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बिज़नेस प्लानिंग प्रोसेस: अपना बिज़नेस प्लान बनाने के स्टेप्स

by
admin
Posted on
Mar 19, 2025
Business Planning process Hindi

व्यवसाय योजना प्रक्रिया किसी भी उद्यमी के लिए बेहद ज़रूरी है क्योंकि ये बिज़नेस की रीढ़ की हड्डी है। इस ब्लूप्रिंट के आधार पर आपका बिज़नेस चलता है। ऐसा समझ लीजिए की ये आपके आइडिया को असलियत में बदलने का रोडमैप है जो आपको आपका विज़न, आपके गोल्स, और सही स्ट्रैटेजी समझने में मदद करता है। जब आपके पास एक क्लियर प्लान होता है तब रिस्क की संभावना कम होती है क्योंकि इससे आप बेहतर डिसीजन ले पाते है, फिर चाहे वो कैपिटल हो, मैनेजमेंट हो या मार्केटिंग की स्ट्रैटेजी तय करनी हो। जब आप बैंक या किसी फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट से लोन लेने जाते हैं, तो यह प्लान आपकी क्रेडिबिलिटी  बढ़ाता है और लोन मिलने की संभावना भी बढ़ती है। चलिए, आसान शब्दों में समझते हैं कि एक अच्छी बिज़नेस स्ट्रैटेजी कैसे बनाएं और अपने लोन के चांसेस कैसे बेहतर करें।

व्यवसाय योजना क्या है? 

एक ब्लूप्रिन्ट जो आपके ये बताता है की आपको अपने व्यवसाय को किस तरह आगे ले जाना है, जिसमें अपना लक्ष्य तय करना, सही स्ट्रैटिजी बनाना, मार्केट को समझना, अपने रिसोर्सेज़ और फ़ाइनेंस की प्लैनिंग, ये सभी शामिल होते है। एक अच्छा बिज़नेस प्लान सही फैसले लेने में मदद करता है और तरक्की का रास्ता  दिखाता है।

लोन के लिए हमें अक्सर कोलैटरल की ज़रूरत पड़ती है। लेकिन जब आपको बिना गिरवी रखे लोन, मशीनरी लोन या वर्किंग कैपिटल के लिए फाइनेंस चाहिए, उस व्यक्त आपका बिज़नेस प्लान का स्ट्रॉंग होना ज़रूरी है क्योंकि बैंक और लोन देने वाली कंपनियाँ आपके बिज़नेस प्लान को ध्यान से जांचेंगी। इसका मतलब ये हुआ की जितना मजबूत आपका प्लान होगा, उतना ही ज़्यादा चांस है कि आपको अच्छा बिज़नस लोन मिल जाए।

सफल बिज़नेस प्लान बनाने के स्टेप्स 

एक मजबूत बिज़नेस प्लान तैयार करने के लिए इस आर्टिकल में दिए गए स्टेप्स को समझे और इन्हें अपनाएं। , जिससे आपको बिज़नेस फंडिंग के लिए सही लोन मिलने में मदद मिले। आइए इसे आसान और सरल स्टेप्स में समझते है।

स्टेप 1: अपनी मौजूदा स्थिति को समझें और विज़न तय करें

सबसे पहले, आपको ये समझना चाहिए की आपका बिज़नेस फिलहाल किस स्थिति में है। इसके लिए सबसे बेहतर तरीका है SWOT एनालिसिस जिसका मतलब है स्ट्रेंथ, वीकनेस, अपॉर्च्युनिटी, थ्रेट्स। इससे आपको ताकि आपको पता चले कि आपकी कंपनी में क्या अच्छा है और कहाँ सुधार की ज़रूरत है।

