बिज़नेस के हर स्टेज के लिए वर्किंग कैपिटल का सही इस्तेमाल कैसे करें?
Jul 22, 2025

किसी भी व्यवसाय की तरक्की के लिए वर्किंग कैपिटल काफी महत्वपूर्ण होती है। हर स्तर के बिजनेस को समय-समय पर बिजनेस को सुचारू रूप से चलाने के लिए रोजाना काफी सारे खर्च करने होते हैं। अगर कोई भी कंपनी अपने रोजाना होने वाले खर्चों पर नियंत्रण कर ले और उन खर्चों का भुगतान समय-समय पर कर दे, तो व्यवसाय में अन्य खर्चो का भार कम हो जाता है। अगर आप अपनी कंपनी के रोजाना होने वाले खर्चों का भुगतान करना चाहते हैं, तो उसके लिए आपको वर्किंग कैपिटल का प्रबंध करना होगा।
वर्किंग कैपिटल का इस्तेमाल करने के बाद आप अपनी कंपनी के रोजाना खर्चों का भुगतान कर सकते हैं और लंबे समय तक मार्केट में टिके रह सकते हैं। अपने बिजनेस में हम वर्किंग कैपिटल का इस्तेमाल किस प्रकार से करें ताकि हमारी कंपनी कम समय में अधिक ग्रोथ करने लगे और खर्चो का भार भी कम हो जाए। तो इसके लिए आप अंत तक पोस्ट को अवश्य पढ़े।
वर्किंग कैपिटल क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है?
हमें अपने व्यवसाय को चलाने के लिए काफी पैसों की आवश्यकता होती है। अगर आपका छोटा व्यवसाय भी है, तब भी व्यवसाय में रोजाना बहुत सारे ऐसे खर्चे होते हैं, जिनके बिना आप अपने व्यवसाय को चला ही नहीं सकते हैं। जैसे कि बिजनेस में कर्मचारियों का वेतन, बिल्डिंग का किराया और बहुत सारे ऐसे खर्चे होते हैं,जो हमें दैनिक जीवन में करने पड़ते हैं। अगर आपके पास पैसों की समस्या है,तो आप कार्यशील पूंजी के माध्यम से पैसा अपने खर्चों में लगा सकते हैं।
अगर आप रोज अपने खर्चों का भुगतान कार्यशील पूंजी में से करते हैं, तो आपको अपने बिजनेस में भी काफी मुनाफा हो सकता है। क्योंकि कुछ कंपनी ऐसी होती हैं, जो अपने खर्चों का भुगतान करने के लिए लोन या अन्य फाइनेंशियल सहायता के माध्यम से कार्यशील पूंजी इकट्ठा कर लेते हैं।लेकिन बाद में मैनेज नहीं कर पाती है। अगर आप अपने बिजनेस की हर छोटी से छोटी जरुरत का पूरा करना चाहते हैं, तो वर्किंग कैपिटल का प्रबंध आवश्यक करें।
वर्किंग कैपिटल के माध्यम से आप अपने बिजनेस के हर स्तर का प्रबंधन कर सकते हैं। बिजनेस को चलाने के लिए आपको हर स्तर पर पैसों की आवश्यकता होगी। अगर आप वर्किंग कैपिटल को मेंटेन करके रखेंगे, तो आप अपने सभी खर्चों को वर्किंग कैपिटल के माध्यम से पूरा कर सकते हैं। चलिए आगे हम आपको विस्तार से यह जानकारी देते हैं कि बिजनेस के लिए वर्किंग कैपिटल कितनी जरूरी है और वर्किंग कैपिटल का प्रबंधन करते समय किन परेशानियों से गुजरना पड़ता है।
बिज़नेस के प्रारंभिक स्टेज में वर्किंग कैपिटल का सही इस्तेमाल
