बिजनेस रजिस्ट्रेशन – लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
Dec 24, 2021
आजकल, बाज़ार में नए प्रॉडक्ट की मांग, सरकारी ग़ैर-सरकारी क्षेत्र में नौकरियों की कमी, काम करने की सहूलियत और स्वायत्ता जैसे कारणों की वजह से युवाओं का झुकाव अपना बिज़नेस शुरू करने की तरफ ज़्यादा है। यही कारण है, कि आजकल के युवा लघु उद्योग (laghu udyog registration), महिला गृह उद्योग, मसाला उद्योग और दुकान शुरू करना ज़्यादा मुनासिब समझते हैं। यह बिज़नेस कम लागत में और अपने घर या आस-पास किए जा सकते हैं और मुनाफ़ा भी अच्छा होता है। लेकिन, कोई भी बिज़नेस शुरू करने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन करवाना बेहद ज़रूरी है। रजिस्ट्रेशन आपके बिज़नेस को एक नई पहचान देता है और लोग आपके काम को जानने लगते हैं।
भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के तहत अब आप अपने बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन भी कर सकते हैं। यह सुविधा 15 सितंबर, 2015 से उपलब्ध है। अब लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन, महिला गृह उद्योग रजिस्ट्रेशन, मसाला उद्योग रजिस्ट्रेशन, दुकान का रजिस्ट्रेशन जैसे बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन UAM वेबसाइट पर ऑनलाइन कर सकते हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन (laghu udyog registration), महिला गृह उद्योग रजिस्ट्रेशन, मसाला उद्योग रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या है? साथ ही हम बताएंगे कि दुकान का रजिस्ट्रेशन कैसे करें।
बिज़नेस रजिस्ट्रेशन करवाना क्यों ज़रूरी है?
कोई भी लघु उद्योग शुरू करने पर, उसकी जानकारी सरकार को देना ज़रूरी होता है, लेकिन आपको लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन (laghu udyog registration) के और भी कई फ़ायदे मिलते हैं। इसलिए, आपको शुरुआत में ही अपना लघु उद्योग का रजिस्ट्रेशन करवा लेना चाहिए। ऐसा करने से आपका बिज़नेस सरकार की लघु उद्योग की लिस्ट में रजिस्टर हो जाएगा और लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन के बाद आप सरकार की तरह से चलाई जा रहीं अलग-अलग योजनाओं के तहत सरकारी मदद और अनुदान ले सकते हैं। ऐसा करके आपको कई छोटे-मोटे उद्योग शुरू करने की सहूलियत मिलेगी। आप मसाला उद्योग रजिस्ट्रेशन और महिला गृह उद्योग रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
लघु उद्योगों को उत्पाद शुल्क, विदेशी बाजार में भागीदारी, सरकार से वित्तीय मदद वग़ैरह लेने के लिए भी लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन, महिला गृह उद्योग रजिस्ट्रेशन, मसाला उद्योग रजिस्ट्रेशन, दुकान का रजिस्ट्रेशन करवाना ज़रूरी होता है। अभी, हाल ही में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एमएसएमई क्षेत्र के लिए 3 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा भी की गई है। इन योजनाओं का फ़ायदा लेने के आपको बिज़नेस रजिस्ट्रेशन करवाना ज़रूरी है।
आपके दिमाग़ में अगर यह सवाल है कि गृह उद्योग कैसे शुरू करें या दुकान का रजिस्ट्रेशन कैसे करें, तो इसको लेकर परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। आज के दौर में ऑनलाइन होने की वजह से बिज़नेस के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बहुत आसान हो गई है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जानने से पहले, यह जान लेना ज़रूरी है कि यह रजिस्ट्रेशन कितने तरह का होता है।
लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन के प्रकार
लघु उद्योग का रजिस्ट्रेशन दो तरह का होता है:
अस्थायी रजिस्ट्रेशन: यह रजिस्ट्रेशन उद्योग शुरू करने से पहले किया जाता है। इसके सर्टिफ़िकेट की वैधता केवल दो साल की होती है। अगर इन दो सालों में वहउद्योग उत्पादन शुरू नहीं करता है, तो इस सर्टिफ़िकेट को रिन्यू करवाना होता है, लेकिन, ऐसे केस में सर्टिफ़िकेट की वैधता केवल छह महीने की होगी।
स्थायी रजिस्ट्रेशन: स्थायी रजिस्ट्रेशन तब किया जाता है, जब अस्थायी रजिस्ट्रेशन के सर्टिफ़िकेट की दो साल की वैधता खतम हो जाती है। इसके अलावा, यह सर्टिफ़िकेट आप तब भी ले सकते हैं, जब आपके उद्योग में उत्पादन पूरी तरह से शुरू हो जाता है।
नोट: अस्थायी तथा स्थायी, दोनों रजिस्ट्रेशन राज्य उद्योग निदेशालय द्वारा ही किए जाते हैं।
लघु उद्योग का रजिस्ट्रेशन कैसे होता है?