  • अपने बिज़नेस की खासियत और मजबूत पहलुओं को पहचाने जैसे यूनीक सेलिंग पॉइंट (USP)। 
  • उन बातों पर खास ध्यान दे जिन्हें और बेहतर किया जा सकता है जिससे आपके प्रोडक्ट या सर्विस की क्वालिटी बेहतर होगी।
  • हमेशा मार्केट ट्रेंड पर नजर रखें ताकि ग्रोथ के मौके मिलते रहें।
  • हर तरह के चैलेंज को समझने की और उसे पार करने की तैयारी रखें।
  • ऐसा विज़न तैयार करें जो आपको बिज़नेस में लॉंग टर्म बने रहने में मदद करें। साथ ही आपके बिज़नेस का ऐसा मिशन हो जो आपके मकसद और कोर वैल्यूस को बताए।
  • शॉर्ट, मीडीअम और लॉंग टर्म गोल्स को SMART तरीके से तय करें जैसे कमाई, बाज़ार में हिस्सेदारी, नयापन आदि। SMART मतलब Specific (जो साफ और स्पष्ट हो), Measurable (जो मापा जा सके), Achievable (जो पूरे हो सके), Relevant (ज़रूरी हो) and Time-bound (समय पर पूरे हो)। 

स्टेप 2: मार्केट रिसर्च करें और जानकारी इकट्ठा करें

जितनी ज्यादा जानकारी आपके पास होगी उतनी ही स्मूद आपका बिज़नेस चलेगा। इसलिए इंडस्ट्री, टारगेट मार्केट, ग्राहकों की ज़रूरतों और कॉम्पिटिशन पर रिसर्च करें। मार्केट रिसर्च की इम्पॉर्टन्स को समझे।

  • मार्केट को समझे। मार्केट को अलग-अलग सेगमेंट्स में बांटा जाता है, जैसे कि उम्र, जेंडर, लोकेशन, इनकम ग्रुप, इंटरेस्ट और ज़रूरतें। उसके मुताबिक अपने टारगेट ऑडियंस को समझे। उनकी पसंद- नापसंद, ज़रूरतें और खरीदने के बर्ताव को समझे।
  • आपको मौजूदा कॉमपेटिटर्स की जानकारी होनी ज़रूरी है ताकि आप रेस में बने रहे। इससे आपको स्ट्रैटिजी बनाने में मदद मिलेगी।
  • कुछ बिज़नेस जैसे की क्लोदिंग, ज्वेलरी, फर्निचर आदि में नयापन आते ही रहता है। लोगों को ट्रेंडी रहना पसंद है। इसलिए मार्केट में क्या नया है ये जानना आपके लिए ज़रूरी है वरना आप इस रेस से बाहर हो सकते है।

स्टेप 3 : अपनी बिज़नस स्ट्रेटेजी और मॉडल बनाएं।

अब जब आपने अपना मार्केट रिसर्च कर लिया है, आपको यह तय करना है की आपके बिज़नेस का स्ट्रक्चर और उसका मॉडेल क्या होगा। अपने रिसर्च के रिजल्ट्स को मिलाकर एक मजबूत स्ट्रैटिजी  बनाएं। आपके प्लान में साफ होना चाहिए की आप इस काम्पिटिशन में कैसे  लड़ेंगे और कैसे अपने बिज़नेस को सफल बनाएंगे।

बिज़नेस स्ट्रैटिजी के ज़रूरी पॉइंट्स:

  • यूनिक वैल्यू प्रपोजिशन: आपके बिज़नेस में ऐसा क्या है जो उसे दूसरों से खास बनाता है।
  • टारगेट मार्केट और पोजिशनिंग: इससे आपको पता चलेगा की आपके कस्टमर कौन है और उनकी क्या डिमांड है। साथ ही मार्केट में अपनी पहचान कैसे बनाएंगे?
  • आपके प्रोडक्ट/सर्विस और कीमत। 
  • सेल्स और डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल। 
  • प्रमोशन और मार्केटिंग की स्ट्रेटेजी। 
  • ऑपरेशनल प्रोसेस (काम करने का तरीका) और रिसोर्सेज। 
  • टीम स्ट्रक्चर और मैनेजमेंट। 
  • फाइनेंशियल प्रोजेक्शन और फंडिंग। 

स्टेप 4: अपना बिज़नेस प्लान लिखें और तैयार करें

अब जब आपके पास सारी ज़रूरी जानकारी है, तो इसे एक अच्छे और प्रभावी बिज़नेस प्लान में लिखकर तैयार करें। यह प्लान ऐसा होना चाहिए जो निवेशकों और लोन देने वालों को प्रभावित कर सके।

बिज़नेस प्लान के ज़रूरी सेक्शन:

