपिटल की दिक्कत नहीं हो।

क्राउडफंडिंग

क्राउडफंडिंग छोटे बिजनेस के लिए बहुत काम की चीज है। इसके तहत आप इंटरनेट पर अपने दोस्तों से जरूर रकम जुटा सकते हैं। आजकल यह पूंजी जुटाने का एक कुशल तरीका साबित हो रहा है। यह सिर्फ कुछ तरह के बिजनेस के लिए उपयुक्त है। लोन, प्रोत्साहन, इक्विटी और दान, क्राउडफंडिंग की चार कैटेगरी हैं। आपको क्राउडफंडिंग के पैसे वापस नहीं करने होंगे। कोई व्यक्ति इक्विटी-आधारित क्राउडफंडिंग का इस्तेमाल करके भी आपके बिजनेस में इन्वेस्ट कर सकता है।

माइक्रोलन (Microloans)

माइक्रोलोन एक तरह के छोटे लोन होते हैं। इसके लिए कारोबारी को कोई कोलेटरल नहीं देना पड़ता है। हालांकि ये शर्त हो सकती है कि आप इसका इस्तेमाल किस तरह करेंगे। इस तरह के लोन ऑपरेशनल लागत और वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिए मिलता है। उपकरण खरीदने के लिए भी यह लोन मिल सकता है। बहुत सारे गैर-लाभकारी इंस्टीट्यूशन भी इस तरह का लोन देते हैं।

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