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जीएसटी में डेबिट नोट क्या है

by
admin
Posted on
Oct 09, 2024
GST me Debit not kya he

जब भी व्यवसाय में सामान खरीदते हैं या फिर बेचते हैं, तो उसके लिए चालान का इस्तेमाल किया जाता है। चालान के बिना Sale और Purchase का रिकॉर्ड रखना काफी मुश्किल हैl इसलिए चालान की आवश्यकता होती है। बहुत बार ऐसा होता है कि जल्दबाजी में चालान जारी करते समय  कुछ गड़बड़ हो जाती है‌। जैसे की सेल या परचेज से संबंधित जानकारी गलत होती है। इसलिए चालान जो जारी किया जा चुका है, उसमें त्रुटि सुधार की आवश्यकता होती है।

यानी जो गलती हमसे हुई है, हमें उसकी सुधार की आवश्यकता होती है। गलती को सुधारने के लिए जीएसटी में डेबिट नोट का काफी इस्तेमाल किया जाता है। आप भी बिजनेस में चालान का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि जीएसटी में डेबिट नोट क्या होता है, डेबिट नोट क्यों जारी किया जाता है और डेबिट नोट का फायदा क्या है। पूरी जानकारी जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

जीएसटी में डेबिट नोट से कौन सुधार करता है?

जीएसटी में डेबिट नोट का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की गलतियों में सुधार करने के लिए किया जाता है। डेबिट नोट को विक्रेता और खरीदार दोनों के द्वारा जारी किया जाता है। चलिए हम आपको विस्तार से विक्रेता द्वारा जारी किए गए डेबिट नोट और खरीद द्वारा जारी किए गए डेबिट नोट के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

खरीदार द्वारा जारी

अगर चालान में कोई गलती हो गई है

जब विक्रेता के द्वारा खरीदार के लिए चालान जारी किया जाता है ,तो उसमें खरीदार के द्वारा लिए गए सामान के बारे में जानकारी होती है। अगर गलती से विक्रेता के द्वारा खरीदार को दिए गए चालान में कोई गलती है, तो उसे सुधारा जा सकता है। सुधार के लिए जीएसटी डेबिट नोट का इस्तेमाल किया जाएगा ।

सामान क्षतिग्रस्त होना

कई बार ऐसा होता है कि खरीदार के द्वारा विक्रेता से सामान खरीद लिया जाता है। जब सामान विक्रेता के द्वारा खरीदार बेचा जाता है, तो खरीदार के पास कई बार समान पहुंचता है या फिर पूरा सामान नहीं पहुंचता। तो ऐसी स्थिति में खरीदार के द्वारा विक्रेता के लिए जीएसटी डेबिट नोट जारी किया जाता है। जीएसटी डेबिट नोट से हर त्रुटि को सुधारा जा सकता है।

लेनदेन रद्द करना

कई बार ऐसा होता है कि कुछ ऐसी परिस्थितियां हो जाती है, जिसके कारण खरीदार अपना खरीदा गया सामान वापस करना चाहते हैं‌ सामान को वापस करने के लिए जीएसटी डेबिट नोट की आवश्यकता होती है।

विक्रेता द्वारा जारी किया गया 

अगर चालान में सुधार की आवश्यकता है,
अगर विक्रेता के द्वारा जारी किए गए चालान में गलती हो गई है, तो चालान विक्रेता के द्वारा किया जाता है। उस चलन में यदि विक्रेता ने गलती से गलत अमाउंट का चालान भेज दिया है, तो ऐसी स्थिति में जीएसटी डेबिट नोट जारी किया जाता है। जिसके माध्यम से आसानी से चालान सुधार किया जा सकता है‌।

चालान राशि में कुछ गलती है

अगर विक्रेता के द्वारा जारी किए गए चालान में गलती से भरी गई राशि को गलत लिख दिया गया है,तो ऐसे में विक्रेता के द्वारा जीएसटी डेबिट नोट को जारी किया जाता है और डेबिट नोट की सहायता से चालान की राशि को सही किया जाता है।

गलत दर

बहुत बार गलती से ऐसा भी हो जाता है कि विक्रेता के द्वारा जीएसटी की दर गलत भर दी जाती हैl जिसके कारण आगे समस्या हो सकती है। इसलिए विक्रेता चालान में सुधार के लिए जीएसटी डेबिट नोट का इस्तेमाल करता है।

