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इनकम टैक्स बचाने के उपाय – कारोबार में इन्वेस्टमेंट करके टैक्स कैसे बचाएं

by
admin
Posted on
Sep 20, 2022
इनकम टैक्स बचाने के उपाय

इनकम टैक्स चुकाना देश के हर नागरिक का कर्तव्य है। लेकिन नौकरीपेशा हो या बिज़नेसमैन अक्सर लोगों की परेशानी होती है कि उनकी आय सलाना 5 लाख रुपए से थोड़ी ज्यादा है तो उन्हें टैक्स चुकाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में लोग टैक्स बचाने के उपाय ढूंढने में लग जाते हैं और इनकम टैक्स कानून का उल्लघंन किए बिना टैक्स बचाना स्मार्ट वित्तीय प्रंबधन है।  

इनकम टैक्स बचाने के उपाय 

2.5 लाख रुपए की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है। सरकार की तरफ से यह छूट पहले से ही तय है। जिसमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक की आय पर भी पहले की तरह 5 फीसदी टैक्स ही लगेगा। लेकिन अब 5 लाख रुपए से अधिक आय वाले लोगों को सरकार की तरफ से राहत मिली है। जिसमें 5 लाख रुपए से 7.5 लाख रुपए की आय पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा और 7.5 लाख रुपए ये 10 लाख रुपए की आय पर अब 15 फीसदी टैक्स लगेगा।

तो सवाल ये है कि इन टैक्स से कैसे बचा जाए या इन टैक्स पर छूट कैसे पाई जाएं?

टैक्स में छूट पाने के लिए आपको टैक्स की प्लानिंग करनी होगी। जिससे आपको ना सिर्फ टैक्स बचाने के उपाय मिलेंगे बल्कि आपकी इनकम बढ़ने में भी मदद मिलेगी।

इनकम टैक्स बचाने के तरीके (tax kaise bachaye)

इनकम टैक्स बचाने के लिए कई तरह के उपाय हैं जिनकी मदद से आप आसानी से अपनी इनकम टैक्स को बचा सकते हैं। सेक्शन 80सी, 80सीसीडी(1b), 80डी, 80ई, 80ईई, 80ईईए, सेक्शन 24 और सेक्शन 80जी के तहत आपको टैक्स बचाने के लिए कई तरह के इन्वेस्टमेंट ऑप्शनस मिल जाएंगे।

·         सेक्शन 80

सेक्शन 80सी के तहत कुछ ऐसे इन्वेस्टमेंट्स है जिनकी मदद से आप टैक्स बचा सकते हैं।

  • पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (PPF)- 

पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड यानी कि पीपीएफ, टैक्स बचाने के लिए सबसे बेहतरीन सरकारी इन्वेस्टमेंट है। जिसमें आप हर साल 1.5 लाख रुपए तक का इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। इस राशि को आप 12 या इससे कम ईएमआई में भी जमा कर सकते हैं। इस इन्वेस्टमेंट पर आपको सलाना 7.10 फीसदी इंटरेस्ट मिलता है। पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड के अंकाउट में प्रतिवर्ष कम से कम 500 रुपए जमा करना अनिवार्य होता है। पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड में जमा किए गए रुपए सेक्शन 80सी के तहत आपकी इनकम में से घटायी जाती है और इससे प्राप्त होने वाला मूलधन और इन्टरेस्ट इनकम टैक्स एंव संपत्ति कर से मुक्त होता है।

  • जीवन बीमा प्रीमियम का भुगतान- 

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान्स और बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर टैक्स में छूट मिलती है। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि यूलिप प्रीमियम की राशि 2.5 लाख रुपए से अधिक होने पर टैक्स में किसी तरह की कोई छूट नहीं मिलती है।   

  • पेंशन योजनाओं में इन्वेस्टमेंट (NPS)- 

एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम के तहत आप अपनी रिटायरमेंट के बाद पैसे बचाने के लिए इक्विटी और लोन के अलग-अलग संयोजन में पैसे का इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। उम्र के आधार पर 50 प्रतिशत तक इक्विटी में जा सकता है।

