वर्किंग कैपिटल लोन बनाम टर्म लोन – कौन सा बेहतर है
Mar 20, 2025

एक बिज़नेस के लिए आम तौर पर 2 तरह के लोन ऑप्शन होते है, वर्किंग कैपिटल लोन और टर्म लोन। इनमें से कौन सा लोन आपके के लिए सही है ये आपकी कंपनी के कैश फ्लो और लिक्विडिटी के आधार पर किया जा सकता है। फाइनेंस सबसे अहम रोल अदा करता है चाहे बिज़नेस की ग्रोथ हो या या बिज़नेस के रोज़मर्रा के खर्च। इन दोनों लोन के बारे में अच्छी तरह जानकारी लेने के बाद ही आप सही निर्णय ले सकते है।
बिज़नेस की अलग-अलग ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दोनों लोन अलग तरह से काम करते हैं। साधारण शब्दों में कहे तो टर्म लोन आमतौर पर हाई रिस्क वाले प्रोजेक्ट्स के लिए सबसे बेहतर होते हैं, जबकि वर्किंग कैपिटल लोन ऑपरेटिंग खर्चों को पूरा करने के लिए सही होते है।
वर्किंग कैपिटल लोन क्या है?
वर्किंग कैपिटल लोन एक तरह का एक शॉर्ट-टर्म लोन है जो आपके बिज़नेस की रोज़मर्रा की खर्चों को पूरा करने में मदद करता है। यह लोन बिज़नेस को आराम चलाने में मदद करता है, खासकर तब जबकैश फ्लो कम हो जाता है, चाहे वह सीजनल उतार-चढ़ाव हो या टेंपपोरारी फाइनैन्शल प्रॉब्लेम।
यह फंडिंग का एक महत्वपूर्ण जरिया है क्योंकि इसकी अक्सर तब ज़रूरत होती है जब कंपनी को अपना मोनथली रेंट चुकाना अक्सर पूछे जाने वाले सवाल होता है, अपने वर्कर्स की तनख्वाह देनी होती है, या अचानक आई ज़रूरतों को पूरा करना होता है। इस तरह से इक्स्टर्नल फंडिंग मिलने से बिज़नेस सही तरीके से चलता रहता है।
इसे अक्सर रिवॉल्विंग क्रेडिट के रूप में दिया जाता है और यह आमतौर पर 12 महीने या उससे कम की अवधि के लिए होता है। इसका मतलब ज़रूरत के हिसाब से उधार लेना, चुकाना और फिर से उधार लेना आसान हो जाता है। वर्किंग कैपिटल लोन का एक बड़ा फायदा यह भी है कि इसमें बहुत कम या कोई कोलैटरल (गिरवी) नहीं रखना पड़ता। हालांकि, छोटे लोन अमाउंट और फंड्स की तुरंत ज़रूरत के कारण इन लोन्स पर इंटेरेस्ट रेट ज्यादा होता है।
टर्म लोन क्या है?
कैपिटल लोन के उलट टर्म लोन लंबे समय तक चलने वाला लोन है, जिसकी अवधि आमतौर पर 1 से 10 साल तक होती है। यह लोन तब लिया जाता है जब बिज़नेस के बड़ा प्रोजेक्ट के लिए, बिज़नेस इक्स्पैन्शन या नई मशीनरी खरीदने के लिए फंड्ज की ज़रूरत होती है।
वर्किंग कैपिटल लोन के मुकाबले टर्म लोन में दिए जाने वाला अमाउन्ट ज्यादा होता है। इसलिए इसे चुकाने के लिए भी ज्यादा टाइम पीरीअड दिया जाता है। टर्म लोन को बिज़नेस टर्म लोन भी कहा जाता है क्योंकि इसमें लम्प सम अमाउन्ट लंबे समय के लिए जाता है ताकि आप बिज़नेस के बड़े खर्चे और लॉंग टर्म गोल्स पूरे कर सकें। टर्म लोन खासकर इस्तेमाल किया जाता है,
- बिज़नेस बढ़ाने के लिए।
- नई मशीनरी या डिवाइसेस खरीदने के लिए।
- फैक्ट्री या ऑफिस का नवीनीकरण।
- सभी लोन्स को एक लोन मिलाने के लिए।
वैसे तो वर्किंग कैपिटल लोन का इंटेरेस्ट रेट ज्यादा होता है लेकिन टर्म लोन का इंटेरेस्ट रेट समय के साथ बढ़ता है। इसलिए वर्किंग कैपिटल लोन के मुकाबले टर्म लोन पर ज़्यादा ब्याज देना पड़ता है। एक बिजनेस लोन कैलकुलेटर की मदद से आप इंटेरेस्ट और प्रिन्सपल का हिसाब लगाकर देख सकते है। टर्म लोन लेना आसान नहीं है क्योंकि यह लंबे समय के लिए दिया जाता है। जिस वजह से इसमें बहुत ज्यादा डाक्यूमेन्टैशन और प्रोसेस होते हैं।
टर्म लोन में वर्किंग कैपिटल लोन के मुकाबले ज़्यादा समय तक चुकाना होता है, जो लोन की रकम, बिजनेस प्रोफाइल और लोन की शर्तों के आधार पर 1 से 15 साल तक हो सकता है। इससे सही इनवेस्टमेंट के काम करने मिलता है और लोन चुकाने के लिए ज्यादा समय भी मिल जाता है। मतलब फाइनेंशियल प्लानिंग आसान हो जाती है।
