जीएसटी में कितने टैक्स स्लैब हैं
Nov 14, 2024
Goods and Services Tax (GST) लागू होने से भारत में टैक्स से संबंधित बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिला हैl भारत में पहले जो अलग-अलग प्रकार के टैक्स लगाए जाते थे, उनसे पब्लिक और सरकार, काफी ज्यादा Confuse हो जाती थी। लेकिन गुड्स और सर्विस टैक्स लागू होने के बाद अब टैक्स कैलकुलेशन काफी ज्यादा आसान हो चुकी है। इसके अलावा अब हमें पहले की तुलना में कम टैक्स का भुगतान भी करना पड़ता है। पहले हमें एक ही ट्रांजैक्शन पर कई बार अलग-अलग प्रकार का टैक्स देना पड़ता था।
लेकिन जीएसटी के लागू होने से सारे परेशानी का हल अब हो चुका है। गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू होने के बाद अब टैक्स की कैलकुलेशन काफी ज्यादा आसान हो चुकी है,जिसके कारण अब आम आदमी आसानी से टैक्स की कैलकुलेशन कर सकता है। पहले के मुकाबले में अब टैक्स कैलकुलेशन बहुत कम करनी पड़ती है। जीएसटी के लिए अलग-अलग Slab Rate बनाई गई है। Slab Rate (जीएसटी दर स्लैब) के आधार पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा । चलिए इस पोस्ट के माध्यम से जीएसटी की सभी Slab Rate के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
जीएसटी के प्रकार l Types of GST
CGST
Central Goods & Services Tax को Goods & Services पर लागू किया जाता है। Central Goods and Services Tax Act 2016, को केंद्र सरकार के द्वारा केंद्र स्तर पर जीएसटी वसूलने के लिए लागू किया गया है। केंद्रीय बिक्री कर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, और अतिरिक्त सीमा शुल्क को सीजीएसटी में शामिल किया जाता है।
SGST
प्रत्येक राज्य में Goods और Service पर टैक्स का भुगतान करना पड़ता हैl राज्य स्तर पर जो जीएसटी लागू किया गया है, उसे सजीएसटी कहा जाता है । राज्य बिक्री कर, मनोरंजन कर और लॉटरी शुल्क को एसजीएसटी में शामिल किया गया है।
IGST
जब भी एक स्टेट से दूसरे स्टेट में कोई भी Goods को सप्लाई किया जाता है या फिर कोई सर्विस दी जाती है, तो IGST को लागू किया जाता है। एक स्टेट से दूसरे स्टेट की ट्रांजैक्शन पर यह जीएसटी लागू होता है।
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जीएसटी दर स्लैब । Input Tax Credit Under Gst Slab Rates
जब हम किसी भी प्रोडक्ट को खरीदते हैं, तो हमें उस प्रोडक्ट को खरीदते समय जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है। जब हम उस प्रोडक्ट को आगे किसी व्यक्ति को अगर सेल कर रहे हैं, तो सेल्स पर भी हमें जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है। अब ऐसी सिचुएशन में आपको इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलेगा। जिसके अंतर्गत खरीद और सेल पर जितनी जीएसटी का भुगतान आपने किया है, उन दोनों का अंतर निकाला जाएगा । Suppliers, Distributors, Producers और Retailers, टैक्स क्रेडिट के लिए Claim कर सकते हैं।
जीएसटी के अंतर्गत Tax Slab l GST Tax Slab Rate in India