सबसे पहले आपको लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन, महिला गृह उद्योग रजिस्ट्रेशन, मसाला उद्योग रजिस्ट्रेशन, गृह उद्योग का रजिस्ट्रेशन और दुकान का रजिस्ट्रेशन करवाने की प्रक्रिया को पूरी करने के लिए नीचे दी गई सूची के सारे डॉक्यूमेंट बनवाने होंगे:
- ज़िला उद्योग कार्यालय में रजिस्ट्रेशन
- निगम लाइसेंस लेना
- सेफ़्टी सर्टिफ़िकेट डिपार्टमेंट से एनओसी लेना
- फ़ैक्ट्री/लघु उद्योग लाइसेंस लेना
- जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना
ज़िला उद्योग कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कैसे करवाते हैं?
अगर आप कोई लघु उद्योग शुरू करने जा रहे हैं, तो आपको अपने ज़िला उद्योग कार्यालय में इसका रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, ताकि सुनिश्चित हो जाए कि आपने अपने उद्योग के बारे में सरकार को जानकारी दे दी है। इसके साथ ही, आप सरकार की तरफ से समय-समय पर चलाई जाने वाली लघु उद्योग योजनाओं का लाभ भी उठा सकते हैं।
ज़िला उद्योग कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए ज़रूरी दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- स्थाई एड्रेस प्रूफ़
- आपके बिज़नेस का नाम और प्रकार
- बिज़नेस करने की जगह का नाम और एड्रेस प्रूफ़
- आय प्रमाण-पत्र
निगम लाइसेंस कैसे बनता है?
ज़िला उद्योग में रजिस्ट्रेशन के बाद आप निगम लाइसेंस बनवाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं। बिज़नेस शुरू करने पर सबसे पहले बिज़नेस लाइसेंस बनवाया जाता है, जिसके ज़रिए निगम आपको बिज़नेस शुरू करने की अनुमति देता है। निगम लाइसेंस का आवेदन आप ऑनलाइन और ऑफ़लाइन, दोनों तरीक़ों से कर सकते हैं।
निगम लाइसेंस बनवाने के लिए आप अपने नगर निगम या फिर ज़िला उद्योग कार्यालय में जा सकते हैं। इस लाइसेंस को बनवाने के लिए आपको अपने शुरू होने वाले बिज़नेस से जुड़ीं सारी जानकारी जैसे, किस चीज़ का उत्पादन होगा, क्या सर्विस दी जाएगी, कौन- कौन सी मशीन लगाई जाएगी वग़ैरह देनी होगी।
- ज़िला उद्योग कार्यालय में रजिस्ट्रेशन की कॉपी
- बिज़नेस लगाने वाली जगह के मालिकाना हक़ की कॉपी। अगर जगह रेंट पर है, तो रेंटएग्रीमेंट की कॉपी
- लघु उद्योग के प्लान की कॉपी
- लाइसेंस की फ़ीस
सेफ़्टी डिपार्टमेंट से एनओसी (NOC) लेना
आपके बिज़नेस और उससे जुड़े जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिहाज से सरकार ने कुछ सुरक्षा मापदंड बनाए हैं, ताकि कोई दुर्घटना न हो और अगर कोई दुर्घटना हो भी जाए तो नुकसान कम से कम हो। आपके बिज़नेस तथा उसमें काम करने वाले सभी व्यक्तियों की सुरक्षा ज़रूरी है। इसलिए, अपने बिज़नेस को शुरू करने के तीन महीने के भीतर फ़ायर एंड सेफ़्टी डिपार्टमेंट से नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट लेना ज़रूरी होता है। इसे लेने के लिए, आपको अपने उद्योग को आग से बचाने के उपायों और अग्निशमन मशीनों की संख्या के बारे में बताना होगा।
बिजनेस लाइसेंस को चीफ़ इंस्पेक्टर ऑफ़ फ़ैक्ट्रीज (सीआईएफ) का लाइसेंस भी कहा जाता है। आपको यह लाइसेंस ज़िले के लेबर डिपार्टमेंट से जारी किया जाएगा, जहां आपको अपने बिज़नेस की पूरी प्रोफ़ाइल दिखानी होगी। यह लाइसेंस आपको अपना बिज़नेस बिना किसी रुकावट से चलाने की अनुमति देता है।