  1. एग्जीक्यूटिव समरी-  ये आपके पूरे बिज़नेस प्लान का सार है जिसमें आपका विज़न, टारगेट, कैपिटल, टाइमलाइंस ये सभी कम शब्दों में दिखाता है। जब भी आप अपने बिज़नेस आइडिया को किसी के साथ शेयर करना चाहे को इसके जरिए उन्हें काफी अच्छे से सब समझ आ जाएगा। 
  2. कंपनी ओवरव्यू- इसमें बिज़नेस का नाम, फाउंडेशन ईयर, लोकैशन, बिज़नेस स्ट्रक्चर, वर्कर्स ये सभी शामिल है। अब तक जो बड़े अचीवमेंट्स हुए हैं, उन्हें भी शामिल करें।
  3. मार्केट एनालिसिस- आपकी इंडस्ट्री, टारगेट कस्टमर, कस्टमर बिहेवियर और कॉम्पिटिशन का पूरा एनालिसिस करें। अच्छे से समझने के लिए अपने रिसर्च से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारियों का चार्ट बनाएं। 
  4. प्रोडक्टस एण्ड सर्विसेज़- आप अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को अच्छे से समझाएं। उनकी यूनीक फीचर, कीमतें, फायदे और फ्यूचर प्लान्स बताएं। ये भी समझाएं कि कैसे  आपका प्रोडक्ट कस्टमर की ज़रूरतों को पूरा कर सकता।
  5. सेल्स और मार्केटिंग स्ट्रैटिजी- अपने बिज़नेस को सभी तक पहुंचाने के लिए मार्केटिंग ज़रूरी है। अपने बिज़नेस प्लान में प्रमोशनल तरीके शामिल करें और उससे जुड़े सेल्स प्रोसेस, डिस्ट्रीब्यूशन चैनल्स और ग्रोथ स्ट्रेटेजी भी। 
  6. ऑपरेशंस प्लान – बिज़नस मॉडल, काम करने का तरीका, प्रोडक्शन प्रोसेस, सप्लाई चेन, क्वालिटी कंट्रोल के तरीके और स्टाफ की ज़रूरत, ये सभी बिज़नेस के ऑपरेशंस है। इनकी सही प्लैनिंग ज़रूरी है। अपने रिसोर्सेज और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दे। 
  7. मैनेजमेंट और ऑर्गेनाइजेशन- बिज़नेस की मैनेजमेंट टीम जिसमें  एडवाइज़र और बोर्ड मेंबर्स होते है, उन सभी की जिम्मेदारियाँ सही से बांटें। बेहतर समझ के लिए  ऑर्गनाइज़ेशन चार्ट बनाएं और हर मेम्बर की रिस्पांसिबिलिटी मेन्शन करें।
  8. फाइनेंशियल प्लान- पिछले फाइनेंशियल रिकॉर्ड और आने वाले 3-5 साल के फाइनेंशियल प्रोजेक्शंस ज़रूर  बनाएं। इसमें इनकम स्टेटमेंट, बैलेंस शीट, कैश फ्लो स्टेटमेंट, ब्रेक-ईवन एनालिसिस और ज़रूरी फाइनेंशियल रेशियो जोड़ें। अपनी लोन की ज़रूरतें, फंड्ज का इस्तेमाल और लोन रीपेमेंट प्लान भी साफ लिखें।

स्टेप 5: अपने बिज़नेस प्लान को रिव्यू करें, ज़रूरी सुधार करें और उसे लागू करें।

बिज़नस प्लान का ड्राफ्ट तैयार हो जाने पर अपनी टीम, एडवाइज़र्स, मेंटर्स या बिज़नेस कोच से रिव्यू ज़रूर करवाएं। उनका फीडबैक ये जानने में मदद करेगा की आपकी प्लैनिंग रियलिस्टिक , अचीवेबल और इन्वेस्टर्स या बैंकों  को लुभाने लायक है या नहीं। उनकी राय के हिसाब से अपनी प्लैनिंग में सुधार करें और बेहतर बनाएं। जब भी आपको इनवेस्टमेंट की ज़रूरत होगी ये बिज़नेस प्लान आपको ज़रूरी बिज़नेस लोन या MSME लोन दिलाने में मददगार साबित होगा। 