गुड्स एंड सर्विस टैक्स, में विभिन्न प्रकार की Slab Rate का निर्धारण किया गया है। गुड्स और सर्विस दोनों पर अलग-अलग क्षेत्र के आधार पर जीएसटी वसूला जाता है। जो भी सर्विस या फिर गुड्स की है, उन्हें Slab Rate(जीएसटी के अंतर्गत Tax Slab) के आधार पर ही जीएसटी का भुगतान करना होगा। चलिए लिस्ट के माध्यम से गुड्स एंड सर्विस टैक्स की Slab Rate के बारे में जान लेते हैं।
GST rates for Goods
Tax Rate Slab | Products |
28% | छोटी कारें, एसी और रेफ्रिजरेटर जैसी उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं |
18% | हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, साबुन जैसी व्यक्तिगत देखभाल की वस्तुएं |
12% | कंप्यूटर, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और सब्जियाँ |
5% | घरेलू सामान जैसे मसाले, कॉफी, पैक्ड पनीर, चीनी, चाय खाद्य तेल |
0 | खाद्यान्न जैसे चावल, गेहूं, दूध, दही, लस्सी, आदि |
GST rates for services
Tax Rate Slab | |
28% | मनोरंजन सुविधा, वॉटर पार्क, थीम पार्क और 5-सितारा होटल जैसे मनोरंजन कार्यक्रम |
18% | शराब लाइसेंस वाले रेस्तरां में भोजन या पेय और आउटडोर खानपान |
12% | एसी और चिटफंड सेवाओं के बिना रेस्तरां में भोजन/पेय |
5% | रेलवे, यात्री, हवाई यात्रा, और टूर ऑपरेटर सेवाएँ |
0% | शिक्षा सेवाएँ, स्वास्थ्य सेवाएँ |
There are four different types of GST rates in India
जीएसटी के अंतर्गत Tax Slab l GST Slab of 5% l
अगरबत्ती, कटा हुआ सूखा आम, काजू, चॉकलेट, हस्तनिर्मित कालीन, कॉफी, कोयला, उर्वरक, चाय, लाइफबोट, चीनी, तेल, मसाले, आयुर्वेदिक दवाएं, मछली का बुरादा, गैर-ब्रांडेड नमकीन, और जीवन रक्षक फार्मास्यूटिकल्स, जैसी सभी Item पर 5% तक जीएसटी लिया जाता हैl रेलवे, एयरलाइंस, टेकअवे भोजन, एसी और गैर-एसी रेस्तरां, 7,500 से कम दर वाले होटल के कमरे, और Special flights पर भी इतने प्रतिशत ही जीएसटी लगता हैl
GST Slab of 12%
सेल फोन, सिलाई मशीनें, छाते, आभूषण बक्से, जमे हुए फलों के रस, मक्खन, मांस, पनीर और ghee को इस कैटेगरी में शामिल किया गया है। इसके अलावा बिजनेस क्लास Airlines टिकट, सिनेमा टिकट पर ₹100 तक का डिस्काउंट भी आपको मिलेगा।
GST Slab of 18%
आइसक्रीम, मिनरल वाटर, हेयर शैम्पू, ऑयल पाउडर, वॉटर हीटर, कटलरी, दूरबीन, कृत्रिम फूल, वॉशिंग मशीन, डिटर्जेंट, खुशबू वाले स्प्रे, चमड़े के कपड़े, कुकर, तेल पाउडर, हेयर ऑयल, सेफ्टी ग्लास, पास्ता, पेस्ट्री,कलाई घड़ियाँ, सूटकेस, ब्रीफकेस, शेविंग, आफ्टर-शेव, फर्नीचर, स्टेशनरी आइटम, गद्दा मॉनिटर, टेलीविजन स्क्रीन, लिथियम-आयन बैटरी और ऐसे होटल जहां पर 7500 से ज्यादा कस्टमर आते हैं और होटल का बिल 7500 से ज्यादा आएगा, तो उस पर यही Slab Rate लगती है।
GST Slab of 28%l जीएसटी के अंतर्गत Tax Slab
लगभग 200 से ज्यादा प्रोडक्ट को जीएसटी की इस Slab Rate में शामिल किया गया है। ऑटोमोबाइल, सिगरेट, टिकाऊ उपभोक्ता सामान, हाई-एंड मोटरबाइक, पान मसाला, वेइंग मैक और cement आदि।