अगर आप अपनी कंपनी में वर्किंग कैपिटल का प्रबंध करना चाहते हैं, तो वर्किंग कैपिटल का सही इस्तेमाल करना जरूरी है। कई बार प्रारंभिक स्टेज में वर्किंग कैपिटल प्रबंधन में कुछ लाइव गलती कर दी जाती है। जिसके कारण आपको अपने बिजनेस में काफी बुरे प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। चलिए एक-एक करके जान लेते हैं कि वर्किंग कैपिटल का सही इस्तेमाल कैसे करें।
स्टार्टअप्स और प्रारंभिक चरण के व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करें
बिजनेस की शुरुआती समय में वर्किंग कैपिटल को अच्छे से मैनेज करें. क्योंकि शुरुआत में बहुत बिजनेसमैन वर्किंग कैपिटल का प्रबंधन नहीं कर पाते हैं और अपने रोजाना खर्च पूरे करने के लिए उन्हें लोन लेना पड़ता है और लोन का भुगतान समय पर भी नहीं कर पाते हैं। इसलिए आपको शुरुआत से ही वर्किंग कैपिटल पर ध्यान देना है।
वर्किंग कैपिटल के प्रबंधन में कुछ चुनौतियों का सामना करना होगा
बिजनेस के प्रारंभिक स्टेज में आपको वर्किंग कैपिटल से संबंधित कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना होगा। क्योंकि जब हम बिजनेस की शुरुआत करते हैं, तो उस दौरान हमें पैसों की काफी ज्यादा जरूरत होती है। इसीलिए हमें बिजनेस के शुरुआती समय में रणनीति बनाकर कार्य करना चाहिए।
सोच समझ कर खर्च करें
बिजनेस की शुरुआती समय में हमें बहुत ज्यादा फंड की आवश्यकता होती है । इसलिए बिजनेस ऑपरेशन से चलने के लिए पैसे खर्च के समय काफी सोच विचार करना चाहिए । जहां जरूरत हो वही खर्च करें ।अत्यधिक खर्च करने से धन की कमी हो सकती है।
रणनीति बनाएं
अपने बिजनेस की ग्रोथ करने के लिए और वर्किंग कैपिटल को कहां-कहां निवेश करना है या बिजनेस में कैश फ्लो को किस प्रकार से प्रबंध करना है। किस प्रकार से खर्च करने हैं और कहां खर्च करने हैं ,यह सब आपको रणनीति बनानी चाहिए।तभी आप एक कामयाब बिज़नेस खड़ा कर पाएंगे।
अपने बिजनेस का एनालिसिस करें
वर्किंग कैपिटल के प्रबंधन में कुछ चुनौतियों का सामना आपको करना पड़ सकता है। इसीलिए आपको अपने बिजनेस का एनालिसिस अच्छे से करना चाहिए । बिजनेस की हर जरूरत आपको पता होनी चाहिए। बिजनेस का पैसा कहां जा रहा है, किस प्रकार से खर्च किया जा रहा है और बिजनेस के लिए आगामी समय में ओर कौन से खर्च आपको करने पड़ सकते हैं। इन सब के बारे में पहले ही एनालिसिस कर ले ताकि बाद में दिक्कत ना हो।
शुरुआती दौर में वर्किंग कैपिटल मैनेजमेंट के लिए रणनीति
नकदी प्रवाह पर कड़ा नियंत्रण
बिजनेस की शुरुआती जरूरत को पूरा करने के लिए आपको यह कोशिश करनी है कि आपके व्यवसाय में कैश फ्लो की रेशों अच्छी रहे। क्योंकि व्यवसाय में अगर पैसा आता रहेगा, तो आपके पास खर्चे पूरे करने के लिए फंड अवेलेबल होगा। आपको यह भी कोशिश करनी होगी कि शुरुआती दौर में अननेसेसरी जो खर्च हैं, उन्हें भी कम किया जा सके.