निष्कर्ष

किसी भी बिज़नेस के लिए प्लैनिंग ज़रूरी होती है। खासकर के MSMEs के लिए को अच्छी ग्रोथ और MSME लोन लेना चाहते हैं। बिज़नेस के बेहतरीन ग्रोथ के लिए अपना विज़न साफ रखें, सही तरीके से मार्केट रिसर्च करें, मजबूत स्ट्रेटेजी बनाएं और आपका इन सभी को मिलकर एक बिज़नेस प्लान में तब्दील करें। इससे आप बिज़नस लोन के लिए आपकी एलिजिबिलिटी कई गुना बढ़ सकती है। 

अगर आप बिना कुछ गिरवी रखे बिज़नस लोन के लिए एक भरोसेमंद साथी की तलाश में हैं, तो FlexiLoans एक सही चुनाव है।  FlexiLoans एक फिनटेक ऑर्गेनाइजेशन है जो MSMEs को बिना कुछ गिरवी रखे, जल्दी और बिना किसी झंझट के बिज़नस लोन देती है। भले ही आपकी क्रेडिट हिस्ट्री कम क्यों न हो। कम से कम डॉक्यूमेंटेशन के साथ आप ऑनलाइन बिज़नस लोन के लिए आसानी से अप्लाई कर सकते हैं और 24-48 घंटों में फंड पा सकते हैं।

तो आपके आइडिया को असलियत में बदलने के लिए आज ही पहला कदम उठाएं, अपनाबेहतरीन बिज़नस प्लान बनाना शुरू करें और अपने सपनों को हकीकत में बदलें। 

FAQs

बिज़नेस प्लान के ज़रूरी हिस्से क्या होते हैं?

एग्ज़ीक्यूटिव समरी 
कंपनी ओवरव्यू 
मार्केट एनालिसिस 
प्रोडक्ट्स/सर्विसेज
मार्केटिंग और सेल्स स्ट्रेटजी
ऑपरेशंस प्लान 
मैनेजमेंट और ऑर्गनाइज़ेशनफाइनेंशियल प्लान
एपेंडिक्स

बिज़नेस प्लान कितना लंबा होना चाहिए?

बिज़नेस प्लान आपके बिज़नेस के स्ट्रक्चर और आपके मिशन पर निर्भर करता है। हालांकि प्लान को छोटा लेकिन समझने लायक और इंटरेस्टिंग होना चाहिए। आमतौर पर, एक अच्छा बिज़नेस प्लान 15 से 40 पेज के बीच होता है, जिसमें ज़रूरी चार्ट्स और सपोर्टिंग डॉक्युमेंट्स शामिल हो सकते हैं।

बिज़नेस प्लान मुझे बिज़नेस लोन पाने में कैसे मदद कर सकता  है?

मनचाहे बिज़नेस लोन के लिए मजबूत बिज़नेस प्लान ज़रूरी होता है। इससे लेंडर्स को आपकी कैपेबिलिटी, मार्केट पज़िशन, मैनेजमेंट , क्रेडिट हिस्ट्री और फाइनेंशियल प्रोजेक्शन समझने में मदद मिलती है। अगर आपका प्लान भरोसेमंद है  तो लोन मिलने के चांस बढ़ जाते है और बेहतर शर्तों पर फंडिंग मिल सकती है।

मुझे अपना बिज़नेस प्लान कितनी बार अपडेट करना चाहिए?

बिज़नेस प्लान को साल में एक बार रिव्यू ज़रूर करना चाहिए या तब जब आप मार्केटिंग, काम्पिटिशन, फाइनैन्स  जैसे कोई बदलाव कर रहे हो।

बिज़नेस लोन के क्या फायदे हैं?

बिज़नेस लोन के कुछ फायदे नीचे दिए गए हैं:
कैपिटल मिलने में मदद। 
कैश फ्लो मैनेजमेंट। 
इनवेस्टमेंट के मौक। 
क्रेडिट स्कोर में सुधार। 
टैक्स में छूट। 
अलग-अलग फाइनेंसिंग ऑप्शन। 
बिज़नेस रिलेशनशिप मजबूत करना। 
ओनरशिप बनाए रखना। 
बिज़नेस को बढ़ाने की क्षमता। 
रिस्क मैनेजमेंट।

कोलेटरल-फ्री का क्या मतलब है?

कोलेटरल-फ्री बिज़नेस लोन का मतलब है कि आपको अपने बिज़नेस के लिए लोन लेते व्यक्त कोई संपत्ति ये सिक्युरिटी गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं।


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