जीएसटी डेबिट नोट जारी करने की समय सीमा

  • अगर चालान जारी करते समय विक्रेता या फिर लेनदार के द्वारा डेबिट नोट जारी किया जाता है, तो डेबिट नोट जारी करते समय हमें समय सीमा का ध्यान भी रखना होगा। बहुत बार ऐसा होता है कि चालान जारी होने के लंबे समय के बाद डेबिट नोट जारी किया जाता है और उसका कोई फायदा भी नहीं होता है। 
  • अगर आप चालान का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको डेबिट नोट जारी करते समय समय सीमा का ध्यान रखना होगा। चलिए विस्तार से इस बारे में जान लेते हैं।
  • जब आप वार्षिक जीएसटी रिटर्न भरेंगे, तो वार्षिक रिटर्न भरने से पहले आप जीएसटी डेबिट नोट को जारी कर सकते हैं। वार्षिक रिटर्न भरने के बाद आप डेबिट नोट को जारी नहीं कर पाएंगे।
  • द्वितीय वर्ष के अंत के बाद सितंबर महीने से पहले पहले आपको जीएसटी डेबिट नोट दाखिल करना जरूरी है‌। हमेशा यह ध्यान रखना है कि अगर चालान जारी होने के बाद कोई ग़लती हो गई है और सुधार की आवश्यकता है, तो आपको जितनी जल्दी हो सके जीएसटी डेबिट नोट को जारी करना होगा ताकि आप अपने नुकसान की भरपाई को कर सके।
  • अगर आप समय पर जीएसटी डेबिट नोट को जारी कर देंगे, तो आपको जीएसटी रिटर्न में आसानी होगी। समय पर जीएसटी डेबिट जारी होने  से आपको कोई समस्या नहीं होगी।
  • प्राप्तकर्ता के पास जीएसटी डेबिट नोट को स्वीकार करने और स्वीकार करने का पूरा हक होता हैl इसीलिए कोशिश आपको करनी है कि जल्द से जल्द जीएसटी नोट को जारी किया जाए ताकि प्राप्तकर्ता जल्द से जल्द इसी स्वीकार करें और आगे की प्रक्रिया शुरू होl

डेबिट नोट जारी करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें

यदि आप विक्रेता है या फिर आप खरीदार हैं, आपको डेबिट नोट जारी करते समय कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा। नहीं तो आपको परेशानी हो सकती है। चलिए जान लेते हैं कि डेबिट नोट जारी करते समय हमें डेबिट नोट पर किन बातों का ध्यान रखना है। 

  • डेबिट नोट जारी करते समय डेबिट नोट पर निम्नलिखित जानकारी होनी चाहिएl
  • प्राप्तकर्ता की जानकारी (जीएसटीआईएन सहित)
  • आपकी कंपनी की जानकारी (जीएसटीआईएन सहित)
  • मूल चालान का संदर्भ
  • बढ़ोतरी का कारण
  • लागू जीएसटी के साथ संशोधित राशि को भी लिखना होगा
  • जिस महीने आपके द्वारा चालान के लिए जीएसटी डेबिट नोट जारी किया जाएगा, इस महीने आपको अपने GSTR-1 में जारी किए गए डेबिट नोट को दिखाना होगा।
  • जारी किए गए जीएसटी डेबिट नोट को प्राप्तकर्ता के द्वारा स्वीकार करने या ना स्वीकार करने का पूरा अधिकार होता है। इसीलिए जीएसटी डेबिट नोट जारी किए जाने वाली पार्टी को प्राप्तकर्ता की स्वीकृति का इंतजार करना होगा। 
  • प्राप्तकर्ता के द्वारा जब स्वीकृति दे दी जाएगी, तो उसके पश्चात प्राप्तकर्ता अपने प्राप्तकर्ता अपने GSTR-3B में बढ़े हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा भी कर सकता है।