फ़ैक्ट्री लाइसेंस के लिए निम्नलिखित काग़ज़ातों की ज़रूरत पड़ती है:
- नगर निगम का लाइसेंस
- पर्यावरण विभाग द्वारा जारी की गई एनवायरनमेंटल कंसेंट कॉपी
- लघु उद्योग के प्लान की कॉपी
- फ़ायर डिपार्टमेंट का एनओसी
- सर्विस/मैन्यूफ़ैक्चरिंग प्रोसेस का फ़्लो चार्ट
- कर्मचारियों की संख्या, उनके प्रोफ़ाइल (मेल-फ़ीमेल, स्किल्ड, सेमी या अनस्किल्ड) और वेतन का विवरण।
- सर्टिफ़िकेट फ़ीस
जीएसटी (GST) रजिस्ट्रेशन कराना
जीएसटी के लागू होने के बाद से, 40 लाख सालाना से ज़्यादा टर्नओवर वाले हर बिज़नेस के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना कानूनन ज़रूरी है।
दुकान का रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
दुकान का रजिस्ट्रेशन, दुकान और व्यापार अधिनियम के तहत संबंधित राज्य के श्रम विभाग द्वारा किया जाता है। यह उन सभी दुकानों को करवाना पड़ता है, जो फ़ैक्ट्रीज़ अधिनियम, 1948 के दायरे में नहीं आती हैं। यह करवाना तब भी ज़रूरी है, जबकि किसी उद्योग के कर्मचारी घर से ही काम करते हों।
लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन की विशेषताएं
लघु उद्योग रजिस्ट्रेशन, महिला गृह उद्योग रजिस्ट्रेशन, मसाला उद्योग रजिस्ट्रेशन, दुकान का रजिस्ट्रेशन की कुछ विशेषताएं होती हैं:
- रजिस्ट्रेशन के बाद, उस उद्योग को स्थायी रजिस्ट्रेशन संख्या लेना होता है।
- रजिस्ट्रेशन की यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से ऑनलाइन है, जो कि काफी आसान है।
- इसमें आपको कोई भी दस्तावेज़ अपलोड करने की ज़रुरत नहीं होती।
- इसमें आपको अपने आधार नंबर की जानकारी भरनी होगी।
- आप अपने उद्योग के लिए एक से ज़्यादा रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सकते।
- ग़लत जानकरी देने पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम की धारा 27 के तहत दंड के भागी होंगे।
- एमएसएमई रजिस्ट्रेशन के लिए पैन कार्ड और जीएसटी नंबर देना ज़रूरी है।
उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन के फ़ायदे
- एक्साइज की छूट
- प्रत्यक्ष टैक्स कानूनों के तहत छूट दी जाएगी
- शुल्क में कमी के पेटेंट और ट्रेडमार्क
- क्रेडिट गारंटी योजना
- सरकारी योजना के लाभ जैसे बिना गारंटी के ऋण, ऋण पर कम ब्याज दर और आसान ऋण
- विदेशी व्यापार में भागीदारी के लिए सरकार द्वारा वित्तीय मदद
- बिजली बिलों में रियायत
इन सबके बाद बारी आती है इंवेस्टमेंट और पूंजी की।
अगर आपके पास इंवेस्ट करने के लिए पर्याप्त पूंजी नहीं है, तो आप बिज़नेस लोन ले सकते हैं। आप यह बिज़नेस लोन किसी बैंक से या प्राइवेट कंपनी से ले सकते हैं। आपको यह जानकर बेहद ख़ुशी होगी कि अब आप अपने आधार कार्ड पर सरकार से एक लाख तक का लोन, बिना कोई गारंटर दिए ले सकते हैं।
जबकि, कोई दूसरे लोन के लिए आपको सरकार को या बैंक को कोई गारंटी देनी होगी। इसके साथ ही, ऐसे कई लोन योजनाएं होती हैं जिनमें राज्य या केंद्र सरकार की तरफ से कुछ प्रतिशत की छूट भी मिलती है। इसलिए, आपको इं योजनाएं के बारे में समय-समय पर जानकारी लेते रहना चाहिए। लोन लेने के बाद, जब आपका बिज़नेस अच्छा चलने लगे और कमाई खर्च से ज़्यादा होने लगे, तब आप इस लोन को आसान किश्तों में चुका सकते हैं।