नौकरीपेशा से उद्यमी बनें: हटके सोचे, MSME में हाथ आज़माएं
Sep 15, 2022
क्या आप अपने खुद के मालिक बनना चाहते हैं या आप जिस कॉर्पोरेट रुटीन को फॉलो करते हैं उससे ऊब चुके हैं या फिर आप की तमन्ना जेफ बेजोस या फिर एलॉन मस्क जितना बड़ा कमाने की हैं? तो फिर एक बिजनेसमैन के रूप में अपना करियर बनाना एक बेहतरीन कदम आपके लिए साबित हो सकता है। आपके पास बिजनेस की समझ और बिजनेस प्लान है तो सफल बिजनेसमैन होने के नाते जोखिम लेने की एबिलिटी से कुछ ही कदम दूर है। भारत के प्रधानमंत्री ने भी कहा कि अगर कोई उद्योग आगे बढ़ना चाहता है, विस्तार करना चाहता है तो सरकार न केवल उसे समर्थन कर रही है बल्कि अपनी नीतियों में जरूरी बदलाव भी ला रही है। तो फिर वेट क्यों करना, आप भी शुरू कर दें अपना खुद का व्यवसाय।
बिजनेस शुरू करने की सोचते ही सबसे पहले ज़ेहन में कुछ सवाल आते हैं कि इसके लिए बिजनेस लोन कहां से मिलेगा, बिज़नेस लोन कैसे लें, बिजनेस लोन का इंटरेस्ट रेट कितना होगा या फिर स्टार्टअप बिजनेस के लिए लोन कहां से लें। ऐसे तमाम सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिलेंगे। आपको अपना बिजनेस किस तरह से स्थापित करना है, ये निर्भर करता है पूंजी पर,और अगर आपके पास पूंजी नहीं है या जरूरत के हिसाब से नहीं है तो आप इसके लिए लोन ले सकते हैं। भारत सरकार के द्वारा इसके लिए कई योजनाएं हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्यम एमएसएमई के लिए योजनाएं। योजनाओं को जानने से पहले ये पता करते हैं कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम यानि कि एमएसएमई है क्या ?
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) है क्या? (What is MSME)
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को भारत के आर्थिक विकास के इंजन के रूप में जाना जाता है। माइक्रो, स्मॉल और मीडियम बिजनेस सरकार की मदद से मेट्रो सिटीज के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करता है। माइक्रो, स्मॉल और मीडियम बिजनेस देश में रोजगार की संभावनाएं प्रदान करके कम डेवलप और रुरल एरिया में सुधार करने में भी मदद करते हैं।
MSMEs को इस तरह से समझे
आप इस तरह से समझें-आप अपने पड़ोस के आउटलेट या स्टोर से लेकर बड़े किराना स्टोर चेन या फ्रैंचाइज़ी स्टोर तक कई तरह की कमर्शियल इंटरप्राइजेस और कंपनियां देखते होंगे। ये फर्म अपनी मैनपॉवर रिक्वायरमेंट के आधार पर कई लोगों को रोजगार देती हैं। ऐसे कमर्शियल इंटरप्राइजेस शुरू करने के लिए मिनिमम कैपिटल की जरूरत होती है। पड़ोस के बाजार में फोटोकॉपी की दुकान या चाट और गोल गप्पे के स्टाल से लेकर शहर की मार्केट में छोटे रेस्टोरेंट और घर के सामान और सजावट के आउटलेट दिखाई देते हैं। ये सभी एमएसएमई के अंतर्गत ही आते हैं।
एमएसएमई को प्रधानमंत्री मोदी ने ‘देश की रीढ़’ कहा
भारत में, एमएसएमई देश के जीडीपी का लगभग 8%, मेनुफैक्चरिंग प्रोडक्शन का लगभग 45% और देश के निर्यात में लगभग 40 फीसदी का योगदान करते हैं। एमएसएमई को भारत के प्रधानमंत्री ने ‘देश की रीढ़’ कहा है। देश के प्रधानमंत्री ने एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ाने और उसे गति देने को लेकर 6,000 करोड़ रुपये की योजना ‘रैंप’ (रेजिंग एंड एक्सिलेरेटिंग एमएसएमई परफार्मेन्स) की शुरूआत की है। भारत सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 अधिनियम पारित किया था, जिसके अनुसार माइक्रो, स्मॉल और मीडियम बिजनेस की व्याख्या उन बिजनेस में ‘प्लान्ट एवं मशीनरी’ में इनवेस्टमेंट के अनुसार निर्धारित होती थी। लेकिन 7 अप्रैल,2018 से नई परिभाषा लागू है जिसे पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी की बैठक में लास्ट टच दिया गया था। इस परिवर्तन के बाद अब “प्लांट और मशीनरी” में इनवेस्टर की जगह “टर्नओवर” के आधार पर MSMEs क्लासिफिकेशन किया जाता है।