जीएसटी डेबिट नोट से संबंधित संशोधन इस प्रकार है

  • आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जीएसटी के अंतर्गत प्राप्तकर्ता क्रेडिट या फिर डेबिट नोट जारी नहीं कर सकता है। यह प्रक्रिया पूरे तरीके से आपूर्तिकर्ता से प्रवाहित होती है।
  • 2018 में संशोधन के पश्चात अब एक ही टैक्स चालान के लिए क्रेडिट या डेबिट नोट की अनुभूति होती है। लेकिन क्रेडिट या डेबिट नोट को विभिन्न प्रकार के चालान पर लागू किया जा सकता है।
  • क्रेडिट या फिर डेबिट नोट को वित्त वर्ष के अंदर ही सुलझा लेना चाहिए। वित्तीय अवधियों में ज्यादा लंबे समय तक इसे पेंडिंग नहीं रखना चाहिए।
  • जीएसटी के तहत प्राप्तकर्ता क्रेडिट या डेबिट नोट जारी नहीं कर सकते हैं; यह प्रक्रिया पूरी तरह से आपूर्तिकर्ता से प्रवाहित होती है।
  • अब एक ही कर चालान के लिए एकाधिक क्रेडिट या डेबिट नोट की अनुमति है। इसके विपरीत, एक क्रेडिट या डेबिट नोट को कई कर चालानों पर लागू किया जा सकता है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि क्रेडिट या डेबिट नोट्स को वित्तीय वर्ष के साथ Solve किया जाना चाहिए और कई वित्तीय अवधियों में नहीं फैलाया जा सकता है।

निष्कर्ष

इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको जीएसटी डेबिट नोट क्या होता है, जीएसटी डेबिट नोट कब जारी किया जाता है और डेबिट नोट को क्या फायदे हैं, इस बारे में पूरी जानकारी विस्तार से बता दी है। अगर आप के द्वारा जारी किए गए चालान में कुछ त्रुटि की संभावना है, तो आप जीएसटी डेबिट नोट जारी कर सकते हैं और चालान में संशोधन कर सकते हैं।

FAQ


1- जीएसटी में डेबिट नोट को किसके द्वारा जारी किया जाता है?
जीएसटी में डेबिट नोट को खरीदार के द्वारा जारी किया जाता है। जीएसटी डेबिट नोट के माध्यम से राशि में वृद्धि हो जाती है‌ अतिरिक्त शुल्क और Pay रिटर्न के कारण क्रेडिट नोट के द्वारा राशि कम कर दी जाती है।

2- अगर विक्रेता के द्वारा सप्लाई किए गए माल में कोई त्रुटि है, तो क्या डेबिट नोट जारी किया जा सकता है?
विक्रेता के द्वारा कोई सामान खरीदार के पास भेजा गया है, भेजे गए सामान में या तो कोई त्रुटि हो गई है। गलत समान खरीदार के पास भेज दिया गया है या फिर काम समान खरीदार के पास भेजा गया है, तो ऐसी स्थिति में डेबिट नोट जारी किया जा सकता है। विक्रेता के द्वारा जारी किए गए डेबिट नोट को प्राप्त करने के बाद जल्द से जल्द नया चालान जारी किया जाता है और त्रुटि सुधार की जाती है।

3-क्या डेबिट नोट जारी करने की कोई समय सीमा होती है?
नहीं, डेबिट नोट जारी करने की कोई भी समय सीमा नहीं होती है। लेकिन डेबिट कार्ड को जल्द से जल्द जारी किया जाना चाहिए। सितंबर महीने से पहले या फिर वार्षिक रिपोर्ट दर्ज करने से पहले जीएसटी नोट जारी कर दिया जाना चाहिए।

4-जीएसटी डेबिट नोट का फायदा क्या है?
जीएसटी डेबिट नोट का काफी फायदा होता है। जीएसटी डेबिट नोट के माध्यम से चालान में हुई गलती को सुधारा जा सकता है। इसके अलावा विक्रेता और खरीदार दोनों के लिए रिकॉर्ड तैयार करने में भी आसानी होती है। जीएसटी डेबिट नोट के माध्यम से चालान में हुई त्रुटि को काफी जल्दी सुधारा जा सकता है।

5- अगर चालान में जीएसटी की प्रतिशत गलत लिख दी है, तो क्या जीएसटी डेबिट नोट को जारी किया जा सकता है।
अगर चालान जारी करते समय विक्रेता ने जीएसटी की दर को ही गलत लिख दिया है या जीएसटी की रेट से संबंधित कुछ गड़बड़ी हो गई है, तो विक्रेता के द्वारा जीएसटी डेबिट नोट जारी किया जा सकता है और डेबिट नोट जारी करके चालान में करेक्शन की जा सकती है।