संचालन बनाए रखें
अपने बिजनेस की जरूरत को पूरा करने के लिए समय-समय पर आपको खर्चा तो करना ही पड़ेगा।लेकिन आप जब अपने खर्च को मैनेज करके अपना बजट बहुत कम करके खर्च करेंगे, तो इससे आपको ही फायदा होगा।
आवश्यक व्यय पर ध्यान केंद्रित करना और ओवरहेड को न्यूनतम करना
अगर आप अपने बिजनेस के खर्चों पर कंट्रोल करते हैं, तो ऑटोमेटिक आपके व्यवसाय में कैश फ्लो अच्छा हो जाएगा और वर्किंग कैपिटल की वैल्यू भी हमेशा पॉजिटिव में रहेगी।
अगर आपका बिजनेस नया है और शुरुआत में आप कैश फ्लो का प्रबंध नहीं कर पा रहे हैं, तो आपको एक कोशिश करनी चाहिए कि बिजनेस के खर्चों के लिए और वर्किंग कैपिटल प्रबंधन करने के लिए आप लोन या फिर निवेश विकल्प की सहायता ले। ताकि आपके पास इतनी वर्किंग कैपिटल तो हो, जो आप अपने बिजनेस को अच्छे से चला सके।
फंडिंग का इस्तेमाल करें
अगर आपको अपने बिजनेस ऑपरेशंस चलाने के लिए कुछ दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको फंडिंग पर ध्यान देना चाहिए। लोन के माध्यम से आप अपने बिजनेस में फंडिंग कर सकते हैं। इसके अलावा आप निवेशको की सहायता ले सकते हैं। अगर आपके बिजनेस में जगह से ज्यादा निवेशक निवेश करेंगे, तो आपको फायदा होगा।
बिज़नेस के परिपक्व स्टेज में वर्किंग कैपिटल का सही इस्तेमाल
जब आपकी बिजनेस की ग्रोथ हो जाती है, तो जिस प्रकार आप बिजनेस के शुरुआती दौर में वर्किंग कैपिटल को मैनेज करते हैं। इसी तरह आपको बिजनेस के परिपक्व स्टेज में वर्किंग कैपिटल का सही इस्तेमाल करना होगा। स्थिर व्यवसाय वर्किंग कैपिटल के लिए आपको रणनीति बनानी होगी और उसी हिसाब से काम करना होगा। बहुत बिजनेस ऐसे होते हैं, जो शुरुआती स्तर पर तो वर्किंग कैपिटल को अच्छे से मैनेज कर लेते हैं, लेकिन बाद में वो अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं और स्थिर व्यवसाय वर्किंग कैपिटल का प्रबंधन नहीं कर पाते। जिसके कारण बाद में बिजनेस को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
परिपक्वता चरण में कार्यशील पूंजी को अनुकूलित करने की रणनीतियाँ
अतिरिक्त नकदी का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करना।
वर्किंग कैपिटल के प्रबंधन के लिए आपको excess cash पर ध्यान देना होगा। बहुत बार ऐसा होता है कि बिजनेस में हमें काफी मुनाफा होता है और हमें यह जानकारी नहीं होती कि इस excess cash का इस्तेमाल कहां किया जाए। ताकि भविष्य में बिजनेस की और भी ज्यादा ग्रोथ हो सके। चलिए हम आपको कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स के माध्यम से समझाते हैं कि excess cash का इस्तेमाल आपको वर्किंग कैपिटल के लिए कहां पर करना है।
पुनर्निवेश या लाभांश के लिए प्रतिधारित आय का उपयोग करना।
अतिरिक्त वर्किंग कैपिटल का इस्तेमाल आपको री इन्वेस्टमेंट और डिविडेंड के लिए करना चाहिए । क्योंकि निवेश करने से आपको और भी ज्यादा मुनाफा होगा और इस मुनाफे के कारण आपकी वर्किंग कैपिटल में भी बढ़ोतरी होगी। लॉन्ग टर्म डिविडेंड में निवेश करने से आपको अच्छा प्रॉफिट प्राप्त हो सकता है।