नए MSME की मुख्य विशेषताएं
भारत सरकार द्वारा ‘आत्म निर्भर भारत अभियान’ या 2020 की आत्मनिर्भर भारत योजना ने MSMEs के लिए एक नई व्याख्या दी है। नई MSMEs के कुछ प्रमुख गुण इस प्रकार से हैं –
- MSMEs को कॉलेटरल लोन का प्रोविजन
- लोन की व्यवस्था, जिसकी वर्थ 3 लाख करोड़
- 12 महीने का ऑफर पीरियड
- मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस एमएसएमई को एक ही यूनिट मानने पर विचार
- 48 महीने की एक रीपेमेंट पीरियड दी गई है
- MSMEs को 100% क्रेडिट गारंटी का आश्वासन दिया जाता है
- MSMEs के रिक्लासिफिकेशन से लगभग 45 लाख यूनिट्स को फायदा होगा।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को इस तरह से परिभाषित किया गया है-
लेटेस्ट रीविजन के अनुसार, MSMEs में 10 करोड़ रुपये से अधिक लेकिन 50 करोड़ रुपये से कम और 50 करोड़ रुपये से 250 करोड़ रुपये के कारोबार वाली सभी यूनिटों या बिजनेस को मीडियम इंटरप्राइजेस के रूप में क्लासीफाइड किया गया है। वे फर्में जिनका 1 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये तक का निवेश और 5 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार है, लेकिन 50 करोड़ रुपये से कम है उन्हें स्मॉल इंटरप्राइजेस कहा जाता है। अंत में, 1 करोड़ रुपये तक के निवेश और 5 करोड़ रुपये से कम के कारोबार वाली कंपनियों को माइक्रो इंटरप्राइजेस के रूप में डिफाइन किया गया है।
MSME बिजनेस लोन महिलाओं के लिए (महिलाओं के लिए बिज़नेस लोन का विकल्प)
महिलाओं को नया व्यवसाय स्थापित करने या मौजूदा व्यवसाय का विस्तार करने के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है। ‘महिला उद्यम निधि’ स्कीम के तहत अधिकतम 10 साल में लोन रीपेमेंट की सुविधा मिलती है। इसमें पांच साल का मोरेटोरियम पीरियड भी होगा।
महिलाओं के लिए मुद्रा लोन
मुद्रा योजना के तहत विमेन एंटरप्रेन्योर को नया बिजनेस स्थापित करने या मौजूदा बिजनेस को और बढ़ाने के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है। इसके अंतर्गत तीन तरीके से लोन दिया जाता है जिसमें शिशु (50,000 रुपये तक), किशोर (5 लाख रुपये), और तरुण (5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये) महिलाओं के लिए बिज़नेस लोन के विकल्प पेश किए जाते हैं।
एमएसएमई बिजनेस लोन के फीचर और जरूरी एलिमेंट्स-
- MSMEs श्रमिकों और कारीगरों के कल्याण के लिए काम करते हैं। वे रोजगार देकर और लोन और अन्य सेवाएं प्रदान करके उनकी मदद करते हैं।
- एमएसएमई बैंकों को क्रेडिट लिमिट या फंडिंग सपोर्ट मुहैया कराते हैं।
- एमएसएमई इसके लिए स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर शुरू करके एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट के साथ-साथ स्किल को अपग्रेड करने को बढ़ावा देते हैं।
- मॉर्डन टेस्टिक फेसिलिटी और क्वालिटी सर्विस सर्टिफिकेशन सर्विस भी प्रदान करते हैं।
एमएसएमई बिजनेस (उद्यम) के रूप में लोन के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें? (एमएसएमई बिजनेस के लिए लोन कहां से मिलेगा)
एक MSME के रूप में रजिस्ट्रेशन करने के लिए केवल एक वेब-आधारित ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है। जिसमें एप्लिकेंट को प्रमाणित (Certified) होने के लिए लिंक किए गए मोबाइल नंबर के साथ आधार कार्ड होना जरूरी है। ये प्रोसेस को इतना सरल बनाया गया है कि एप्लिकेशन करते समय ही सर्टिफिकेट तैयार हो जाता है। सरकारी वेबसाइट udyamregistration.gov.in लॉगिन करके अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। एप्लिकेंट एमएसएमई की कई कैटगरीज में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
MSME लोन के एप्लिकेशन फॉर्म के लिए जरूरी ब्यौरा