टर्म लोन में फिक्स्ड रीपेमेंट शेड्यूल होता है, यानी आपको हर महीने या हर तिने महीने में कुछ रकम जिसमें इंटेरेस्ट और प्रिन्सपल दोनों चुकानी होती है। चूंकि टर्म लोन में कम इंटेरेस्ट पर ज्यादा रकम लंबे समय के लिए दी जाती है यहाँ कोलैटरल के तौर पर प्रॉपर्टी या मशीन को रखा जाता है।
वर्किंग कैपिटल लोन और टर्म लोन दो अलग तरह के बिज़नेस फाइनेंसिंग ऑप्शन हैं, जो अलग- अलग ज़रूरतों को पूरा करने के लिए होते है। आइए इन फाइनेंसिंग ऑप्शन्स बीच के अंतर समझते हैं:
वर्किंग कैपिटल लोन | टर्म लोन | |
उद्देश्य | शॉर्ट टर्म ऑपरेशनल खर्चें | लॉंग टर्म बिज़नेस इनवेस्टमेंट |
लोन अवधि | 12 महीने तक | 1 से 15 साल तक |
इंटेरेस्ट रेट | ज्यादा (11-16% प्रति वर्ष) | कम (8-14% प्रति वर्ष) |
कोलैटरल | आमतौर पर बिना कुछ गिरवी रखे | प्रॉपर्टी या मशीन जैसे सामान |
लोन अमाउन्ट | छोटा (₹1 लाख से ₹1 करोड़ तक) | बड़ा (ऐसेट का 80-90% तक) |
डिस्बर्समेंट | लम्प सम या किश्तों में | लम्प सम अमाउन्ट |
रीपेमेंट | सिर्फ इंटेरेस्ट EMI या प्रिन्सपल + इंटेरेस्ट | फिक्स्ड EMI (प्रिन्सपल + इंटेरेस्ट ) |
डाक्यूमेन्टैशन | कम से कम (KYC, बैंक स्टेटमेंट, GST रिटर्न) | ज्यादा (ITR, फ़ाइनेंशियल , बिज़नेस प्लान ) |
निष्कर्ष
जब बिज़नेस के रोज़मर्रा के खर्चों की बात आए तो वर्किंग कैपिटल लोन सबसे अच्छा ऑप्शन है। वहीं, जब टर्म लोन्स को समय चुकाया जाता है तब आपका क्रेडिट स्कोर भी बेहतर होता है, जिससे भविष्य में लोन लेने में आसानी होती है। वर्किंग कैपिटल का क्रेडिट स्कोर से कोई खास लेनदेन नहीं होता। इसलिए, अपने बिज़नेस के लिए लोन का चुनाव करते समय अपने बिज़नेस की ज़रूरतों को समझें।
आपको यह तय करना ज़रूरी है की आपके लोन लेने का उद्देश्य क्या है और किस प्रकार की फंडिंग की ज़रूरत है। जब ये साफ हो जाए तब किसी भरोसेमंद ऑफलाइन या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के ज़रिए लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
फाइनेंसिंग ऑप्शन्स की शर्तें एक बैंकिंग फर्म से दूसरी में अलग-अलग हो सकती हैं। इसलिए, किसी भी लोन ऑप्शन चुनने से पहले, सभी ज़रूरी जानकारियों को अच्छे से जांचें ताकि आपको ज़्यादा से ज़्यादा फायदा मिले।
FAQs
वर्किंग कैपिटल लोन कम समय के लिए दिया जाता है जिससे बिज़नेस की रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरी हो सकें, जबकि टर्म लोन लंबे समय के लिए होता है जिससे बिज़नेस को बढ़ाया या नया इनवेस्टमेंट किया जाता है।
सिक्योर्ड लोन एक तरह की बिजनेस लोन फाइनेंसिंग है जिसमें आपको फंडिंग के बदले में अससेट्स गिरवी रखने होते है।
हाँ, कई लेंडर्स बिना कोलैटरल के अनसिक्योर्ड वर्किंग कैपिटल लोन देते हैं। लेकिन कुछ लेंडर्स पर्सनल गारंटी या बिज़नेस अससेट्स पर चार्ज की मांग कर सकते है।
टर्म लोन का रीपेमेंट समय 1 से 15 साल तक हो सकता है।
हाँ, महिलाओं के लिए कई लेंडर्स के पास खास बिज़नेस लोन योजनाएं होती है, जिनमें कम इंटेरेस्ट रेट और आसान शर्तें होती हैं। कुछ अनसिक्योर्ड बिज़नेस ऑप्शन्स है जैसे उद्योगिनी योजना,महिला उद्यम निधि योजना,महिला मुद्रा लोन योजना।
FlexiLoans जैसे कई लेंडर्स बिना कोलैटरल के आपको मनचाही फाइनेंसिंग के लिए ऑनलाइन बिजनेस लोन देते हैं जो पूरी तरह से डिजिटल प्रोसेस होती है। आप वर्किंग कैपिटल लोन या टर्म लोन के लिए आसानी से एप्लीकेशन सबमिट करें और जल्दी मंज़ूरी और फंड डिस्बर्सल का लाभ उठा सकते हैं।
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