घुड़दौड़ और कैसीनो जुआ में भी 28% तक जीएसटी देना होगा। इसके अलावा होटल में रुकने का बिल 7500 से ज्यादा होगा, तो उस पर भी जीएसटी लगेगा।
Current GST Slabs in India
GST on Loans
जब भी किसी व्यक्ति के द्वारा लोन लिया जाता है, तो पहले लोन लेते समय उसे जीएसटी का भुगतान नहीं करना पड़ता था। लेकिन जब से जीएसटी लागू हुआ है, तब से लेनदार को जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है। लेकिन जीएसटी के जितने भी प्रतिशत होगी ,वह जीएसटी की कैलकुलेशन प्रिंसिपल अमाउंट या फिर इंटरेस्ट पर नहीं निकाली जाएगी।
प्रोसेसिंग फीस और अन्य Expenses पर जीएसटी कैलकुलेट किया जाएगा। अगर आप लोन की रीपेमेंट करने के लिए लेट हो जाते हैं, तो आपको लोन रीपेमेंट चार्ज भी देना होगा और लोन रीपेमेंट चार्ज पर भी जीएसटी लागू होता है। पहले जब जीएसटी लागू नहीं होता था, तब लोन पर सर्विस टैक्स चार्ज किया जाता था। जो लगभग 15 प्रतिशत के आसपास होता था, अब लोन पर जीएसटी 18% लगता है।
GST on Automobiles
ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी जीएसटी को लागू किया गया है, अगर आप पर्सनल के लिए कोई भी वाहन खरीदते हैं, जो पेट्रोल या डीजल से चलता है तो उस पर आपको 28% तक जीएसटी का भुगतान करना होगा । अगर आप कार खरीदते हैं, तो कार पर आपको 29% से 50% तक जीएसटी का भुगतान करना पड़ सकता हैl पेट्रोल और डीजल की तुलना में इलेक्ट्रिक व्हीकल और हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन पर बहुत कम जीएसटी आपको देना होगा। इसके अलावा इस प्रकार के वाहनों पर सब्सिडी भी सरकार की ओर से दी जा रही है।
GST on gold
gold-based commodities पर 3% तक जीएसटी लिया जाता है। इसके अलावा ज्वेलरी बनाने के लिए मैन्युफैक्चर के द्वारा ग्राहक से 5% तक जीएसटी को लिया जा सकता है । लेकिन जब इनपुट क्रेडिट टैक्स के माध्यम से जीएसटी रिटर्न के लिए फाइल दाखिल की जाएगी, तो फाइनल बिल का 3% तक ही इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिल सकता है।
GST On Real Estate
जब भी आप कोई रेडी टू मूव हाउस खरीदते हैं या बना हुआ घर खरीदते हैं, तो उस पर आपको जीएसटी का भुगतान नहीं करना होगा। इसके अलावा रेजिडेंशियल ट्रांजैक्शन पर आपको 19% तक जीएसटी देना होगा। इसके अलावा Residential Real State में non-affordable पर 5% जीएसटी का भुगतान करना होगा। इसके अलावा affordable housing properties पर आपको एक प्रतिशत तक जीएसटी देना होगा ।
GST on Food
फूड आइटम पर भी जीएसटी लागू किया जाता है। लेकिन फ्रेश फूड आइटम पर जीएसटी नहीं लिया जाता है। अगर पैकिंग वाली फूड आइटम है, तो उन पर 5% से 18% तक जीएसटी वसूला जाता है। बाकी चॉकलेट या फिर बनी हुई बेक्ड आइटम पर 18% तक जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है, इस के अलावा कुछ फूड आइटम ऐसी भी है, जिन पर 28% जीएसटी देना होता है।
Upcoming products in GST Rates Slab