- आधार नंबर-आवेदक को जारी किया गया 12 अंकों का आधार नंबर भरें।
- एंटरप्रेन्योर का नाम, जो आधार कार्ड पर है
- ऑर्गेनाइजेशन का प्रकार, संगठन के प्रकार का चयन करें जो एमएसएमई प्रमाणपत्र पर प्रिंट हो जाएगा।
- ऑर्गेनाइजेशन का पजे़शन (स्वामित्व)
- कंपनी के बारें में- पार्टनरशिप फर्म, प्राइवेट और पब्लिक लिमिटेड कंपनी, लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप।
- कोऑपरेटिव सोसाइटी, सेल्फ हेल्प ग्रुफ (SHG) है या सोसाइटी या फिर ट्रस्ट।
- को-ऑपरेटिव, प्राइवेट लिमिटेड, पब्लिक लिमिटेड और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप के मामले में 10 अंकों का पैन नंबर भरें।
- सोशल कैटेगरी (सामान्य, ओबीसी, एससी/एसटी)
- कंपनी का नाम भरें
- कंपनी के ऑफिस का पता- कार्यालय का पता प्लान्ट के पते से अलग है तो कार्यालय का पता भरें।
- बैंक खाते की डीटेल्स-आवेदक का बैंक खाता संख्या और बैंक IFSC कोड भरें।
- व्यावसायिक गतिविधि का एनआईसी कोड भरें।
- कर्मियों की संख्या-नियोजित व्यक्तियों की कुल संख्या भरें ।
- प्लान्ट और इक्यूपमेंट पर इनवेस्ट की गई राशि को भरें।
- सबमिट करें: सबमिट बटन पर क्लिक करें और ओटीपी दर्ज करें जो रजिस्टर / लिंक किए गए मोबाइल नंबर पर शेयर किया जाएगा।
MSME बिज़नेस लोन इंटरेस्ट रेट और फीस (MSME Business loan kaise le)-
एमएसएमई बिजनेस शुरू करने के लिए आपकी व्यावसायिक आवश्यकताओं पर निर्भर करता है कि आपको कितनी पूंजी की जरूरत है, फिर उसी अमाउंट पर ब्याज दर डिसाइड की जाती है। लोन अमाउंट की कोई मिनिमम लिमिट नहीं है, वहीं अधिकतम लोन अमाउंट 1 करोड़ तक है। लोन लेने के बाद की भुगतान अवधि 12 महीने से 5 साल तक की होती है। लोन अमाउंट पर ही प्रिमियम बनता है, जो लोन राशि का 0% से 4 % तक हो सकता है। आपको बताते चलें कि लोन क्लोजर फीस हर बैंक अपने अनुसार लेता है। वहीं आपको क्रेडिट सुविधा जैसे वर्किंग कैपिटल लोन, बिल डिस्काउंटिंग, ओवरड्राफ्ट, कैश क्रेडिट, लैटर ऑफ़ क्रेडिट, बिल परचेज़, मर्चेंट ऑफ़ कैश एडवांस आदिल मिलती है।
एमएसएमई बिजनेस लोन के लिए योग्यता शर्तें
- न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 70 वर्ष की आयु होनी चाहिए।
- लोन के लिए व्यक्ति, SME, MSMEs, बिज़नेस, विमेन एंटरप्रेन्योर, नॉन इम्पलॉई प्रोफेशनल, SC / ST / OBC कैटगरी के अंदर आने वाले लोग, व्यापारी, कारीगर, रीटेल बिजनेसमैन, सर्विस एंड मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में लगे हुए बिज़नेस
- प्राइवेट या पब्लिक लिमिटेड,पार्टनरशिप फर्म, लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप।
- बिज़नेस टर्नओवर बिजनेस के लिए 10 लाख। :
- अच्छा भुगतान रिकॉर्ड।
- 750 से ज्यादा CIBIL स्कोर
- किसी भी बैंक या लोन संस्थान के डिफॉल्ट ना हो।
एमएसएमई EMI कैलकुलेटर
ऋणदाता एमएसएमई बिजनेस लोन की सेवा के लिए ब्याज लेता है। इसकी गणना प्रिसिपल अमाउंट के प्रतिशत के रूप में की जाती है। इंटरेस्ट कंपोनेंट्स को आगे नाममात्र ब्याज और एपीआर के रूप में रेफरेंस किया जाता है। नाममात्र ब्याज दर वार्षिक ब्याज दर है। दूसरी ओर, एपीआर कुल वार्षिक लागत है जिसमें प्रोसेसिंग अमाउंट, प्रशासनिक शुल्क और बहुत कुछ शामिल है। प्रभावी ब्याज दर की गणना दिए गए सूत्र (1+r) n-1 का उपयोग करके की जाती है, यहां, r लागू टर्म इंनटरेस्ट रेट है।
हर सफल बिजनेस के पीछे मेहनतकश उद्यमी
एक शख्स जो एक नई फर्म शुरु करता है और रिस्क और बेनिफिट्स लेता है उसे एक एंटरप्रेन्योर के रूप में जाना जाता है। एक बिजनेसमैन अपने बिजनेस मॉडल में कुछ नया बनाता है। हर बिजनेस के पीछे उद्यमी होते हैं, चाहे वह कोका कोला, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, अमेज़ॅन, मैकडॉनल्ड्स जैसे आकार और दायरे से कोई फर्क नहीं पड़ता।