  • सुकन्या समद्धि योजना (एसएसवाई)– 

इस योजना के तहत यदि आपकी बेटी की आयु 10 वर्ष से कम है तो आप उसके नाम से अंकाउट खुलवा सकते हैं, जिसमें सलाना कम से कम 1000 और अधिकतम 150000 तक जमा करा सकते हैं। जिसपर 7.6 प्रतिशत का इंटरेस्ट रेट लगता है। इस खाते में मिलने वाला इंटरेस्ट भी टैक्स फ्री होता है।

  • इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम– 

म्यूचल फंड के इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में इन्वेस्टमेंट करने पर 1.5 लाख तक की छूट मिलती है। सलाना 1 लाख रुपए तक रिटर्न टैक्स फ्री है।

  • सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम- 

सीनियर सिटीजन सेंविग स्कीम में इन्वेस्टमेंट करने के लिए किसी भी बैंक और पोस्ट ऑफिस में अंकाउट खुलवा कर इन्वेस्ट किया जा सकता है। इस स्कीम में इन्वेस्ट करने पर सलाना 7.4 प्रतिशत का इंटरेस्ट मिलता है जिसमें टैक्स में छूट मिलती है।

इनकम टैक्स में छूट के उपाय (how to save income tax in hindi)

इनकम टैक्स में छूट पाने के लिए ऐसे कई दूसरे उपाय भी हैं जिनकी मदद से आपको टैक्स में छूट मिल सकती है।

  • संपत्ति पर स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क- 

स्टाम्प ड्यूटी शुल्क और संपत्ति खरीद के लिए पंजीकरण शुल्क के खिलाफ सेक्शन 80सी में छूट का प्रावधान है। आप 50 लाख रुपए की कुल सीमा के अंदर सेक्शन 80सी के तहत छूट का दावा कर सकते हैं। लेकिन इस कटौती का दावा उस वर्ष में किया जा सकता है जब इन खर्चों के लिए वास्तिवक भुगतान किया गया हो।

  • नाबार्ड बांड – 

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक- नाबार्ड लंबी अवधि के लिए जीरो कूपन बांड जारी करता है। यह 10 साल के लिए होता है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के बांड खरीदने के लिए इन्वेस्टमेंट की गई राशि पर टैक्स में छूट का प्रावधान है।

  • स्कूल-कॉलेज फीस शुल्क- 

शिक्षा के लिए सेक्शन 80सी के तहत सरकार की तरफ से दो बच्चों की शिक्षा पर 1.5 लाख रुपए की टैक्स छूट का लाभ मिलता है। सेक्शन 80ई के तहत बच्चों की हाइयर एडुकेशन के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान से लिए गए एजुकेशन लोन पर दिए जाने वाले इंटरेस्ट पर भी टैक्स छूट का फायदा उठाया जा सकता है।  

  •  फिक्स्ड डिपॉज़िट (एफडी)- 

एफडी में इन्वेस्टमेंट करने पर सेक्शन 80सी के तहत छूट का लाभ मिलता है। जिसमें सलाना 1.5 लाख रुपए तक का दावा कर सकते हैं। टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट पांच साल की लॉक-इन अवधि में होता है यानी कि 5 साल की अवधि में इंटरेस्ट रेट नहीं बदलता है और 100 रुपए की न्यूनतम इन्वेस्टमेंट आवश्यकता के साथ आता है।

  • होम लोन का पुर्नभुगतान- 

सेक्शन 80ईई के तहत होम लोन के इंटरेस्ट रेट पर टैक्स में छूट मिल जाती है। लेकिन इसके लिए लोन लेने वाले के पास केवल एक ही मकान होना चाहिए। होम लोन के पुर्नभुगतान के इंटरेस्ट रेट पर 1.5 लाख रुपए तक टैक्स छूट का लाभ मिल सकता है। मकान बनने की अवधि के पूरा होने के बाद ही इस कटौती का दावा किया जा सकता है। यदि आप वित्तीय वर्ष के अंत से 5 वर्ष के भीतर अपनी संपत्ति बेचते हैं जिसमें ऐसी संपत्ति का कब्जा प्राप्त होता है तो यह लाभ वापस हो जाएगा।  