नकदी प्रवाह को बनाए रखने के लिए उत्पाद/सेवा पोर्टफोलियो का विस्तार या विविधीकरण करना।
जब आप अपनी सेवा या फिर सर्विस का ज्यादा से ज्यादा विक्रय करेंगे, तो उस दौरान आपके व्यवसाय में जो पैउ आएगा, उनसे कैश फ्लो भी अच्छा हो जाएगा। बिजनेस के शुरुआती दोर के साथ-साथ बिजनेस के अंतिम स्तर में भी अपने बिजनेस के ज्यादा से ज्यादा ग्रोथ करना जरूरी है।
लॉन्ग टर्म डेप्ट और इक्विटी किस तरह वर्किंग कैपिटल को प्रभावित करती है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्किंग कैपिटल को प्रभावित करने में लॉन्ग टर्म डेट का भी महत्वपूर्ण स्थान होता है। मान लीजिए आपको अपने बिजनेस के लिए वर्किंग कैपिटल की जरूरत है। लेकिन काफी लंबे समय से डेप्प बहुत ज्यादा हो गए हैं।
ज्यादा बढ़ने के कारण हमारे पास पैसों की तंगी हो सकती है।जिससे कैश फ्लो प्रभावित होगा और वर्किंग कैपिटल भी प्रभावित होगी। वर्किंग कैपिटल मैनेज करनी है, तो लॉन्ग टर्म डेपट पर नियंत्रण करना बहुत ज्यादा जरूरी।
वर्किंग कैपिटल प्रबंधन के सामान्य गलतियाँ और समाधान
वर्किंग कैपिटल प्रबंधन की सामान्य गलतियाँ
हर व्यवसाय को वर्किंग कैपिटल का प्रबंध समय-समय पर कर लेना चाहिए। कुछ व्यवसाय ऐसे होते हैं, जो वर्किंग कैपिटल का प्रबंध करते समय कहीं गलतियां कर देते हैं। जिनके कारण बिजनेस में काफी रुकावट आती है। चलिए एक-एक करके विस्तार से जान लेते हैं कि प्रत्येक बिजनेस को वर्किंग कैपिटल का प्रबंध करते समय किन गलतियों से बचना चाहिए।
नकदी प्रवाह का कुप्रबंधन
चाहे आपका व्यवसाय नया हो या फिर पुराना हमेशा आपको अपने रोज के खर्चे वह पूरा करने के लिए वर्किंग कैपिटल की आवश्यकता तो होगी ही। बहुत बार वर्किंग कैपिटल का प्रबंधन करते समय कैश फ्लो का प्रबंधन ध्यान से नहीं कर पाते हैं। हर व्यवसाय को यह जानकारी होनी चाहिए कि एक निश्चित समय में कितना पैसा कंपनी में आया है और कितना लेने अपने बिजनेस को मैनेज करने के लिए खर्च किया है।
मांग और आपूर्ति में मौसमीता की अनदेखी
वर्किंग कैपिटल के मैनेजमेंट में मांग और पूर्ति भी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। कुछ व्यवसाय ऐसे होते हैं जिनकी मांग और पूर्ति सीजनल काफी ज्यादा प्रभावित होती है। आपको यह ध्यान में रखना होगा कि सीजन के हिसाब से आपके व्यवसाय की मांग कितनी है और आप अपने व्यवसाय में अपनी सेवा या प्रोडक्ट का कितना प्रोडक्शन कर पा रहे हैं। क्योंकि कंपनी में जब आपके प्रोडक्ट या सर्विस जितने ज्यादा सेल होंगे, उतना ज्यादा आपकी कंपनी में पैसा आएगा।
कुछ चरणों में कार्यशील पूंजी की आवश्यकता का अधिक आकलन करना।
वर्किंग कैपिटल के अच्छे प्रबंधन के लिए बिजनेस के हर स्तर पर आपको बिजनेस की जरूरत को समझना होगा ।
कैश फ्लो गलतियाँ कैसे सुधारें ?