द्वारा जब से जीएसटी को लागू किया गया है, तब से हर सेक्टर में टैक्स कैलकुलेशन को काफी आसान बना दिया गया है। लेकिन कुछ सेक्टर अभी भी ऐसे हैं, जहां पर सरकार को कुछ संशोधन करने की आवश्यकता है। इसीलिए सरकार के द्वारा जल्द ही कुछ क्षेत्र में जीएसटी Slab Rate से संबंधित संशोधन किया जा सकता है। चलिए जान लेते हैं कि किन क्षेत्र में जीएसटी Slab Rate से संबंधित बदलाव किए जा सकते हैं।
भूमि, पेट्रोलियम उत्पाद- पेट्रोल और डीजल, बिजली अन्य
How GST Rate Impact the Economy
जब से भारत सरकार के द्वारा जीएसटी को लागू किया गया है, तभी से भारतीय Economy में काफी बड़ा बदलाव देखने के लिए मिला है। जीएसटी सिंगल टैक्स स्ट्रक्चर है। जीएसटी लागू होने के कारण आपको बार-बार एक ही चीज पर बार-बार टैक्स नहीं देना होगा। जीएसटी लागू होने से कई तरह के प्रभाव इंडियन इकोनॉमिक हुए हैं। चलिए विस्तार से एक-एक करके जान लेते हैं।
Single/Uniform Tax Regime
जीएसटी लागू होने से पहले भारत में अलग-अलग प्रकार के टैक्स वसूले जाते थे, लेकिन जब से भारत में जीएसटी लागू हुआ है। तब से टैक्स कैलकुलेशन की प्रक्रिया काफी ज्यादा आसान हो चुकी है और अब सिर्फ एक ही प्रकार Tax देना होगा, जिसका नाम जीएसटी है।
Increased Exports
जीएसटी लागू होने के बाद अब प्रोडक्ट के मैन्युफैक्चर करने की कास्ट बहुत कम हो गई है। जिसके कारण अब एक्सपोर्ट कास्ट भी कम होगी, जिसके कारण एक्सपोर्ट बढ़ गया है।
Increased Competition
जीएसटी के लागू होने के कारण कंपटीशन भी काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा है। क्योंकि मैन्युफैक्चर कास्ट अब कम हो चुकी है । जिसके कारण कस्टमर भी यही चाहते हैं कि उन्हें कम से कम प्राइस पर अच्छा प्रोडक्ट मिले। इसलिए सभी कंपनियों बीच में काफी कंपटीशन हो गया है।
Simple Structure
जब भारत में जीएसटी लागू नहीं हुआ था, तो विभिन्न प्रकार की टैक्स वसूले जाते थे। जिसके कारण टैक्स कैलकुलेशन की प्रक्रिया काफी ज्यादा मुश्किल हो गई थी। लेकिन अब जीएसटी लागू होने के कारण टैक्स कैलकुलेशन की प्रक्रिया काफी ज्यादा आसान हो चुकी है। आप आसानी से टैक्स को कैलकुलेट कर सकते हैं।
Conclusion
जब से भारत सरकार के द्वारा जीएसटी को लागू किया गया है, कुछ सेक्टर ऐसे हैं, जहां पर जीएसटी लागू होने के कारण काफी ज्यादा फायदा अच्छा Supplier और Service Provider को मिला हैl इसके अलावा कुछ सेक्टर ऐसे भी हैं, जहां पर जीएसटी लागू होने के कारण ज्यादा टैक्स का भुगतान करना पड़ रहा हैl क्योंकि अलग-अलग कैटेगरी के हिसाब से अलग-अलग Slab Rate निर्धारित की गई हैlउन Slab Rate के आधार पर ही जीएसटी का भुगतान किया जाता हैl अगर आप जीएसटी का भुगतान करते है, तो आपको इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ भुगतान भी मिलेगा। इस पोस्ट के माध्यम से हमने आपको जीएसटी के संबंध में पूरी जानकारी विस्तार से दे दी है। बाकी जीएसटी के बारे में अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए आप भारत सरकार के द्वारा जारी किए गई गाइडलाइंस को चेक कर सकते हैं।