इनकम टैक्स में छूट के उपाय 2020

  • मेडिकल इन्श्योरेंस पॉलिसी– 

अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए मेडिकल इन्श्योरेंस एनुअल प्रीमियम पर सेक्शन 80डी के तहत 1,00,000 रुपए हैं। यदि आप सीनियर सिटीजन हैं और आपके पास किसी भी तरह का मेडिकल इन्श्योरेंस नहीं है तो भी आप 50,000 रुपए तक के मेडिकल खर्च पर कटौती का दावा कर सकते हैं।

  • पोस्ट ऑफिस टैक्स सेविंग स्कीम- 

इस इन्वेस्टमेंट पर मौजूदा तिमाही में 6.8 फीसदी का इंटरेस्ट मिल रहा है।

  • चैरिटी डिडक्शन– 

सेक्शन 80जी के तहत आप अपने चैरिटी में दिए गए दान को डिडक्शन के रुप में दावा कर सकते हैं।   

इनकम टैक्स में छूट के नियम

अगर आपकी इनकम टैक्स स्लैब से ऊपर है तो भी आप अपने खर्चों के बीच संतुलन बैठाकर इनकम टैक्स पर मिलने वाली छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ नियमों को ध्यान में रखना होगा। 

  • स्स्टैंडर्ड डिडक्शन में आपको 50,000 रुपए तक की छूट मिलती है। मान ले कि अगर आपकी आय दस लाख पचास हजार रुपए है तो अपनी इनकम में से पचास हजार रुपए घटा दे। जिसके बाद दस लाख रुपए ही टैक्स के दायरे में आते हैं। 
  • सेक्शन 80 सी के तहत PPF, EPF, ELSS,NSC में इन्वेस्ट करके आप डेढ़ लाख रुपए बचा सकते हैं। 
  • सेक्शन 80 सीसीडी के तहत आप नेशनल पेंशन सिस्टम में सलाना पचास हजार रुपए इन्वेस्टमेंट करके भी टैक्स में छूट पा सकते हैं। 
  • सेक्शन 24 बी के तहत अगर आपने होम लोन ले रखा है तो 2 लाख रुपए के इन्टरेस्ट रेट पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। 
  • सेक्शन 80 डी के तहत आप मेडिकल पॉलिसी लेकर 25,000 रुपए तक का टैक्स बचा सकते हैं।  
  • सेक्शन 87 ए के तहत यदि आपके 5 लाख रुपए की इनकम पर 12,500 रुपए टैक्स बनता है तो आपको 12,500 रुपए का रिबेट मिलता है। जिसका मतलब है कि 5 लाख रुपए के टैक्स स्लैब पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगेगा। 

इनकम टैक्स सेविंग टिप्स इन हिंदी (saving kaise karte hain)

कारोबार में निवेश करके टैक्स कैसे बचाएं

1. यदि आप किसी फर्म में पाटर्नर के तौर पर हिस्सेदार हैं तो फिर प्रॉफिट के शेयर के तौर पर होेने वाली इनकम पर टैक्स बचाया जा सकता है। चूंकि कंपनी पहले ही टैक्स दे चुकी होती है इसलिए प्रॉफिट पर आपको टैक्स छूट मिल जाती है। 

2. भारत में खेती से होेनेवाली इनकम भी टैक्स फ्री होती है। यानी अगर आप खेती और कृषि के काम से प्रॉफिट कमा रहे हैं तो आपको उसपर टैक्स नहीं देना होगा।  