नियमित नकदी प्रवाह पूर्वानुमान
समय-समय पर आपको कैश फ्लो को चेक करते रहना होगा। क्योंकि किसी भी कंपनी में यदि कैश फ्लो गलतियाँ है,तो उसकी वर्किंग कैपिटल पर भी इफेक्ट पड़ता है।
प्रमुख वित्तीय अनुपातों (चालू अनुपात, त्वरित अनुपात) की निगरानी करना।
करंट रेशों, क्विक रेशों और अन्य कुछ महत्वपूर्ण तत्व होते हैं, जिनका ध्यान भी आपको रखना होगा।
वित्तीय विवरणों की बार-बार समीक्षा करें
वर्किंग कैपिटल के प्रबंधन के लिए आपको अपनी कंपनी के वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन भी समय-समय पर करना होगा। आपको फाइनेंशियल स्टेटमेंट को चेक करना होगा ताकि आप को अपनी कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी मिलती रहे। यदि वर्किंग कैपिटल की वैल्यू कम है, तो आप जल्द से जल्द प्रबंधन कर सके।
वर्किंग कैपिटल के लिए वित्तीय रणनीतियाँ
वर्किंग कैपिटल किसी भी व्यवसाय की ग्रोथ को काफी जल्दी इफेक्ट कर सकते हैं। इसीलिए अगर आप अपने बिजनेस ग्रोथ करना चाहते हैं, तो आपको फाइनेंशियल रणनीतियाँ बनानी होगी। जो रणनीतियां आप अपनाएंगे, उनका इस्तेमाल करके आप अपने कंपनी की वर्किंग कैपिटल की स्थिति को प्रबंध कर सकते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दे की आप अपने बिजनेस के लिए वर्किंग कैपिटल से संबंधित रणनीतियों को बनाते समय तीन स्तर का ध्यान रखें। चलिए आगे एक-एक करके सभी फाइनेंशियल रणनीतियाँ के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।
प्राथमिक अवस्था
यदि आपका नया व्यवसाय है, तो शुरुआत में आपको इस बात का ध्यान रखना होगा की आप वर्किंग कैपिटल को हमेशा पॉजिटिव रखें और वर्किंग कैपिटल के माध्यम से बिजनेस की हर जरूरत को पूरा करें। इसके अलावा यह भी कोशिश करें कि बिजनेस में जो खर्च हो रहे है,उन्हें भी कंट्रोल किया जा सके ताकि वर्किंग कैपिटल को लंबे समय तक मैनेज किया जा सके।
वृद्धि चरण
बहुत सारी कंपनियां ऐसी होती है, जो वर्किंग कैपिटल की ग्रोथ पर कभी ज्यादा ध्यान देती है। और ग्रंथ भी कर लेती है। लेकिन ग्रोथ और लिक्विडिटी में बैलेंस नहीं बता पाती है । आपको हमेशा फाइनेंशियल रणनीतियाँ पर भी ध्यान देना होगा।
परिपक्वता अवस्था
यदि आपके व्यवसाय में वर्किंग कैपिटल की जो वैल्यू है, वह अधिक है तो आप इस वर्किंग कैपिटल का इस्तेमाल भविष्य के लिए वर्किंग कैपिटल को और अधिक बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। आप वर्किंग अतिरिक्त वर्किंग कैपिटल को निवेश कर सकते हैं, जहां पर आपको अच्छी रिटर्न मिल सकती है।
कार्यशील पूंजी के प्रभावी प्रबंधन में वित्तीय उपकरणों और सॉफ्टवेयर की भूमिका
यदि आप कार्यशील पूंजी के प्रबंधन को प्रभावी बनाना चाहते हैं, तो आपको वित्तीय उपकरण और सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना होगा। आज के समय में टेक्नोलॉजी बढ़ती जा रही है। बिजनेस की ग्रोथ के लिए टेक्नोलॉजी की आवश्यकता होगी । वर्किंग कैपिटल के प्रबंधन के लिए आप विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं। कैश बजट, इन्वेंटरी,अकाउंट पेबल,अकाउंट रिसिवेबल,कैपिटल फोरकास्टिंग सॉफ्टवेयर और अन्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से आप वर्किंग कैपिटल को मैनेज कर सकते हैं।
निष्कर्ष
इस लेख के माध्यम से हमने आपको यह जानकारी दी है कि वर्किंग कैपिटल क्या होती है, वर्किंग कैपिटल का इस्तेमाल कैसे करें और वर्किंग कैपिटल का प्रबंध करते समय हमें किन गलितयो से बचना चाहिए। एक छोटी सी गलती आपके बिजनेस पर काफी बड़ा प्रभाव डाल सकती हैं। इसीलिए वर्किंग कैपिटल का बिजनेस के हर स्तर पर प्रबंध करें। वर्किंग कैपिटल के टिप्स के माध्यम से अपने बिजनेस को ओर मजबूत बनाए। अगर आप वर्किंग कैपिटल का प्रबंधन अच्छे से करेंगे,तो आपको कंपनी अपने बिजनेस के खर्चे पूरे करने के लिए पैसों की समस्या नहीं होगी।
वर्किंग कैपिटल के बारे में सवाल
Q1: वर्किंग कैपिटल को कैसे सही तरीके से प्रबंधित करें?
उत्तर: वर्किंग कैपिटल को सही तरीके से प्रबंध करना काफी ज्यादा अनिवार्य है। वर्किंग कैपिटल का प्रबंधन करने के लिए आपको अपने खर्चों में कमी लानी होगी। इसके अलावा ग्राहकों से जल्दी पैसे लेने होंगे ताकि बिजनेस में ज्यादा कैश का इनफ्लो हो सके।
Q2: क्या वर्किंग कैपिटल और नकदी प्रवाह एक ही हैं?
उत्तर: नकदी प्रवाह दोनों में अंतर होता है। हमारे व्यवसाय के दौरान हमें जो भी कैश रिसीव होता है या फिर कैश कंपनी से बाहर जाता है, तो उसे कैश फ्लो कहा जाता है। इसके अलावा हर कंपनी के पास अपने दैनिक खर्चों का भुगतान करने के लिए जो भी राशि उपलब्ध होती है, उसे वर्किंग कैपिटल कहा जाता है। किसी भी सफल बिजनेस के लिए वर्किंग कैपिटल और नकदी प्रवाह दोनों ही काफी महत्वपूर्ण।
Q3: स्टार्टअप्स के लिए वर्किंग कैपिटल प्रबंधन के क्या टिप्स हैं?
उत्तर: अगर आपने अभी अपनी कंपनी की शुरुआत की है और आप यह जानना चाहते हैं कि जो वर्किंग कैपिटल अपने निर्धारित किया है, वह सही है या नहीं। तो उसके लिए आप अपनी करंट ऐसेट में से लायबिलिटी की राशि को हटाकर वर्किंग कैपिटल की वैल्यू समझ सकते हैं। जो राशि आपके पास घटकर आएगी यह राशि आपके दैनिक कर या अन्य भुगतान करने के लिए प्राप्त होगी। इसीलिए एक अच्छे व्यवसाय के लिए वर्किंग कैपिटल को मैनेज करना जरूर करें।
Q4: परिपक्व व्यवसायों को वर्किंग कैपिटल में क्या ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: परिपक्व व्यवस्थाओं को वर्किंग कैपिटल का इस्तेमाल करते हुए काफी ध्यान रखना होगा । सबसे पहले बात तो यही है कि वर्किंग कैपिटल को समय-समय पर मैनेज करते रहे। क्योंकि अगर वर्किंग कैपिटल की वैल्यू सही होगी, तभी आप अपने डेली खर्चों का भुगतान कर पाएंगे। वर्किंग कैपिटल को समय-समय पर मैनेज करते रहे।