  • टैक्स स्लैब

1. इनकम टैक्स में छूट पाने के लिए सबसे पहला औऱ महत्वपूर्ण काम होता है कि आप अपनी आय के अनुसार टैक्स स्लैब तय करें। आय के अलग-अलग स्तर पर सरकार ने अलग-अलग टैक्स स्लैब निर्धारित किया हुआ है। आय में होने वाली बढ़ोत्तरी के साथ ही टैक्स रेट बढ़ता जाता है।

2. साल के शुरुआत में ही आप अपनी टैक्स को प्लान कर लें। इनकम टैक्स में होने वाली कटौती को जिस तरह से प्लान किया जाता है उसी तरह से आपके इनकम टैक्स की गणना होती है।

3. हाउस रेंट अलाउंस, ट्रैवल अलाउंस, फूड कूपन, कार मेंटेनेंस अलाउंस, लीव ट्रैवल अलाउंस, के अलावा सरकार की तरफ से सेक्शन 80 के अतंर्गत कई सारे बेहतरीन इन्वेस्टमेंट प्लान्स हैं जो आपको इनकम टैक्स बचाने में मदद कर सकते हैं।

इनकम टैक्स बचाने के उपाय और बिज़नेस लोन कैसे ले सकते हैं, इन सभी विषयों के बारे में जानने के लिए हमारे वेबसाइट पर दिए लेखों को पढ़े। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. बिज़नेस लोन कैसे ले और बिजनेस लोन लेना है तो बिजनेस के लिए लोन कहां से मिलेगा? (Business Loan Kaise Le or business ke liye loan kaise milega?)

बिज़नेस लोन सरकारी बैंकों, रजिस्टर्ड गैर-सरकारी बैंकों या वित्तीय संस्थानों द्वारा प्रदान किया जाता है। आवेदक को बैंक या संस्थान की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर वहां दिए गए एप्लिकेशन फॉर्म को भरना होता है। जिसमें मांगे गए जरुरी कागज़ातों के साथ भरे हुए एप्लीकेशन फॉर्म को जमा करने के बाद एंजेट आवेदक से संपर्क करके आगे की कार्यवाही को पूरा करते हैं।

Q2. महिलाओं के लिए बिज़नेस लोन कैसे लें या महिलाओं के लिए बिज़नेस लोन का विकल्प क्या है और महिलाओं के लिए मुद्रा लोन क्या है?

महिलाओं को स्वालंबी बनाने हेतु मुद्रा लोन प्रदान करने के लिए सरकार और बैंक महिलाओं को कम इंटरेस्ट रेट पर बिज़नेस लोन देते हैं।

Q4. बिज़नेस लोन इंटरेस्ट रेट क्या है और इसमें  EMI कैलकुलेटर का प्रयोग कैसे कर सकते हैं? 

बिज़नेस लोन सरकारी बैंक या गैर-सरकारी बैंक एक निश्चित फिक्सड और फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर देती है। जिसमें हर बैंक या संस्थान का अपना इंटरेस्ट रेट तय होता है। बिज़नेस लोन लेने से पहले लोन लेने वाला व्यक्ति ऑनलाइन EMI कैलकुलेटर की मदद से अपनी ईएमआई राशि का पता लगा सकता है।

Q5. MSME लोन क्या होता है?

MSME यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्धम योजना जिसके तहत भारत सरकार की ओर से छोटे और मध्यम कारोबारियों की आर्थिक जरुरतों और कारोबार के विस्तार या विकास के लिए MSME लोन मुहैया कराया जाता है। 

Q6. स्टार्टअप बिजनेस लोन कैसे मिलता है? 

यदि कोई व्यक्ति खुद का कारोबार शुरु करना चाहता है तो सबसे पहले उसके पास बिज़नेस प्लान होना चाहिए। जो सरकार की स्कीम के नियमों और पात्रता के आधार पर खरा उतरता हो। बैंक सीधे स्टार्टअप बिज़नेस लोन या MSME लोन उचित ब्याज दरों के साथ देती है।